पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी चूड़ा-दही खाकर फॉर्म में आए और राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष श्याम रजक को 14 जनवरी की याद दिलाई। मांझी ने बिना नाम लिए, श्याम रजक को सबकुछ कह दिया। यह तक पूछ लिया कि 14 जनवरी को JDU के 17 विधायक तोड़ महागठबंधन की सरकार बनाने वाले अब भी RJD में हैं, या खिसक लिए? जीतन राम मांझी ने दोपहर में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है-‘ आज ही ना 14 तारीख है जी? ऊ @RJDforindia वाला बड़का नेता लोग कहा था कि 14 जनवरी को @jduonline का 17 गो विधायक लेकर महागठबंधन के सरकार बनाएंगे। पता कीजिए तो कि ऊ लोग खुद ही राजद में हैं कि निकल लिया।’
आज ही ना 14 तारीख है जी?
उ @RJDforIndia वाला बड़का नेता लोग कहा था कि 14 जनवरी को @Jduonline का 17 गो विधायक लेकर महागठबंधन के सरकार बनाएंगें।
पता किजिए तो कि उ लोग ख़ुद ही राजद में है कि निकल लिया।— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) January 14, 2021
30 दिसंबर को श्याम रजक ने क्या दावा किया था
राजद के नेता श्याम रजक ने 30 दिसंबर को दावा किया कि जदयू के 17 विधायक उनके संपर्क में हैं और खरमास खत्म होते ही वे राजद में शामिल हो जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि दल-बदल कानून के तहत 17 विधायकों को अभी राजद में नहीं लिया जा सकता। जदयू को तोड़ने के लिए 25-26 विधायक होने चाहिए। तब दल-बदल कानून उन पर लागू नहीं होगा। अभी राजद इंतजार कर रहा है कि कुछ और विधायक संपर्क में आएं और जदयू को राजद तोड़ लें। हम उन्हीं विधायकों को लेंगे, जो समाजवाद के समर्थक और लालू यादव की विचारधारा पर चलने वाले हों।
दावे के जवाब में JDU प्रवक्ता ने क्या कहा था
राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष श्याम रजक के दावे पर जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा था कि खरमास के बाद बिहार की राजनीति बदल जाएगी। श्याम रजक को शायद पता नहीं है कि RJD के विधायक भी CM नीतीश कुमार में आस्था रखते हैं। वे उनके एक इशारे पर पार्टी छोड़ देंगे। खैर मनाइए कि अभी खरमास है। जैसे ही खरमास खत्म होगा, बिहार की राजनीति बदल जाएगी। दावे के उत्तर में भूपेंद्र-ललन तक कूदे थे।
कब, किसने, क्या कहा
10 जनवरी को भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने पटना महानगर कार्य समिति की बैठक में दावा किया कि राजद में परिवारवाद के खिलाफ नेताओं में काफी नाराजगी है। वे इससे मुक्ति चाहते हैं। उन्होंने सीधे चुनौती दे दी कि संक्रांति के बाद तेजस्वी अपनी पार्टी बचा लें।
11 जनवरी को इस बयान को लेकर जदयू दो कदम और आगे बढ़ गई। पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद ललन सिंह ने कह दिया कि भूपेंद्र यादव अगर चाह लें तो पूरी की पूरी राजद ही भाजपा में मिल जाएगी। ललन सिंह ने जदयू के प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक सवाल के जवाब में यह बात कही।
11 जनवरी को ही भूपेंद्र यादव के बयान को लेकर राजद के मुख्य प्रवक्ता भाई बीरेंद्र ने कहा कि जो ऐसा बोल रहे हैं, वे दिन में तारे गिन रहे हैं और मुंगेरी लाल के हसीन सपन देख रहे हैं। ग्रास रूट के कार्यकर्ताओं की पार्टी में न भगदड़ मचती है और ना उसके विधायक कहीं जाते हैं। हमारे नेता तेजस्वी यादव खरमास के बाद मुख्यमंत्री बनने वाले हैं।