किसान की समस्याओं और अनाज खरीदी से जुड़े तीन अन्य मुद्दों पर महागठबंधन की तरफ से तीस जनवरी को आयोजित मानव शृंखला दोपहर साढ़े बारह बजे से एक बजे के बीच बनायी जायेगी.
इसके लिए प्रदेश के सभी 38 जिलों में एक सौ पचास से अधिक रूट तैयार किये गये हैं. पटना में चार रूट तय किये गये हैं.
प्रदेश के चारों कोने से मानव शृंखला प्रदेश के दूसरे छोर तक जायेगी. ये निर्णय राजद प्रदेश कार्यालय में आयोजित महागठबंधन की बैठक में लिये गये.
प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में बताया गया कि मानव शृंखला किसानों के हक और उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में शुरू किये जाने वाले संघर्ष में मील का पत्थर साबित होंगे.
बैठक में राजद के प्रधान महासचिव आलोक मेहता, राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक, कांग्रेस के अशोक राम, सीपीआइ के राज्य सचिव रामनरेश पांडे, सीपीएम के अवधेश कुमार और गणेश शंकर सिंह माले के राज्य सचिव कुणाल और राज्य स्थाई समिति के केडी यादव उपस्थित हुए.
मीटिंग के संदर्भ में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने बताया कि प्रत्येक जिले में मानव शृंखला का रूट बनाया जा चुका है.
राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि महागठबंधन की एक और बैठक 25 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर होगी.
खेत से पेट तक की लड़ाई को हैं तैयार : जगदानंद
24 से 30 जनवरी तक किसान जागरण सप्ताह को लेकर आज राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की अध्यक्षता में सभी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्षों की बैठक प्रदेश कार्यालय में आयोजित की गयी. सिंह ने 30 जनवरी को होने वाले मानव शृंखला की तैयारी में जुट जाने को कहा.
बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार द्वारा लाए गए ‘तीन काले कृषि कानूनों’ के खिलाफ 30 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाने जा रही है और इन कानूनों का विरोध करेगी. कृषि कानूनों के मुद्दे पर आरजेडी ने प्रदेश कार्यालय में आज महागठबंधन के साथ बैठक की.
बैठक में किसान आंदोलन पर महागठबंधन की रणनीति को लेकर चर्चा हुई है. 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर जयंती से लेकर 30 जनवरी शहीद दिवस तक लगातार सात दिन राष्ट्रीय जनता दल किसान जागरण सप्ताह मनाते हुए 30 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाएगा. इस मानव श्रृंखला में महागठबंधन के तमाम दल शामिल होंगे. आरजेडी की इस बात से महागठबंधन दल के तमाम नेता सहमत दिखे.
कृषि कानूनों को लेकर महागठबंधन ने सरकार के सामने यह मांग रखी है-
किसान विरोधी तीनो कृषि कानूनों को सरकार वापस ले
न्यूनतम समर्थन मूल्य को सरकार कानूनी दर्जा दें
प्रस्तावित बिजली बिल 2020 और पराली जलाने के कानून वापस लिया जाए
बिहार में न्यूनतम समर्थन मूल्य एक्ट को फिर से बहाल करने तथा धान सहित तमाम फसलों की सरकारी खरीद की गारंटी की मांग विपक्ष ने की है.