गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को एअर इंडिया का विमान क्रैश हो गया. इस हादसे में फ्लाइट में सवार 241 लोगों की मौत हो गई तो वहीं एकमात्र शख्स जीवित बचा. विमान हादसे में जिंदा बचे विश्वास कुमार रमेश से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल में मुलाकात की. इस दौरान पीएम मोदी ने विश्वास कुमार से उस भयावह मंजर के बारे में पूछा, जिसमें विमान में सवार 242 में से 241 की जान चली गई. विश्वास ने पीएम मोदी से आंखों देखा हाल बताया. उन्होंने कहा कि मुझे खुद विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं कैसे जिंदा बचा. विश्वास कुमार ने हादसे पर बातचीत करते हुए कहा कि पूरा हादसा उनकी नजरों के सामने ही हुआ है.
लगा अब बस मैं भी मरने वाला- विश्वास कुमार
कुमार ने बताया कि हादसे के समय कुछ देर के लिए तो मुझे ये लगा कि अब मैं भी बस मरने ही वाला हूं. लेकिन जब आंख खुली तो मैंने पाया कि मैं जिंदा हूं. उसके बाद मैंने सीट बेल्ट खोली और ट्राई किया कि मैं निकल सकता हूं. फिर मैं निकल गया. मेरी आंखों के सामने विमान में मौजूद एयर हॉस्टेस, आंटी-अंकल सभी मिस हो गए. जो भी लोग साथ में मौजूद थे वहां कोई नहीं बचा था.
मैंने लोगों को जलते हुए देखा
अस्पताल में भर्ती विश्वास कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनकी सीट 11-ए थी. विमान के उस हिस्से में सीट थी, जो इमारत के भूतल से टकराया था. उन्होंने कहा कि आग लगने से उनका बायां हाथ जल गया था. आग लगने के बाद मैं पैदल ही बाहर निकल कर आया हूं. हर तरफ लोग पड़े हुए थे. बाद में मुझे एंबुलेंस की मदद से यहां अस्पताल लाया गया.
गुरुवार को हुआ था हादसा
गुरुवार को अहमदाबाद में फ्लाइट टेक ऑफ के कुछ ही मिनटों के बाद क्रैश हो गई. इस हादसे में 265 लोगों की मौत हो गई. वहीं फ्लाइट में सवार 242 में 241 यात्रियों की जान जा चुकी है. एअर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर फ्लाइट AI-171 ने गुरुवार दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी थी. दो मिनट बाद ही फ्लाइट क्रैश हो गई. मृतकों में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी भी शामिल हैं.
ब्लैक बॉक्स मिल चुका है, हादसे की जांच तेज
हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए अब ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है. टेक-ऑफ के महज 20 सेकंड के भीतर विमान के क्रैश हो जाने की यह घटना पूरे देश के लिए एक चौंकाने वाला हादसा बन चुकी है. पायलट को भी कम्युनिकेशन करने या स्थिति को संभालने का मौका नहीं मिला.
DNA टेस्टिंग से हो रही मृतकों की पहचान
फिलहाल पोस्टमार्टम हाउस के बाहर भारी भीड़ है. हादसे में मारे गए लोगों की पहचान DNA सैंपलिंग के जरिए की जा रही है, क्योंकि किसी भी शव की स्थिति इतनी खराब है कि सीधे पहचान नहीं हो पा रही.