कौन हैं केवी सुब्रमण्यन?
कृष्णमूर्ति को हटाए जाने के संभावित कारण
- IMF के डेटासेट के कलेक्शन प्रोसेस और रेटिंग सिस्टम पर डॉ. सुब्रमण्यम के उठाए गए सवालों से संगठन में उन्हें लेकर मतभेद बढ़े।
- उनकी हालिया पुस्तक ‘India @ 100’ के प्रचार-प्रसार में पद के दुरुपयोग और अनियमितताओं को लेकर भी चिंताएं व्यक्त की गईं।
कार्मिक मंत्रालय का आदेश, जिसमें डॉ. कृष्णमूर्ति के टर्मिनेशन की बात है…

पाकिस्तान को दिए जाने वाले फंड पर दोबारा विचार करने कहा
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड की 9 मई को अहम बैठक होनी है। भारत ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले 1.3 बिलियन डॉलर के ऋणों पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि इस पर दोबारा विचार किया जाए, क्योंकि पाकिस्तान को मिलने वाला पैसा आतंक को बढ़ावा देने में इस्तेमाल हो सकता है।
हालांकि IMF ने भारत के अनुरोध को मानने से इंकार कर दिया है। वह निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 9 मई को पाकिस्तान को दिए जा रहे लोन का रिव्यू करेगा।
इसी वजह से भारत सरकार सुब्रमण्यम को पद से हटाने का फैसला हैरान करने वाला है। सरकार ने अभी तक उनके स्थान पर किसी का नाम फाइनल नहीं किया है। जून के अंत में रिटायर हो रहे वित्त सचिव अजय सेठ का नाम सबसे ऊपर चल रहा है।
पाकिस्तान को चौतरफा घेरने की तैयारी में भारत
भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह आईएमएफ समेत ग्लोबल मल्टीलेटरल एजेंसियों (वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक) से पाकिस्तान को दिए गए फंड और लोन पर पुनर्विचार करने के लिए कहेगा। क्योंकि भारत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले के बाद पड़ोसी राज्य को कूटनीतिक रूप से घेरना चाहता है। दरअसल, पहलगाम हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे।
क्या है IMF का कार्यकारी बोर्ड, जिसके डायरेक्टर थे डॉ. कृष्णमूर्ति
IMF एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो देशों को आर्थिक मदद देती है, सलाह देती है और उनकी अर्थव्यवस्था पर नजर रखती है। इस संस्था की ही कोर टीम कार्यकारी बोर्ड होता है। यह टीम देखती है कि किस देश को लोन देना है, किन नीतियों को लागू करना है और दुनिया की अर्थव्यवस्था पर कैसे काम करना है।
इसमें 24 सदस्य होते हैं जिन्हें कार्यकारी निदेशक कहा जाता है। हर एक सदस्य किसी देश या देश के समूह का प्रतिनिधित्व करता है। भारत का एक अलग (स्वतंत्र) प्रतिनिधि होता है। जो भारत की तरफ से IMF में बात रखता है। साथ ही यह देखता है कि IMF की नीतियां देश को नुकसान न पहुंचाएं। किसी देश को लोन देने वाला हो, तो भारत की तरफ से राय देना।
सबसे युवा आर्थिक सलाहकार रहे सुब्रमण्यम
सुब्रमण्यम भारत सरकार के 17वें मुख्य आर्थिक सलाहकार थे और यह पद संभालने वाले सबसे युवा व्यक्ति भी थे। उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। बाद में आईआईएम कलकत्ता से एमबीए किया।
उन्होंने शिकागो यूनिवर्सिटी के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से वित्तीय अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। के.वी. सुब्रमण्यम ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की कई विशेषज्ञ समितियों में भी रहे।