उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को एक ग्लेशियर टूटने से भयंकर तबाही हुई है। उत्तराखंड में तबाही पर ITBP के डीजी ने कहा कि तपोवन NTPC प्लांट से करीब 10 शव बरामद किए गए हैं। हादसे के समय NTPC प्लांट में 100 लोग काम कर रहे थे। ग्लेशियर टूटने से तपोवन टनल ब्लॉक होने जाने से उसमें करीब 15 मजदूर फंसे हुए हैं उन्हें बचाने का काम जारी है। चमोली पुलिस ने बताया कि पानी का बहाव कर्णप्रयाग पहुंच गया है, नदी का जल स्तर सामान्य है और आपदा प्रभावित जगहों पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने हादसे में 150 लोगों की मौत की आशंका जताई है।
उत्तराखंड के चमोली से दुखद खबर है। यहां ग्लेशियर के टूटने के बाद अचानक बढ़े जल स्तर से ऋषि गंगा प्रोजेक्ट में कॉपर डैम टूट गया है। न्यूज एजेंसी PTI ने अधिकारियों को हवाले से जानकारी दी कि इस प्रोजेक्ट में काम कर रहे करीब 150 कर्मचारी लापता हैं। चमोली के जिलाधिकारी ने अधिकारियों को धौलीगंगा नदी के किनारे बसे गांवों में रहने वाले लोगों को बाहर निकालने का निर्देश दिया है। चमोली पुलिस ने बताया कि तपोवन इलाके में एक ग्लेशियर के टूटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट क्षतिग्रस्त हो गया है। अलकनंदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जाती है।
Regarding the natural disaster in Uttarakhand, I've spoken to CM TS Rawat, DGs of ITBP & NDRF. All officers concerned are working on a war footing to rescue people. NDRF teams have left for rescue operations. Every possible help will be provided to Devbhoomi: HM Amit Shah pic.twitter.com/9NZ9K739XV
— ANI (@ANI) February 7, 2021
ITBP की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, नदी किनारे बने कई मकान भी पानी में बह गए हैं। ITBP के जवान मौके की तरफ रवाना हो गए हैं। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर कहा है कि चमोली ज़िले से एक आपदा का समाचार मिला है। ज़िला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं। किसी भी प्रकार की अफ़वाहों पर ध्यान ना दें । सरकार सभी ज़रूरी कदम उठा रही है।
स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, डैम टूटने की ये घटना करीब 10 सवा दस बजे के आस पास हुई। घटना स्थल पर 70 से 75 लोग मौजूद थे। जिनमें से कुछ लोगों के बहने की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने यहां रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। एसडीआरएफ और अन्य टीमें यहां पर पहुंच चुकी हैं। गनीमत की बात ये है कि स्थानीय जनसंख्या बांध टूटने से प्रभावित नहीं हुई है लेकिन उन्हें अलर्ट जारी कर दिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि एसडीआरएफ घटना स्थल पर पहुंच गई हैं। बाकी टीमें रास्ते में हैं, जल्द ही घटना स्थल पर पहुंच गई है। निचले इलाकों में अलर्ट कर दिया गया है क्योंकि बांध टूटने के बाद पानी तेजी से निचले इलाकों की तरफ जा रहा है। फंसे हुए लोगों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यहां चल रहे दो बड़े प्रोजेक्ट्स को बड़ा नुकसान हुआ है लेकिन प्रशासन की पहली प्राथमिकता फंसे हुए लोगों की निकालने की है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने हादसे के बाद ट्वीट कर कहा, ‘उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं. भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है और राष्ट्र सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है. वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात कर रहे हैं और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव कार्य और राहत कार्यों में अपडेट प्राप्त कर रहे हैं.’
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने एएनआई से बात करते हुए कहा, ‘ग्लेशियर टूटने से चमोली जिले में आई बाढ़ में 100-150 लोगों के हताहत होने की आशंका है.’