दिल्ली के राजपथ पर आज देश की सांस्कृतिक विविधता में एकता, अखंडता और सैन्य ताकत की झलक के साथ एक भारत, श्रेष्ठ भारत को चरितार्थ करता न्यू इंडिया की श्रेष्ठता की शक्ति इसकी भौगोलिक और सामाजिक विविधता का समागम का दर्शन हुआ । आज राजपथ पर देश के चार प्रमुख मंदिरों और धार्मिक स्थलों को प्रदर्शित किया गया । इसमें अयोध्या का श्रीराम मंदिर, उत्तराखंड का केदारनाथ मंदिर, दिल्ली का गौरीशंकर मंदिर, शीशगंज गुरुद्वारा, बेपिस्ट सेंट्रल चर्च और दिगंबर लाल जैन मंदिर के जरिये गंगा-जमुनी तहजीब का दर्शन हुआ ।
राजपथ पर इस बार बहुत कुछ पहली बार होगा ।
यह पहला मौका है जब बांग्लादेश के जवान परेड में भाग लिए । कोरोना काल में हो रहे गणतंत्र दिवस समारोह की परेड एक नया इतिहास लिकहा गया है। इस परेड में पहली बार बांग्लादेश के जवान भी राजपथ पर मार्च करते नजर आएं। 26 जनवरी को बांग्लादेश के सशस्त्र बल के 122 जवान अपने भारतीय समकक्षों के साथ राजपथ पर मार्च करेंगे। बांग्लादेश के जवान न केवल पहली बार भारत के गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने पर गर्व महसूस करेंगे, बल्कि इसके जरिए वे भारत के उन जवानों के प्रति आभार भी व्यक्त कर रहे होंगे, जिन्होंने बांग्लादेश की मुक्ति के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
कोरोना से जूझते पूरे विश्व के लिए नई उम्मीद बनी स्वदेशी वैक्सीन की चमक भी राजपथ पर दिखेगी। इसके जरिये पूरे विश्व को स्वदेशी व आत्मनिर्भर भारत के मंत्र से चमत्कृत किया जाएगा। झांकियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नए भारत को लेकर उनकी दूरदर्शिता की पूरी झलक मिलेगी। इसके साथ वायुसेना में शामिल लड़ाकू फाइटर राफेल आकर्षण का केंद्र होगा। राफेल के अलावा सुखोई, मिग, मिराज और स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस आदि भी पराक्रम की झलक पेश करेंगे। तीनों सेनाओं के साथ अर्धसैनिक बलों के 18 दस्ते सलामी मार्च में हिस्सा लेंगे।
राजपथ पर निकलने वाली झांकियों में भारत की सांस्कृतिक आध्यत्मिक झलक दिखती है तथा इसके साथ स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत का भव्य स्वरूप का दर्शन होगा । इस बार उत्तरप्रदेश की झांकी सबसे ज्यादा आकर्षित करेगी जिसमे राजपथ पर अयोध्या की धरोहर, भव्य राम मंदिर की प्रतिकृति, दीपोत्सव की झलक और पौराणिक ग्रंथ रामायण का प्रदर्शन होंगा तो उत्तराखंड की झांकी ‘केदारखंड’ के साथ द्वादश ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ धाम और हिमालय की मनोरम छटा भी देखने को मिलेगी। वही गुजरात की झांकी में सूर्य मंदिर तो तमिलनाडु की झांकी मर शोर मंदिर , पंजाब की झांकी में श्री गुरु तेग बहादुर जी का 400 वां प्रकाश वर्ष का दर्शन होगा । आयुष मत्रालय के तरफ से ओजो भारत, तेजो भारत का स्वरूप पेश होंगा , सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय न्यू इंडिया का दर्पण पेश करेगा । बायोटेक्नोलाजी विभाग की झांकी में वैक्सीन की प्रतिकृति लोगों में उत्साह का संचार करेगी।
राजपथ पर इस बार देश की धार्मिक संस्कृति की झलक के साथ शक्तिशाली, मजबूत और बुलंद भारत का विहंगम दृश्य दिखाई दिया । 2017 के बाद एक बार फिर एनएसजी यानी नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) के ब्लेक कमांडो राजपथ पर अपना दमखम दिखएंगे । इसके साथ ब्रह्मोस मिसाइल हो या फिर दुश्मन के कम्युनिकेशन-सिस्टम को जाम करने वाली समविजय इलेक्ट्रोनिक-वॉरफेयर सिस्टम, टी-90 टैंक और इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल, आईसीवी-सारथ
टी-72 ब्रिज लेयिंग टैंक ,पिनाका मल्टीलॉन्च रॉकेट सिस्टम के साथ थलसेना के मार्चिंग दस्ते में जाट रेजीमेंट, गढ़वाल राईफल्स, महार रेजीमेंट, जम्मू-कश्मीर राईफल्स (जैकरिफ), इंजीनियर्स कोर और मद्रास रेजीमेंट की टेरिटोरियल आर्मी की टुकड़ियां दिखाई पड़ेंगी । सर्जिकल स्ट्राइक वाली स्पेशल कमांडों फोर्स, केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और परमाणु हमले को झेलने वाले विशेष शूट पहने दस्ता , लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर ध्रुव को दुनिया देखेगी । इस साल कोरोना महामारी के कारण सोशल डिस्टेंसिंग बरक़रार रखने के लिए मोटरसाइकिल स्टंट शामिल नहीं किया गया है जबकि पहली बार परेड में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख़ की झांकी शामिल हुई ।
गणतंत्र दिवस पर राजपथ का परेड ना केवल देशवासियों में सेना और सैनिकों के प्रति भरोसा जताती है कि देश की आन-बान-शान पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी, बल्कि दुश्मनों के लिए भी यह संदेश है कि अगर भारत से टकराने की हिमाकत की तो उन्हें नेस्तनाबूत कर दिया जाएगा ।