राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज 73वीं पुण्यतिथि है। नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या की थी। जिस वक्त गोडसे ने बापू की हत्या को अंजाम दिया उस वक्त वो दिल्ली के बिड़ला भवन में शाम की प्रार्थना सभा से उठ रहे थे। तभी भीड़ में से एक व्यक्ति निकलकर गांधीजी के सामने आया, उसका नाम नाथूराम गोडसे था। उसने दोनों हाथ जोड़ रखे थे और हाथों के बीच में रिवॉल्वर छिपा रखी थी। कुछ ही सेकंड में नाथूराम ने रिवॉल्वर तानी और एक के बाद एक तीन गोलियां गांधीजी पर चला दीं। वारदात के तुरंत बाद ही नाथूराम गोडसे को गिरफ्तार कर लिया गया था। बापू की हत्या के आरोप में गिरफ्तार गोडसे पर शिमला की अदालत में ट्रायल चला और 15 नवम्बर, 1949 को उसे फांसी की सजा सुना दी गई।
कभी गोडसे के आदर्श हुआ करते थे गांधी
ये पढ़कर भले ही आपको आश्चर्य हो लेकिन ये सच है कि किसी जमाने में नाथूराम गोडसे के आदर्श भी महात्मा गांधी ही थे। महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन के सिलसिले में नाथूराम गोडसे को पहली बार जेल जाना पड़ा था। लेकिन, देश के बंटवारे के बाद नाथूराम गोडसे का मन बापू और उनके विचारों के विपरीत दिशा में बहने लगा। गोडसे के मन में बापू के प्रति कटुता बढ़ती चली गई। इस दौरान वीर सावरकर को गोडसे अपना गुरु मान चुका था।
गोडसे ने बापू को क्यों मारा?
दरअसल, गोडसे के मन में गांधी के खिलाफ कटुता तो पहले ही पनप चुकी थी लेकिन आजादी के वक्त कई फैसलों और घटनाओं ने गोडसे को और मजबूत कर दिया। बताया जाता है कि गोडसे, महात्मा गांधी के उस फैसले के खिलाफ था जिसमें वह चाहते थे कि पाकिस्तान को भारत की तरफ से आर्थिक मदद दी जाए। इसके लिए बापू ने उपवास भी रखा था। उसे य् भी लगता था कि सरकार की मुस्लिमों के प्रति तुष्टीकरण की नीति गांधीजी के कारण है। गोडसे का मानना तो ये भी था कि भारत के विभाजन और उस समय हुई साम्प्रदायिक हिंसा में लाखों हिन्दुओं की हत्या के लिए महात्मा गांधी जिम्मेदार थे।
अदालत में नाथूराम गोडसे ने क्या बयान दिया?
नाथूराम गोडसे ने 8 नवम्बर 1948 को कोर्ट के सामने 90 पन्नों का बयान पढ़ा था, जिसमें गोडसे ने कहा था कि ‘मैंने वीर सावरकर और गांधी जी के लेखन और विचार का गहराई से अध्ययन किया है। जिसने मेरा विश्वास पक्का किया कि बतौर राष्ट्रभक्त और विश्व नागरिक मेरा पहला कर्तव्य हिन्दुत्व और हिन्दुओं की सेवा करना है। 32 सालों से इकट्ठा हो रही उकसावेबाजी, नतीजतन मुसलमानों के लिए उनके आखिरी अनशन ने आखिरकार मुझे इस नतीजे पर पहुंचने के लिए प्रेरित किया कि गांधी का अस्तित्व तुरंत खत्म करना ही चाहिए।’
बापू की हत्या के बाद उनके बेटे से मिला था गोडसे
बापू की हत्या करने के बाद और फांसी की सजा सुनाए जाने से पहले गोडसे उनके बेटे देवदास गांधी से मिला था। इस संदर्भ में ”मैंने गांधी वध क्यों किया” में लिखा है कि, ”देवदास (गांधी के पुत्र) शायद इस उम्मीद में आए होंगे कि उन्हें कोई वीभत्स चेहरे वाला, गांधी के खून का प्यासा कातिल नजर आएगा। लेकिन, नाथूराम सहज और सौम्य थे। उनका आत्म विश्वास बना हुआ था। देवदास ने जैसा सोचा होगा, उससे एकदम उलट।”
बापू की पुण्यतिथि पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमन किया है. इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी ने भी महात्मा गांधी की नमन किया है. लेकिन इसे लेकर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर हमला बोला है.
बीजेपी ने बापू की पुण्यतिथि में ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर शत्-शत् नमन.’ इसको लेकर आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने पलटवार किया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘पहले बोलो नाथूराम गोडसे देशद्रही था.’ पहले बोलो नाथूराम गोडसे देशद्रही था।
गोडसे का महिमा मंडन करते रहे हैं बीजेपी नेता
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को महिमा मंडन करते रहे हैं. इनमें भोपाल से बीजेपी की सांसद साध्वी प्रज्ञा भी शामिल हैं, जो अक्सर नाथूराम गोडसे के पक्ष में बयान देती रही हैं. यहां तक की बीजेपी शासित राज्य मध्य प्रदेश में गोडसे की जयंती भी मनाई गई थी. इतना ही नहीं, मध्य प्रदेश में गोडसे की प्रतिमा स्थापित की गई थी और ग्वालियर में ‘गोडसे ज्ञानशाला’ भी शुरू की गई है. हालांकि गोडसे को लेकर भारतीय जनता पार्टी के आलाकमान और प्रधानमंत्री की ओर से अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की गई है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बापू को किया नमन
आज बापू की 73वीं पुण्यतिथि पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें नमन किया. राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘मैं कृतज्ञ राष्ट्र की तरफ से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. हमें शांति, अहिंसा, सादगी, साधनों की पवित्रता और विनम्रता के उनके आदर्शों का पालन करना चाहिए. आइए हम उनके सत्य और प्रेम के मार्ग पर चलने का संकल्प लें.’
आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अमर-बलिदान के दिन कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उनकी पुण्य स्मृति को मैं नमन करता हूं। शांति, अहिंसा, सादगी, साधनों की पवित्रता और विनम्रता के उनके आदर्शों का हमें पालन करना चाहिए। आइए हम उनके द्वारा दिखाए गए सत्य और प्रेम के मार्ग पर चलने का संकल्प लें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बापू की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘महान बापू को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि. उनके आदर्श लाखों लोगों को प्रेरित करते रहते हैं.’ प्रधानमंत्री ने ये भी लिखा, ‘शहीद दिवस पर हम उन सभी महान महिलाओं और पुरुषों के वीर बलिदानों को याद करते हैं, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता और प्रत्येक भारतीय की भलाई के लिए खुद को समर्पित किया.’