कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार 26 अप्रैल को किया जाएगा। जानकारी वेटिकन ने दी है। निधन के बाद उनकी पहली तस्वीर भी जारी की गई है। उनके पार्थिव शरीर को ताबूत में रखा गया है। शव के पास ही धार्मिक नेताओं द्वारा प्रार्थनाएं की गईं।
अंतिम संस्कार की तैयारी आज से शुरू होगी। कैथोलिक चर्च के कार्डिनल (पादरी) आज वेटिकन आएंगे। अंतिम संस्कार में दुनियाभर के नेता और आम लोग जुटेंगे।
पोप का सोमवार को 88 साल की उम्र में निधन हुआ। वेटिकन के मुताबिक स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर पोप ने आखिरी सांस ली।
वेटिकन के मुताबिक पोप का निधन स्ट्रोक और हार्ट फैलियर से हुआ। इटैलियन मीडिया ने भी बताया था कि ब्रेन स्ट्रोक की वजह से पोप के दिमाग में रक्तस्राव हो गया था।

पोप की आखिरी पब्लिक अपियरेंस, ईस्टर पर शुभकामनाएं दीं
अपनी मृत्यु से एक दिन पहले पोप फ्रांसिस ने ईस्टर संडे के लिए मौन आशीर्वाद दिया। उन्होंने एक बयान जारी कर गाजा समेत दुनिया भर में चल रहे संघर्ष पर बात की और शांति की अपील की।
पोप के निधन पर भारतीय गृह मंत्रालय ने 3 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। पहले दो दिन का राष्ट्रीय शोक 22 और 23 अप्रैल को रहेगा, जबकि तीसरे दिन का राष्ट्रीय शोक अंतिम संस्कार वाले दिन रहेगा।

ताबूत में रखा गया पोप का शव, सेंट पीटर्स बेसिलिका में दर्शन के लिए रखा जाएगा
कल रात 11:30 बजे वेटिकन में पोप का शव ताबूत में रखा गया। उनके वेटिकन स्थित सेंट मार्था निवास पर कार्डिनल केविन जोसेफ फैरेल ने उनका शव ताबूत में रखा। बुधवार को उनका शव सेंट पीटर्स बेसिलिका में रखा जा सकता है।
पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार होगा। इसमें कई दिनों तक चलने वाले धार्मिक अनुष्ठान होंगे। उनके पार्थिव शरीर को दर्शनों के लिए रखा जाएगा। दुनिया भर से लोग अंतिम संस्कार से पहले उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे।
वेटिकन में नहीं दफनाया जाएगा पोप का शव
पोप फ्रांसिस को वेटिकन में नहीं दफनाया जाएगा। वे एक सदी से भी ज्यादा वक्त में वेटिकन के बाहर दफन होने वाले पहले पोप होंगे। आमतौर पर पोप को वेटिकन सिटी में सेंट पीटर्स बेसिलिका के नीचे गुफाओं में दफनाया जाता है। लेकिन पोप फ्रांसिस को रोम में टाइबर नदी के दूसरी तरफ मौजूद सांता मारिया मैगीगोर बेसिलिका में दफनाया जाएगा।
पोप ने सांता मारिया मैगीगोर बेसिलिका में अपने दफन होने का बात का खुलासा दिसंबर 2023 में किया था। उन्होंने बताया था कि वे मैगीगोर बेसिलिका से खास जुड़ाव महसूस करते हैं। वे यहां वर्जिन मैरी के सम्मान में रविवार की सुबह जाते थे।
सांता मारिया मैगीगोर में 7 अन्य पोप को भी दफनाया गया है। पोप लियो XIII आखिरी पोप थे जिन्हें वेटिकन से बाहर दफनाया गया था। उनकी मृत्यु 1903 में हुई थी।
पोप फेफड़ों में इन्फेक्शन से भी जूझ रहे थे
पिछले कई महीनों से पोप स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्हें14 फरवरी को रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका निमोनिया और एनीमिया का इलाज भी चल रहा था। वे 5 हफ्ते तक फेफड़ों में इन्फेक्शन के चलते अस्पताल में भर्ती थे।
इलाज के दौरान कैथलिक चर्च के हेडक्वॉर्टर वेटिकन ने बताया था कि पोप की ब्लड टेस्ट रिपोर्ट में किडनी फेल होने के लक्षण दिख रहे थे। हालांकि, 14 मार्च को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था।

अगले पोप की चयन प्रक्रिया को पैपल कॉन्क्लेव कहा जाता है
नए पोप के चयन की प्रक्रिया को ‘पैपल कॉन्क्लेव’ कहा जाता है। इसका मतलब पोप का चुनाव कराने के लिए कार्डिनल्स की गुप्त बैठक होता है। यह सम्मेलन आम तौर पर पोप का पद खाली होने के 15 से 20 दिन बाद होता है।
कार्डिनल्स बड़े पादरियों का एक ग्रुप है। इनका काम पोप को सलाह देना है। हर बार इन्हीं कार्डिनल्स में से पोप चुना जाता है। हालांकि, पोप बनने के लिए कार्डिनल होना जरूरी नहीं है। 1379 में अर्बन VI आखिरी पोप थे, जिन्हें कार्डिनल्स कॉलेज से नहीं चुना गया था।
निधन से पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति से मिले थे

