कश्मीर के पहलगाम शहर के पास ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में 27 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे। यह 2019 में पुलवामा में हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे बड़ा हमला है।
22 अप्रैल की दोपहर करीब 2 बजे, जगह- कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी। देश के अलग-अलग राज्यों से 40 से ज्यादा लोगों का ग्रुप यहां घूमने आया था। सभी टूरिस्ट खुले मैदान में थे। आसपास ही 4 से 5 छोटी-छोटी दुकानें हैं। कुछ टूरिस्ट दुकानों के बाहर लगी कुर्सियों पर बैठ गए। कुछ टूरिस्ट आसपास मैदान में बैठे थे।
तभी जंगल की तरफ से दो लोग आए। उन्होंने एक टूरिस्ट से नाम पूछा। टूरिस्ट ने अपना नाम बताया। जंगल से आए लोगों में से एक टूरिस्ट की ओर इशारा करके बोला- ये मुस्लिम नहीं है। इसके बाद पिस्टल निकाली और टूरिस्ट के सिर में गोली मार दी। करीब 10 मिनट तक गोली चलाते रहे। टूरिस्ट्स और दुकानदारों को समझ आ गया कि ये आतंकी हमला है। शुरुआत में एक टूरिस्ट के मरने की खबर आई। रात के 11 बजते-बजते मौतें बढ़कर 27 हो गईं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सऊदी अरब का दौरा बीच में ही छोड़कर वापस लौट चुके हैं। उन्होंने एयरपोर्ट पर ही पहलगाम हमले को लेकर बैठक की। पीएम मोदी आज कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी यानि CCS की भी बैठक लेंगे। इस बीच आतंकी हमले में मरने वालों की फुल लिस्ट जारी की गई है। पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए हैं जबकि 13 लोग घायल हैं। इनमें अलग-अलग राज्यों के लोग हैं। सबसे ज्यादा तादा महाराष्ट्र के पर्यटकों की है। मृतकों में एक कश्मीरी भी शामिल है।
हमले में मारे गए लोग-
- पहलगाम आतंकी हमले में महाराष्ट्र के 6 पर्यटकों की मौत
- कर्नाटक के 3 और गुजरात के 3 टूरिस्ट की मौत
- पश्चिम बंगाल के 2, यूपी के 1 टूरिस्ट की मौत
- बिहार, यूपी, JK, ओडिशा और एमपी के 1-1 पर्यटक की मौत
- नेपाल और UAE के 1-1 नागरिक की मौत
घायलों के नाम-
- वीनी भाई- गुजरात
- मानिक पटेल
- रिनो पांडे
- एस बालचंद्रू- महाराष्ट्र
- डॉ परमेश्वरम- तमिलनाडु
- अभिजवम राव- कर्नाटक
- संत्रू आगे- तमिलनाडु
- शशि कुमारी- ओडिशा
- बालचंद्रा- तमिलनाडु
- शोभित पटेल- मुंबई
4 आतंकियों ने दिया हमले को अंजाम, 2 की हुई पहचान
पुलिस सूत्रों की मानें तो हमले को अंजाम 4 आतंकियों ने दिया इनमें से दो आतंकियों की पहचान हो गई है। एक आतंकी आदिल गुरी है जिसकी फोटो भी सामने आई है। आदिल गुरी 2018 में पाकिस्तान से वापस आया था। वहीं दूसरे आतंकी की पहचान आसिफ शेख के रूप में हुई है। इन दोनों के साथ दो और आतंकी हमले में शामिल थे… ये दोनों पाकिस्तानी है।
कई टूरिस्टों के पैंट उतरवाए
इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर से जुड़े आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट TRF ने ली है। इन आतंकियों ने पहलगाम में जिस तरह की बर्बरता दिखाई है उससे पूरा देश गुस्से में है। आतंकियों ने पहले नाम पूछा, धर्म पूछा और फिर भी शक हुआ तो कन्फर्म करने के लिए आतंकियों ने कई टूरिस्टों के पैंट उतरवाए और कन्फर्म किया कि वो गैर मुस्लिम हैं या नहीं।
पहलगाम में हुआ हमला बीते 6 साल में कश्मीर में सबसे बड़ा टेररिस्ट अटैक है। इससे पहले पुलवामा में आतंकियों के हमले में 40 जवानों की मौत हुई थी। हमले की जिम्मेदारी द रजिस्टेंस फ्रंट यानी TRF ने ली है। इसका सुप्रीम कमांडर शेख सज्जाद गुल है। श्रीनगर में पैदा हुआ शेख सज्जाद अभी पाकिस्तान में है।
दैनिक भास्कर ने हमले के दौरान मौजूद टूरिस्ट, पुलिस और डिफेंस एक्सपर्ट से हमले के तरीके, टाइमिंग और वजहों पर बात की। एक्सपर्ट मानते हैं कि हमला करने वाले आतंकी पाकिस्तान से आए थे। लोकल मिलिटेंट टूरिस्ट पर हमला नहीं करते। ये हमला उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार डालने के लिए किया है।
टूरिस्ट बोले- आतंकी झाड़ियों के पीछे छिपे थे, पिस्टल से फायरिंग की मौके पर मौजूद दुकानदारों के मुताबिक, आतंकियों ने दुकानों से कुछ दूर झाड़ियों से फायरिंग की। गोलियां लगने से 4 से 5 टूरिस्ट वहीं गिर गए। फायरिंग के बाद आतंकी भाग गए। गोलियों की आवाज सुनकर आसपास के लोग वहां पहुंच गए। उन्होंने घायलों की मदद की।
सोर्स के मुताबिक, हमले में मरने वालों में लोकल कश्मीरी और विदेशी भी शामिल हैं। विदेशी नागरिक नेपाल और सऊदी अरब के हैं। स्पॉट पर ही कई लोगों की मौत हो चुकी थी। कुछ देर बाद आर्मी के जवान आए और तिरपाल से सभी डेडबॉडी ढंक दीं।
गुजरात से आए टूरिस्ट ग्रुप में शामिल एक शख्स ने बताया कि हम करीब 20 लोग थे। मैंने गोली चलने की आवाज सुनी। झाड़ियों के बीच से फायरिंग हो रही थी। मैंने देखा कि कुछ लोग पिस्टल से गोलियां चला रहे हैं। मैं बचने के लिए छिप गया। मेरे साथ आए कई लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है।
एक महिला टूरिस्ट बताती हैं, ‘हम रात से यहां आए थे। जिस जगह फायरिंग हुई, वहां बड़ा सा बलून भी है। हमने अचानक तेज आवाज सुनी। शुरुआत में लगा कि बलून फट गया होगा। तभी लोग चीखते हुए हमारी तरफ आए। मैं और मेरे साथ मौजूद लोग जान बचाने के लिए तेजी से भागे। हमें बाद में पता चला कि आतंकियों ने कई टूरिस्ट्स को मार दिया है।