हमारे घर इंकलाब जिंदाबाद पहले होगा, फिर नाश्ता होगा! इस रिपब्लिक डे पर 101% शुद्ध जोश में शामिल हो जाइए और ज़ी बॉलीवुड पर दोपहर 1 बजे फिल्म गोल्ड के प्रीमियर के साथ जश्न मनाइए। देशभक्ति के रंग से सराबोर फिल्म गोल्ड भारत के पहले गोल्ड मेडल जीतने की कहानी है, जिसे 1948 के ओलंपिक गेम्स में उत्साही और कमतर आंकी गई भारतीय टीम ने जीता था। रीमा कागती के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अक्षय कुमार, मौनी रॉय, कुणाल कपूर, विनीत कुमार सिंह, अमित साध और सनी कौशल जैसे शानदार कलाकार हैं।
इस फिल्म के बारे में बताते हुए कुणाल कपूर ने कहा, “फिल्म गोल्ड हमारे देश के इतिहास के स्वर्णिम पलों की यादें ताजा कर देती है। एक आजाद देश होने की खुशी से लेकर बंटवारे के संघर्ष और टीम के जोश के साथ गोल्ड एक ऐसी कहानी है, जिसे बताया जाना जरूरी था। मुझे खुशी है कि मैं इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बना। हमारा देश अपनी पूरी ताकत और कमजोरियों के साथ खूबसूरती से फल-फूल रहा है और हर क्षेत्र में इतिहास रच रहा है, और अक्सर हम अपने शानदार खिलाड़ियों के साथ यह इतिहास बनाते हैं। गणतंत्र दिवस पर फिल्म गोल्ड का ज़ी बॉलीवुड प्रीमियर बड़ा मजेदार रहने वाला है और मैं भी इसे लेकर उत्साहित हूं।”
200 साल की गुलामी का बदला – इस दमदार लाइन में वो जज़्बात हैं, जो ओलंपिक्स में आजाद भारत के पहले गोल्ड मेडल की जीत बनकर सामने आए।1936 में तपन दास ब्रिटिश इंडियन हॉकी टीम के जूनियर मैनेजर थे, जब उन्होंने बर्लिन में जर्मनी के खिलाफ फाइनल जीता था। 12 साल बाद वो एक बार फिर ओलंपिक में लौटते हैं, लेकिन इस बार वो लंदन में ब्रिटिश टीम को हराकर गोल्ड मेडल जीतने का सपना लेकर जॉइंट मैनेजर बनकर वापस आते हैं। पूरे देश से प्रतिभावान खिलाड़ियों की तलाश करते हुए वो टीम में एक नवाब और एक उत्साही खिलाड़ी रघुवीर प्रताप सिंह, नेतृत्व के गुणों वाले विश्वसनीय खिलाड़ी इम्तियाज़ शाह, पंजाब के एक उभरते खिलाड़ी हिम्मत सिंह और कई अन्य लोगों को शामिल करते हैं। उनके इस अभियान में हॉकी टीम के रिटायर्ड कैप्टन सम्राट और दास की पत्नी मोनोबिना उनका साथ देती हैं। आगे की कहानी में दिखाया जाता है कि कैसे भारत तमाम मुश्किलों से लड़ते हुए अपना पहला प्रतिष्ठित ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतता है।