पंजाब के पठानकोट में भारतीय सेना के अपाचे हेलीकॉप्टर की इमरेजेसीं लैंडिंग हुई है। शुक्रवार (13 जून) को नंगलपुर के हलेड़ गांव में इस हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई। हालांकि, इस घटना में किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन अहमदाबाद विमान हादसे के बाद यह घटना काफी डराने वाली थी। अपाचे हेलीकॉप्टर का निर्माण भी वही बोइंग कंपनी करती है, जिसका बनाया प्लेन गुरुवार को अहमदाबाद में हादसे का शिकार हुआ। यहां हम अपाचे हेलीकॉप्टर के बारे में बता रहे हैं।
भारतीय सेना का AH-64 अपाचे विश्व प्रसिद्ध ट्विन-इंजन अटैक हेलीकॉप्टर है। इसका निर्माण अमेरिका की बोइंग कंपनी करती है। अपाचे हेलीकॉप्टर ने 30 सितंबर 1975 को पहली बार उड़ान भरी थी। साल 1986 में इसे अमेरिकी सेना में शामिल किया गया। इसके बाद अन्य देशों ने इसे खरीदा।
18 देश करते हैं इस्तेमाल
अपाचे हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल 18 देश करते हैं। इनमें अमेरिका, भारत, इजराइल, नीदरलैंड्स, और ऑस्ट्रेलिया प्रमुख हैं। भारत के पास 22 AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर्स हैं, जो भारतीय वायुसेना और सेना में शामिल हैं। यह हेलीकॉप्टर दुश्मनों के टैंक खत्म करने और आप-पास के इलाकों में आपातकालीन मदद पहुंचाने और निगरानी में उपयोगी है।
क्या है खासियत
इस हेलीकॉप्टर में दो जनरल इलेक्ट्रिक T700-GE-701C/D टर्बोशाफ्ट इंजन लगे हुए हैं, जो लगभग 1,690-2,000 शाफ्ट हॉर्सपावर की ताकत प्रदान करते हैं। इसमें मुख्य पायलट पीछे बैठता है, जबकि को पायलट/गनर आगे बैठता है। इसका मुख्य रोटर चार पंखों का है, जिसे फोल्ड किया जा सकता है। यह खासियत इसे जमीन के करीब उड़ान भरने में मदद करती है। यह हेलीकॉप्टर 164 नॉट्स (लगभग 300 किमी/घंटा) की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। अपाचे हेलीकॉप्टर 23 मिमी तक का गोला बारूद झेल सकता है। इसका केव्लर-लाइनेड कॉकपिट और क्रैश-प्रतिरोधी डिजाइन इसे युद्ध के दौरान उपयोगी बनाते हैं।
आधुनिक हथियारों से लैस
इस हेलीकॉप्टर में 30 मिमी की M230 चेन गन लगी है, जो एक मिनट में 600-650 राउंड फायर कर सकती है। इसे हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले से नियंत्रित किया जाता है। यह हेलीकॉप्टर 16 AGM-114 हेलफायर मिसाइलें भी ले जा सकता है, जो टैंक खत्म करने और अन्य लक्ष्यों पर हमला कर सकती हैं। हमले करने के लिए यह हेलीकॉप्टर 76 हाइड्रा रॉकेट भी ले जा सकता है। इसका टारगेट एक्विजिशन एंड डेजिग्नेशन सिस्टम और पायलट नाइट विजन सिस्टम रात और खराब मौसम में लक्ष्य खोजने में मदद करता है। रोटर के ऊपर लगा लॉन्गबो रडार हेलीकॉप्टर को कवर के पीछे छिपकर लक्ष्य स्कैन करने देता है।
अपाचे हेलीकॉप्टर के चार मॉडल
अपाचे हेलीकॉप्टर के चार मॉडल हैं। AH-64A पहला वेरिएंट हैं, जिसे 1984 से इस्तेमाल किया जा रहा है। दूसरा वेरिएंट AH-64D लॉन्गबो 1997 में बनाया गया था। इसमें लॉन्गबो रडार और आधुनिक एवियोनिक्स का इस्तेमाल किया गया। तीसरा वेरिएंट AH-64E गार्जियन है। यह सबसे नया वेरिएंट है, जो वजन में हल्का है और 300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। इसका सेंसर और इंजन बेहद शक्तिशाली हैं। भारत के पास मौजूद सभी हेलीकॉप्टर इसी वेरिएंट के हैं। अपाचे का चौथा वेरिएंट WAH-64 है, जिसे यूके के लिए अगस्ता वेस्टलैंड ने बनाया था। इसमें रोल्स-रॉयस इंजन और जहाजों से संचालन की क्षमता है।