जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत हो गई। घटना बैसारन घाटी इलाके मंगलवार दोपहर 2.45 बजे हुई। आतंकियों ने UP के सुभम द्विवेदी से नाम पूछा फिर उसके सिर में गोली मारी।
इस हमले में बिहार के रहने वाले मनीष रंजन की मौत हो गई है। रंजन पिछले 2 सालों से IB के हैदराबाद ऑफिस में सेक्शन ऑफिसर के पद पर पोस्टेड थे।
मनीष रंजन को उनकी पत्नी और 2 बच्चों के सामने गोली मार दी गई। रंजन की पत्नी आशा देवी और बच्चे सुरक्षित हैं।
वो अपने पत्नी और बच्चों के साथ छुट्टी पर कश्मीर घूमने गए थे। मनीष रोहतास के करगहर थाना क्षेत्र के अरुही गांव के रहने वाले थे। सासाराम शहर के गौरक्षणी मोहल्ले में उनका पुश्तैनी घर भी है।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो गोलियों की आवाज सुनकर मनीष ने पत्नी और बच्चों को दूसरी दिशा में भागने को कहा। इस दौरान वे परिवार से अलग हो गए। आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी।
2010 में हुई थी मनीष रंजन की शादी
मनीष के पिता मंगलेश मिश्रा स्कूल में शिक्षक हैं। उन्होंने बताया है कि, 2010 में मनीष की शादी हुई थी। 12 साल का बड़ा बेटा है और 8 साल की लड़की है।
वहीं अमित के चाचा आलोक प्रियदर्शी ने बताया- ‘मैं भी मनीष के परिवार के साथ कश्मीर जाने वाले थे, लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से नहीं जा सका। हम भारत सरकार से न्याय चाहते हैं।’
औरंगाबाद में रह रहे उनके रिश्तेदार डॉ. सुरेंद्र मिश्र ने बताया- ‘3 दिन पहले मनीष हैदराबाद से वैष्णो देवी गए थे।’

माता-पिता पश्चिम बंगाल में रहते हैं
मनीष 3 भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके पिता डॉक्टर मंगलेश कुमार मिश्र पश्चिम बंगाल के झालदा में इंटरमीडिएट कॉलेज में शिक्षक थे। वे रिटायर होने के बाद वे परिवार के साथ झालदा में ही रहते हैं। मनीष का शव आज झालदा लाया जा सकता है। यहीं उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मनीष के दूसरे भाई राहुल रंजन भारतीय खाद्य निगम में और विनीत रंजन एक्साइज डिपार्टमेंट पश्चिम बंगाल में पोस्टेट हैं। मनीष रंजन पहले रांची में कार्यरत थे बाद में हैदराबाद में उनका ट्रांसफर हुआ।
मनीष रंजन के दादा पारस नाथ मिश्र भी प्रधानाध्यापक रह चुके हैं। रिटायर होने के बाद वे सासाराम में रहते थे। दो दशक पहले उनकी मौत हो गई थी। मनीष के पिता मंगलेश मिश्र दो भाई हैं। छोटे भाई आलोक मिश्र सासाराम में रहते हैं।
लश्कर-ए-तैयबा ने ली जिम्मेदारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकियों ने यूपी से आए शुभम द्विवेदी से नाम पूछा, फिर उसके सिर में गोली मार दी। शुभम की दो महीने पहले ही शादी हुई थी। वो हनीमून पर यहां आया था। आतंकियों ने दूसरे पर्यटकों पर फायरिंग करते हुए भाग निकले।
हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली है। प्रशासन ने आतंकी हमले में एक मौत की बात कही थी, लेकिन करीब 4 घंटे बाद न्यूज एजेंसी ने 26 मौतों की जानकारी दी। घटना में 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। घटना के बाद सुरक्षाबलों ने पहलगाम में हमले वाले इलाके को घेर लिया है। हेलिकॉप्टर से भी नजर रखी जा रही है।