देशभर में रविवार को नीट यूजी (NEET- UG) की परीक्षा आयोजित की गई. इस दौरान एक बार फिर परीक्षा माफियाओं ने गड़बड़ी करने की कोशिश की. यह प्रयास ओडिशा में हुआ, जहां पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए बिहार के अरविंद कुमार और झारखंड के प्रियदर्शी कुमार समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इधर, NTA भी इस बात की जांच में जुट गई है कि क्या ये परीक्षा माफिया अन्य राज्यों के परीक्षा केंद्रों पर भी गड़बड़ी कर रहे थे. वहीं इस पूरे मामले जांच संजीव मुखिया से जोड़ते हुए भी की जाएगी.
इसके लिए NTA AI तकनीक का सहारा ले रही है. बताते चलें कि परीक्षा माफिया परीक्षा के दौरान मूल अभियार्थियों की जगह सॉल्वर को बैठाने की कोशिश कर रहे थे और इसके लिए 20 से 30 लाख में डील कर रखी थी. उड़ीसा पुलिस ने समय रहते इन लोगों को गिरफ्तार कर लिया और अब इस पूरे मामले की जांच कर रही है. इस मामले में ओडिशा पुलिस जांच के लिए बिहार भी आ सकती है. एनटीए की टीम अलग-अलग एंगल से जांच करेगी.
20 से 30 लाख में हुई थी डील
अब जो जानकारी मिल रही है, उसके मुताबिक उड़ीसा पुलिस जांच के दौरान जरूरत पड़ने पर बिहार पुलिस का भी सहयोग लेगी क्योंकि आरोपी अरविंद बिहार का निवासी है. उड़ीसा पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं अरविंद के तार संजीव मुखिया से तो नहीं जुड़े हुए हैं. ओडिसा में माफियाओं ने परीक्षार्थियों की जगह सॉल्वर बैठाने की कोशिश की. इस माफिया में बिहार का एक सदस्य भी शामिल है. बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले की डील 20 से 30 लाख रुपये में हुई थी.
AI तकनीक की मदद से जांच करेगा NTA
जानकारी के अनुसार आरोपी अरविंद कुमार बिहार का मूल निवासी है, जिसे ओड़िसा पुलिस ने परीक्षा के दौरान गिरफ्तार किया. गिरोह के अन्य सदस्य भी गिरफ्तार हुए हैं, जिनमें एक झारखंड का निवासी प्रियदर्शी कुमार है. NTA इस पूरे मामले की जांच करवा रहा है. फर्जी परीक्षार्थियों की जांच AI के माध्यम से की जाएगी. NTA बिहार के कई सेंटरों की भी जांच करेगा.