पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है. सीमा विवाद को सुलझाने के उद्देश्य से आज एक बार फिर भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर की वार्ता होगी. यह 9वें दौर की वार्ता है, जो भारत में चुशूल सेक्टर के सामने मोल्डो में आयोजित की जाएगी. इस क्षेत्र में नवंबर, 2020 से पिछले दौर की वार्ता के समय से ही दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में चल रहा सैन्य गतिरोध अपने चरम पर है. बताया जा रहा है कि इस वार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शरीक हो सकते हैं.
भारत और चीन के बीच अब तक 8 बार सैन्य वार्ता हो चुकी है, लेकिन मामला जहां का तहां है. दोनों देशों के बीच आठवें दौर की सैन्य वार्ता पिछले वर्ष 6 नवंबर को हुई थी. हालांकि इस वार्ता में भी कुछ सकारात्मक परिणाम नहीं मिले, लेकिन दोनों देशों ने कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर संवाद व विचार-विमर्श जारी रखने पर सहमति जताई. साथ ही दोनों पक्षों ने वार्ता को आगे बढ़ाने और अन्य मुद्दों को सुलझाने पर भी सहमति जताई ताकि सीमाई क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति कायम रखी जा सके.
दोनों देशों की आज होने वाली 9वीं सैन्य बैठक में होने वाली में क्या नतीजा निकलेगा, इस बात पर सभी की नजरें रहेंगी. हालांकि बीते समय की मीडिया रिपोर्ट्स को मानें तो दोनों देशों के बीच सीमा रेखा पर युद्ध जैसे हालात हैं और स्थितियां ऐसी हैं कि कभी भी युद्ध हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने एलएसी पर पूर्वी लद्दाख के इलाके में टैंक तैनात कर दिए हैं. एलएसी से मजह 200 मीटर की दूरी पर भारतीय टी-90 और चीनी टी-15 टैंक आमने-सामने हैं. चीन ने एलएसी के रेजांगला, रेचिन ला और मुखोसरी पर अपने टैंक तैनात किए हैं.
पिछले दिनों आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा था कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लंबे संघर्ष के लिए पूरी तरह तैयार है. हालांकि उन्होंने इस बात की उम्मीद भी जताई थी कि विगत 9 महीने से जारी गतिरोध का एक मैत्रीपूर्ण समाधान निकलेगा. उन्होंने कहा था कि जहां तक हमारे राष्ट्रीय हितों एवं लक्ष्यों की बात है, तो हम अपनी सरजमीं के एक-एक इंच की रक्षा करने को पूरी तरह से तैयार हैं.
इस बात का उल्लेख करना भी जरूरी है कि 30 अगस्त, 2020 को भारत ने पैंगोंग लेक के दक्षिणी किनारे पर स्थित रेचिन ला, मुकपारी और टेबलटॉप जैसी महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा कर लिया था. चीन की तरफ से उकसाने वाली सैन्य कोशिश को देखते हुए भारत ने ब्लैकटॉप के पास अपने कुछ जवानों को तैनात भी कर दिया है. अब यहां की 13 चोटियों पर आधिपत्य के मद्देनजर यहां भारत की स्थिति काफी मजबूत हो गई है.
वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम से पीएम मोदी देंगे संदेश
आज एक और जहां एलएसी पर सैनिक कमांडर बैठक करने वाले हैं वहीं आज से वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम का वर्चुलअ समिट होने जा रहा है। जिसे पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दोनों संबोधित करेंगे। पीएम मोदी का भाषण 28 जनवरी को होगा। तो शी जिनपिंग 25 जनवरी को इसे संबोधित करेंगे। चीन पर इस वक्त चौतरफा दबाव है। लेकिन वो अपनी चालाकियों से बाज़ नहीं आ रहा। इससे पहले आठ दौर की बातचीत बेनतीजा रही। इस बीच भारत और चीन के डिप्लोमेट ज़रूर बात करते रहे। ताकि टकराव की किसी भी स्थिति को टाला जा सके। इसका ही नतीजा है कि आज दोनों देशों के कमांडर एक बार फिर बातचीत की टेबल पर बैठने वाले हैं।
भारत और चीन की सेनाएं पिछले 8 महीनों से एलएसी में आमने सामने खड़ी हैं। गलवान घाटी में जून के दौरान हुए खूनी संघर्ष के बाद हालात बेहद पेचीदा बने हुए हैं। नवंबर तक दोनों देशों के बीच 8 दौर की वार्ता हो चुकी है। आज यानि 24 जनवरी को एक बार फिर दोनों देश चीन के माॅलडो में 9वें दौर की वार्ता कर रहे हैं। भारतीय पक्ष चीन को अप्रैल 2020 की स्थिति में वापस लौटने की मांग कर रहा है। इसके साथ ही सैन्य बल को भी घटाने की मांग की जा रही है।
इस बीच भारत चीन सीमा की कुछ चैंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें भारत और चीन की सेनाएं एक दम आमने सामने नजर आ रही हैं। भारतीय टैंक चीन की सेना के मात्र कुछ मीटर की दूरी पर ही तैनात हैं। यहां साफ नजर आ रहा है कि भारतीय सेना ऊंचाई की जगहों पर मौजूद हैं। इसके साथ ही भारतीय सेना की इन्फ्रेंट्री भी तैनात हैं। साफ पता चल रहा है कि भारतीय सेना यहां मजबूत और निर्णायक पोजीशन पर हैं। यही कारण है कि चीन बातचीत की मेज पर आने के लिए मजबूर हुआ है।
स्पांगुर गैप पर भारत की मजबूत स्थिति
भारत और चीन की आर्मी के बीच बातचीत हो रही है। इस बीच एलएसी से जो नई तस्वीरें आ रही हैं, वो बेहद खास है। ये तस्वीरें बताती हैं कि भारत एलएसी के इंच.इंच पर चीन के सामने है और डोमिनेटिंग हाइट पर भारत की पोस्ट हैं। एक तस्वीर स्पांगुर गैप की है। यहां पर पहाड़ियों पर दोनों ओर भारतीय सेना मौजूद है। वहीं पहाड़ी के पीछे चीन का डिप्लाॅयमेंट है, यहां भारत चीन की हर गतिविधि को आसानी से देख सकता है और चीनी डिप्लाॅयमेंट पर आसानी से हमला बोल सकता है।
आमने सामने सेनाएं
अज्ञात स्थल की एक अन्य तस्वीर दिखा रही है कि भारत की सेना ने चीन के सामने मजबूती से तैनाती की है। बर्फ की चादर पर भारत और चीन के सैनिक एक दम सामने सामने हैं। यहां दोनों सेनाओं के बीच की दूरी मात्र कुछ मीटर है। इसके पीछे भारतीय सेना ने पहाड़ी पर बंकर बना रखे हैं। यहां मुकाबला एक दम टक्कर का दिखाई दे रहा है।