कृष्ण जन्माष्टमी कल यानी 26 अगस्त को पूरे देश भर में धूमधाम से मनाई गई. जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी मनाई जाती है. आज 27 अगस्त को ये पावन पर्व भी कृष्ण भक्त धूमधाम से मनाते हैं. ये पर्व खासकर महाराष्ट्र, वृंदावन, मथुरा में हर्षोल्लास से लोग सेलिब्रेट करते हैं. इस दिन उत्साह का माहौल देखते ही बनता है. दही हांडी क्यों मनाते हैं, क्या है इस पर्व का महत्व और इस हांडी में कौन-कौन सी चीजें डाली जाती हैं, क्या आपको इस बारे में जानकारी है?
कब है दही हांडी
आज 27 अगस्त को दही हांडी का उत्सव मनाया जाएगा. हिंदू धर्म के अनुसार, हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के नवमी तिथि को दही हांडी का उत्सव धूमधाम से कृष्ण भक्त मनाते हैं. मान्यताओं के अनुसार, दही हांडी महोत्सव द्वापर युग से ही मनाया जा रहा है.
दही हांडी क्यों मनाते हैं?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण को बचपन से ही माखन, मिश्री, दही ये सब चीजें बेहद प्रिय थीं. वो अपने घर, यहां तक कि पड़ोस के घरों से भी माखन चुरा कर खा लिया करते थे. उनकी इस शैतानी से यशोदा माता एक हांडी में माखन को भरकर ऊंचाई पर लटका दिया करती थीं. लेकिन, नटखट बाल गोपाल कहां रुकने वाले थे. वो अपने दोस्तों के साथ मिलकर ऊंचाई पर लटकी हांडी को भी तोड़ दिया करते थे. इसके लिए वे अपने दोस्तों के कांधे पर चढ़ जाते थे, ताकि हांडी तक पहुंच जाएं. उनकी इसी आदत से उन्हें माखन चोर लोग बुलाने लगे.
दही हांडी का महत्व
हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी का पर्व मनाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है. इसमें कृष्ण भक्त ऊंचाई पर हांडी में कुछ सामग्री डालकर लटका देते हैं. इस हांडी को तोड़ने के लिए अलग-अलग तरीके से प्रतियोगिता रखी जाती है और जो भी हांडी फोड़ देता है उसे ईनाम दिया जाता है. इसमें लोग मानव पिरामिड बनाते हैं. एक व्यक्ति धीरे-धीरे सभी के कंधों पर चढ़ता हुआ शीर्ष पर पहुंचता है और हांडी को फोड़ देता है. हालांकि, ये काफी मुश्किल भरा काम है, जिसमें बार-बार लोग नीचे गिर जाते हैं. हर जगह अलग तरीके से दही हांडी की प्रतियोगिता रखी जाती है. दही हांडी को जब ऊंचाई पर लटकाते हैं तो उसे फूलों से डेकोरेट भी किया जाता है.
दही हांडी में क्या चीजें डाली जाती हैं
इसके लिए एक मिट्टी का मटका यानी हांडी की जरूरत पड़ती है. यह नया और साफ-सुथरा हो. इसमें दही, दूध, घी, कुछ कटे हुए फल जैसे सेब, केला, अनार दाने, अंगूर, सूखे मेवे जैसे काजू, किशमिश, बादाम आदि डाल दें. पानी मिलाकर इसे अच्छी तरह से फेंट लें. तैयार है दही हांडी. आप मटके के आकार के हिसाब से दूध, दही, पानी ले सकते हैं.
