दुनिया इजरायल-ईरान युद्ध को लेकर चिंतित नजर आ रही है. आलम यह है कि जी-7 की बैठक के बीच में ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वापस अमेरिका लौट आए हैं. ईरान-इजरायल युद्ध में दुनिया दो हिस्सों में बंटती नजर आ रही है. दुनिया के कई देशों को इस बात का डर सताने लगा है कि कहीं युद्ध लंबा चला तो हिरोशिमा और नागासाकी वाला हाल इजरायल और ईरान के किसी शहर में न हो जाए? दुनिया के कई देश खासकर मध्य-पूर्व के देशों को परमाणु बटन दबने को लेकर डरे हुए हैं. मध्य पूर्व में तनाव का आलम इस कदर बढ़ चुका है कि दुनिया सांसें थामे इजरायल और ईरान के बीच चल रही जंग को देख रही है. ऐसे में बड़ा सवाल क्या 2025 में महाविनाश होने वाला है?
इजरायल की ओर से ईरान के परमाणु ठिकानों पर हालिया हमलों और ईरान के जवाबी मिसाइल हमलों ने स्थिति को विस्फोटक बना दिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह टकराव परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रहा है? क्या दुनिया को एक और हिरोशिमा-नागासाकी का सामना करना पड़ सकता है? विदेशी युद्ध विशेषज्ञों की मानें तो स्थिति भयावह है लेकिन दोनों देश परमाणु बम गिराने और फोड़ने वाली स्थिति से बचेंगे.
ऑपरेशन राइजिंग लायन
13 जून 2025 को इजरायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए. इजरायली वायुसेना ने तेहरान, इस्फहान और नतांज में यूरेनियम संवर्धन केंद्रों को निशाना बनाया. इस हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर जनरल हुसैन सलामी, चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी और छह प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मारे गए, जिनमें डॉ. फेरेयदून अब्बासी और डॉ. मोहम्मद मेहदी तेहरांची शामिल हैं. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि यह हमला ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए जरूरी था, क्योंकि ईरान के पास नौ परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम है.
13 जून 2025 को इजरायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए. इजरायली वायुसेना ने तेहरान, इस्फहान और नतांज में यूरेनियम संवर्धन केंद्रों को निशाना बनाया. इस हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर जनरल हुसैन सलामी, चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी और छह प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मारे गए, जिनमें डॉ. फेरेयदून अब्बासी और डॉ. मोहम्मद मेहदी तेहरांची शामिल हैं. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि यह हमला ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए जरूरी था, क्योंकि ईरान के पास नौ परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम है.
विदेशी एक्सपर्ट्स की राय और परमाणु युद्ध का खतरा
अमेरिकी युद्ध विशेषज्ञ और सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) के वरिष्ठ विश्लेषक सेठ जोन्स का कहते हैं, ‘इजरायल का यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अस्थायी रूप से कमजोर कर सकता है, लेकिन यह ईरान को और आक्रामक बना सकता है. अगर ईरान अपने गुप्त परमाणु ठिकानों का इस्तेमाल करता है तो स्थिति अनियंत्रित हो सकती है.’ जोन्स चेतावनी देते हुए कहते हैं, ‘ईरान के पास पहले से ही उच्च-संवर्धित यूरेनियम का भंडार है, जो परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त है.’
अमेरिकी युद्ध विशेषज्ञ और सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) के वरिष्ठ विश्लेषक सेठ जोन्स का कहते हैं, ‘इजरायल का यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अस्थायी रूप से कमजोर कर सकता है, लेकिन यह ईरान को और आक्रामक बना सकता है. अगर ईरान अपने गुप्त परमाणु ठिकानों का इस्तेमाल करता है तो स्थिति अनियंत्रित हो सकती है.’ जोन्स चेतावनी देते हुए कहते हैं, ‘ईरान के पास पहले से ही उच्च-संवर्धित यूरेनियम का भंडार है, जो परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त है.’
परमाणु युद्ध हुआ तो क्या होगा?
वहीं, ब्रिटिश रक्षा विशेषज्ञ और रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट (RUSI) के प्रोफेसर माल्कम चाल्मर्स का मानना है, ‘ईरान के अंडरग्राउंड परमाणु ठिकाने जैसे फोर्डो और नतांज को पूरी तरह नष्ट करना इजरायल के लिए चुनौतीपूर्ण है. इजरायल उसे छू भी नहीं सकता है. अगर इजरायल बार-बार हमला करता है तो ईरान क्षेत्रीय प्रॉक्सी समूहों जैसे हिजबुल्लाह और हूती के जरिए जवाब दे सकता है, जिससे युद्ध पूरे मध्य पूर्व में फैल सकता है.’
वहीं, ब्रिटिश रक्षा विशेषज्ञ और रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट (RUSI) के प्रोफेसर माल्कम चाल्मर्स का मानना है, ‘ईरान के अंडरग्राउंड परमाणु ठिकाने जैसे फोर्डो और नतांज को पूरी तरह नष्ट करना इजरायल के लिए चुनौतीपूर्ण है. इजरायल उसे छू भी नहीं सकता है. अगर इजरायल बार-बार हमला करता है तो ईरान क्षेत्रीय प्रॉक्सी समूहों जैसे हिजबुल्लाह और हूती के जरिए जवाब दे सकता है, जिससे युद्ध पूरे मध्य पूर्व में फैल सकता है.’
रूसी सैन्य विश्लेषक पावेल फेलगेनहावर का मानना है, ‘परमाणु युद्ध की आशंका अभी कम है, लेकिन अगर इजरायल-ईरान के परमाणु ठिकानों पर और हमले करता है तो ईरान अपने मिसाइल कार्यक्रम को तेज कर सकता है. फेलगेनहावर कहते हैं,’ईरान ने हाल ही में इजरायल के गुप्त परमाणु ठिकानों की सूची हासिल करने का दावा किया है. अगर यह सच है तो ईरान जवाबी हमले में इजरायल के डिमोना रिएक्टर को निशाना बना सकता है.’