भारत सरकार ने चीन और तुर्की के प्रोपेगैंडा पर बड़ा प्रहार किया है. भारत में चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स और उसकी सरकारी एजेंसी शिन्हुआ का आधिकारिक X अकाउंट भारत में ब्लॉक कर दिया गया है. वहीं तुर्की के सरकारी चैनल टीआईटी वर्ल्ड का भी एक्स अकाउंट बंद कर दिया गया है.
सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब हाल ही में भारत सरकार ने कई पाकिस्तानी एक्स हैंडल्स के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की थी. वहीं पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ छिड़ी लड़ाई के वक्त ये तुर्की और चीन उसके समर्थन में खड़े थे और इन सारे प्लेटफॉर्म्स के जरिये भारत के खिलाफ पाकिस्तान प्रोपेगैंडा को हवा दे रहे थे.
केंद्र सरकार ने यह फैसला ऐसे वक्त लिया है, जब चीन की तरफ से अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों के नाम बदलने की बात सामने आई. भारत ने इस कदम को सख्ती से खारिज किया है. केंद्र सरकार ने कहा कि इस तरह के ‘बेतुके’ प्रयास उस सच्चाई को नहीं बदल सकते कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.
चीन की चाल पर भारत का जवाब
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा, ‘हमने देखा है कि चीन भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य में स्थानों का नाम बदलने के निरर्थक और बेतुके प्रयास करता आ रहा है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम ऐसे प्रयासों को पूरी तरह से खारिज करते हैं. ऐसे रचनात्मक नामकरण से यह अटल सच्चाई नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और रहेगा.’
ग्लोबल टाइम्स और शिन्हुआ को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) और चीनी सरकार का मुखपत्र माना जाता है. इसका मकसद दुनियाभर में चीनी नजरिये के नाम पर उसका प्रोपेगेंडा फैलाना है. ग्लोबल टाइम्स और शिन्हुआ ने भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष पर कई झूठी बातें फैलाई, जिसका भारत की तरफ से पुरजोर तरीके से खंडन किया था.
ग्लोबल टाइम्स ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तान की अफवाहों को खबर के रूप में पेश करते हुए भारत के एक्शन आक्रामक बताया था. ऐसे में चीनी प्रोपेगेंडा फैलाने वाले इन दोनों की बोलती अब एक्स पर बात हो जाएगी.
क्या है टीआरटी वर्ल्ड?
टीआरटी वर्ल्ड तुर्की की सरकारी अंतरराष्ट्रीय समाचार सेवा है, जो अंग्रेजी में समाचार, विश्लेषण और करंट अफेयर्स की कवरेज करती है. इसे तुर्की के राष्ट्रीय प्रसारणकर्ता टीआरटी संचालित करता है. इसकी शुरुआत 2015 में हुई थी.
इसका मकसद था तुर्की के नजरिये से दुनिया भर के दर्शकों को रूबरू कराना और पश्चिमी मीडिया की एकतरफा रिपोर्टिंग का विकल्प प्रस्तुत करना. हालांकि भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के दौरान यह पाकिस्तानी प्रोपेगैंडा फैलाता दिखा था.