महाराष्ट्र के पुणे शहर में आज दही हांडी उत्सव मनाया जाएगा। संभावित भीड़ को देखते हुए पुलिस ने कई जगहों पर रूट डायवर्जन किया है। पुणे ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि मंगलवार शाम 5 बजे से जब पुणे के मध्य भागों में अधिकांश दही हांडी उत्सव शुरू हो जाएंगे, तो कई जगहों पर सड़के बंद रहेगी और कुछ जगहों पर रूट डायवर्जन रहेगा। पुलिस ने कहा कि डायवर्जन तब तक लागू रहेंगे जब तक दही हांडी उत्सव खत्म नहीं हो जाता। इस संबंध में पुलिस उपायुक्त (यातायात) अमोल ज़ेंडे ने एक आदेश जारी किया है।
- शिवाजी रोड से स्वारगेट की ओर जाने वाले वाहनों को एसजी बर्वे चौक, जंगली महाराज रोड, खंडोजी बाबा चौक से डायवर्ट किया जाएगा और फिर तिलक रोड या शास्त्री रोड पर ले जाया जाएगा।
- बाजीराव रोड से पुरम चौक होते हुए शिवाजी नगर की ओर जाने वाले वाहनों को तिलक रोड और फर्ग्यूसन कॉलेज रोड से डायवर्ट किया जाएगा। यात्री पुरम चौक से सेनादत्त चौक तक भी जा सकते हैं।
- एसजी बर्वे चौक से पुणे नगर निगम तक जाने के लिए वाहनों को जंगली महाराज रोड मार्ग लेना होगा और झांसी ची रानी चौक से बाईं ओर जाना होगा।
- बुधवार चौक से अप्पा बलवंत चौक तक वन-वे ट्रैफिक लागू किया जाएगा।
- रामेश्वर चौक से शनिपर तक यातायात की अनुमति नहीं होगी और यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग लेने के लिए कहा जाएगा।
- सोन्या मारुति चौक से लक्ष्मी रोड होते हुए सेवा सदन चौक तक यातायात मार्ग को रोक दिया जाएगा और वाहनों को सोन्या मारुति चौक से फड़के हौद की ओर मोड़ दिया जाएगा।
- शिवाजी रोड से जीजामाता चौक और फिर दारूवाला ब्रिज होते हुए गणेश रोड की ओर जाने वाले ट्रैफिक को गाडगिल स्टैच्यू, कुंभरवेस चौक, पावले चौक और ओल्ड सात टोटी पुलिस चौकी के रास्ते डायवर्ट किया जाएगा।
- दारूवाला पुल से गणेश रोड पर यातायात बंद रहेगा। जिन वाहनों को देवजीबाबा चौक और फड़के हौद की ओर जाना है, उन्हें अपोलो टॉकीज, नरपतगिरी चौक, दारूवाला ब्रिज और दूध भट्टी के रास्ते डायवर्ट किया जाएगा।
वीर गोगादेव उत्सव जुलूस के लिए ट्रैफिक एडवाइजरी
वीर गोगादेव उत्सव की मुख्य शोभा यात्रा मंगलवार शाम 4 बजे पुणे कैंप स्थित न्यू मोदीखाना से शुरू होगी। जुलूस पुलगेट पुलिस चौकी, मेढ़ी माता मंदिर, महात्मा गांधी रोड, कुरेशी मस्जिद, सेंटर स्ट्रीट, भोपाले चौक, सेंटर स्ट्रीट चौकी, महावीर चौक, कोहिनूर होटल चौक से होते हुए वापस मेढ़ी माता मंदिर पहुंचेगा।
मंगलवार शाम 4 बजे से जुलूस खत्म होने तक ट्रैफिक डायवर्जन रहेगा। जन्माष्टमी के बाद दही हांडी उत्सव महाराष्ट्र में हर जगह मनाया जाता है। इसे गोकुलाष्टमी भी कहा जाता है, जो भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है। बता दें कि दूध, मक्खन, दही, मिठाई और अन्य वस्तुओं से भरे मिट्टी के बर्तनों को ऊंचाई से लटकाया जाता है। फिर बर्तन तोड़ने के लिए मानव पिरामिड बनाए जाते हैं। समूहों में कुछ स्थानों पर बंधे मटके या हांडी तोड़ने की प्रतिस्पर्धा होती है। दही हांडी उत्सव को देखने के लिए भारी संख्या में लोग आते हैं।