गांव-घर से निकलकर कमाई करने दिल्ली चले थे. मन में था कि पैसे कमाएंगे, परिवार को भेजेंगे, फिर एक दिन आकर अपने सपनों का आशियाना बनाएंगे. मन में कई तरह के सपने संजोकर बस में सवार हुए थे. मगर कहां पता था कि यूपी के उन्नाव में ही उनके सपने दम तोड़ देंगे. यूपी के उन्नाव में बुधवार तड़के ऐसा सड़क हादसा हुआ कि चारों ओर चीख-पुकार मच गई. इस चीख-पुकार की गूंज बिहार के सीतामढ़ी, शिवहर जिले से लेकर चंपारण जिले तक सुनाई दी. दरअसल, सीतामढ़ी से एक स्लीपर बस दिल्ली आ रही थी. मगर रास्ते में ही उन्नाव के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर वह बस हादसे का शिकार हो गई. तेज रफ्तार में चल रही बस अचानक दूध के टैंकर से जा टकराई और देखते ही देखते चारों ओर लाशें बिछ गईं.
बिहार के सीतामढ़ी से सवारियों को लेकर बस दिल्ली की ओर जा रही थी. इस बस में केवल लोग सवार नहीं थे. उनके सपने और उनकी उम्मीदें भी सवार थीं. मगर सब चकनाचूर हो गया. उन्नाव में आते-आते 18 लोगों की जिंदगी खत्म हो गई. डबल डेकर बस के दूध के टैंकर में टकराने की घटना इतनी भयावह थी कि 18 लोगों को बचाने का मौका भी नहीं मिला. उन्होंने बस में ही दम तोड़ दिया. इस बस हादसे में 19 लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है. हालांकि, उन सभी की हालत स्टेबल बताई जा रही है. बस में सवार 20 लोग सुरक्षित हैं और उन्हें दिल्ली भेज दिया गया है. कुल मिलाकर 39 लोग बच गए. बताया जा रहा है कि इस बस में ज्यादातर कामगार लोग सवार थे. अधिकांश लोग दिल्ली काम करने आ रहे थे.
पीछे बैठने वाले लोग खुशकिस्मत थे
बस हादसे की तस्वीर सामने आई है. इस तस्वीर से उन्नाव बस हादसे की खौफनाक मंजर की झलक दिख रही है. बस ने सामने से दूध के टैंकर में टक्कर मारी थी. बस का सबसे अधिक सामने और दाहिने वाला हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है. बस में सवार उन्हीं लोगों की मौत हुई है, जो आगे की सीटों पर बैठे थे. बस में पीछे वाली सीटों पर बैठने वाले लोग खुशकिस्मत थे. अगर वे बस में आगे होते तो आज मृतकों की जगह उनका नाम होता. बस की तस्वीर को देखकर समझा जा सकता है कि बस से आगे और दाहिने वाले हिस्से में बैठे लोगों में से ही 18 लोग काल के गाल में समाए हैं.
कितना खौफनाक था मंजर
बस के सामने वाले हिस्से का परखच्चा उड़ चुका है. जब हादसे के बाद आसपास के लोग बचाने दौड़े तो बस के अंदर का नजारा देख वे हैरान रह गए. बस की सीटों में शव फंसे थे. बस में लाशों के ढेर लग चुके थे. जगह-जगह खून के धब्बे थे. खून से लथपथ शवों पर नजर डालना मुश्किल हो रहा था. घायलों को काफी मशक्कत के बाद निकाला गया. किसी तरह कुछ लोग खुद को बाहर निकालने में कामयाब हो पाए थे. यह टक्कर इतना भयानक था कि बिहार से आ रही बस दूध के टैंकर को बीच से चीरती हुई निकल गई. बस के बाहर तक खून के छींटे दिखाई दे रहे थे. इधर-उधर बिखरे पड़े चप्पल-जूते और सामान, इस बात की गवाही दे रहे थे कि हादसे का यह मंजर कितना खौफनाक था.