कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश गुप्ता का शव रविवार को उनके घर से खून से लथपथ अवस्था में मिला था. पूर्व डीजीपी की चाकू से गोदकर हत्या की गई थी. इस मामले में बेंगलुरु की पुलिस जांच कर रही है. ओम प्रकाश गुप्ता को 2015 में कर्नाटक का डीजीपी नियुक्त किया गया था और 2017 में उन्होंने सेवानिवृत्ति ली थी. उनका कनेक्शन बिहार से था. उनके परिवार के जीवन में एक ऐसा दौर आया था जब उनका पैतृक घर तक तबाह हो गया था.
परसौनी के रहने वाले थे ओम प्रकाश गुप्ता
70 वर्षीय ओम प्रकाश गुप्ता मूल रूप से पश्चिम चंपारण जिले के पिपरासी थाना क्षेत्र के परसौनी गांव के रहने वाले थे. साल 1971 की भयावह बाढ़ और कटाव में उनका पैतृक घर तबाह हो गया था. इसके बाद उनका परिवार बगहा आकर बस गया. उनके पिता स्वर्गीय शिवपूजन गुप्ता एलआईसी में प्रधान लिपिक के पद पर कार्यरत थे. कोरोना काल के दौरान उनका निधन हो गया था. तब से उनका शास्त्री नगर स्थित आवास बंद पड़ा है. उनके घर के दरवाजे पर ताला लटका हुआ है.
बेतिया में ही हुई थी पूर्व डीजीपी की शादी
1981 बैच के आईपीएस अधिकारी ओम प्रकाश गुप्ता की शादी बेतिया में हुई थी. बताया जा रहा है कि उनकी मां इस शादी से असहमत थीं और शादी से पूर्व ही उनका निधन हो गया था. इसके बाद परिवार स्थायी रूप से बेंगलुरु शिफ्ट हो गया था. बेंगलुरु स्थित घर में पूर्व डीजीपी अपनी पत्नी पल्लवी गुप्ता, पुत्र कार्तिक और पुत्री कृति के साथ रहते थे.
कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश गुप्ता की हत्या की खबर से पश्चिमी चंपारण जिले में भी शोक की लहर है. बगहा में उनको जानने वाले और उनके पड़ोसी भी इस घटना से हैरान हैं.
उधर पुलिस सूत्रों के अनुसार ओम प्रकाश और उनकी पत्नी के बीच तीखी बहस हुई थी जिसके बाद पल्लवी ने उनके चेहरे पर मिर्च पाउडर फेंका. इससे ओम प्रकाश जलन के कारण इधर-उधर भागने लगे थे. उसी दौरान पल्लवी ने उन पर कई बार चाकू से वार किए. इससे ओम प्रकाश की मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस ने पत्नी और बेटी को हिरासत में लिया है.