राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) की ओर से 5 मई को आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा- यूजी (NEET UG) 2024 के 4 जून को घोषित नतीजों के बाद कथित गड़बड़ियों को लेकर देश भर में हो रहे व्यापक प्रदर्शन के बीच परीक्षा को रद्द करते हुए फिर से आयोजन की मांग वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की वेकेशन बेंच की ओर से इस याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान, परीक्षा रद्द करने और कोर्ट ने काउसलिंग पर रोक से इनकार कर दिया है.
NEET परीक्षा रद्द करने और काउंसलिंग पर रोक लगाने की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. इसके साथ ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से जवाब भी मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने एक जून को दायर इस याचिका को लेकर कहा कि बिहार पुलिस की ओर से NEET UG 2024 परीक्षा के पेपर लीक के आरोप की जांच हो रही है.
सुनवाई की अगली तारीख अभी तय नहीं हुई
सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को दूसरी याचिका के संग जोड़ा है. काउंसलिंग पर रोक लगाने से फिलहाल कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुनवाई की अगली तारीख अभी तय नहीं हुई. कोर्ट ने कहा कि इम्तिहान की मर्यादा और पवित्रता पर असर पड़ा है. हम एनटीए की दलील भी सुनना चाहेंगे.
आंध्र प्रदेश के NEET UG में एक अन्य याचिका
वहीं दूसरी ओर संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में एक अन्य याचिका आंध्र प्रदेश के NEET UG आवेदक जरीपते कार्तिक की ओर से दायर की है. इस याचिका में NTA की ओर से 1536 छात्र-छात्राओं को ग्रेस मार्क्स दिए जाने के निर्णय को चुनौती भी दी गई. इसे ‘अर्जेंट हीयरिंग’ में रखा गया है. अधिवक्ताओं वाई बालाजी और चिराग शर्मा के जरिए ये याचिका डाली गई है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में नीट परीक्षा में हुई धोखाधड़ी की जांच के लिए एसआईटी गठन की मांग की गई है. याचिका में परीक्षा रद्द करने और पेपर लीक की जांच पूरी होने तक काउंसलिंग पर रोक लगाने का मांग की गई है. इस मामले में जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की अवकाश पीठ सुनवाई करेगी. बताते चलें कि 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने पेपर लीक के आधार पर परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया था. लेकिन शीर्ष अदालत ने रिजल्ट पर रोक लगाने से इनकार किया था. रिजल्ट आने के बाद याचिका दायर की गई है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि ग्रेस मार्क्स देना नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से कुछ विद्यार्थियों को बैकडोर से एंट्री देना सही नहीं है. याचिकाकर्ताओं ने मुख्य रूप से परीक्षा के दौरान देरी के कारण कुछ छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स को चुनौती दी है और NEET-UG में प्रवेश के लिए नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने और नतीजे वापस लेने की मांग उठाई है. याचिका में कहा गया है कि ग्रेस अंक देना मनमाना था और कई छात्रों ने 720 में से 718 और 719 अंक प्राप्त किए हैं. जो कि करना सांख्यिकीय रूप से संभव नहीं है.
SIT जांच की मांग
इसके अलावा इसमें ये भी सवाल उठाया गया है कि एक केंद्र के 67 स्टूडेंट्स को पूरे 720 अंक कैसे मिल गए? याचिका में कथित रूप से पेपर लीक की जांच पूरी होने तक NEET-UG 2024 प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली काउंसलिंग पर रोक लगाने की मांग उठाई है. साथ ही SIT के गठन की भी मांग की गई है.