प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान के बाद से कांग्रेस नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हाल ही में राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि पीएम मोदी के भाषण से लग रहा है कि पहले चरण का चुनाव उनके पक्ष पर नहीं रहा है। बता दें कि पहले चरण के चुनाव के बाद सभी पार्टी के नेताओं ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसका जिक्र किया था। कपिल सिब्बल ने यह भी कहा कि पीएम के भाषण से यह लग रहा है कि बहुत सारे लोग निराश हैं, जो इशारा करता है यहां रह रहे अल्पसंख्यक घुसपैठिए हैं। यह कैसी राजनीति है, यह हमारी संस्कृति में तो नहीं है।
वहीं इस बात पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि भाजपा और पीएम मोदी भारत की जनता को असल मुद्दों से भटकाने का काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर दावा किया, ‘पहले चरण के मतदान में निराशा हाथ लगने के बाद नरेन्द्र मोदी के झूठ का स्तर इतना गिर गया है कि घबराकर वह अब जनता को मुद्दों से भटकाना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के ‘क्रांतिकारी घोषणापत्र’ को मिल रहे अपार समर्थन के रुझान आने शुरू हो गए हैं। देश अब अपने मुद्दों पर वोट करेगा, अपने रोजगार, अपने परिवार और अपने भविष्य के लिए वोट करेगा। भारत भटकेगा नहीं’
प्रधानमंत्री सम्मान के काबिल नहीं है
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल बोले कि इस तरह की नफरत के साथ हिंदुस्तान में शांति बरकरार नहीं रखी जा सकती। वे बोले कि प्रधानमंत्री पद पर बैठे हर व्यक्ति का हम सम्मान करते हैं। लेकिन ये प्रधानमंत्री सम्मान के काबिल नहीं हैं। देश के बुद्धिजीवियों को आवाज उठानी होगी। उन्होंने मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए कहा कि वे चुप क्यों हैं?
इतनी नीचे गिर गई राजनीति
पीएम मोदी के भाषण पर कपिल सिब्बल ने कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि यहां राजनीति का स्तर इतना नीचे गिर गया है। क्योंकि ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ। पीएम मोदी का भाषण किस ओर इशारा करना चाह रहा है।
चुनाव आयोग मूक क्यों हैं?
कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग पर चुप होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि पीएम मोदी पर तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की गई? इस भाषण की निंदा की जानी चाहिए थी। चुनाव आयोग को प्रधानमंत्री मोदी को इस बात पर नोटिस भेजना चाहिए।
क्या था प्रधानमंत्री मोदी का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले चरण चुनाव के बाद राजस्थान के बांसवाड़ा में एक भाषण में कहा है कि ‘ये अर्बन नक्सल वाली सोच, इस हद तक चले जाएंगे’ कि मेरी माताओ- बहनों ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे। उन्होंने दावा करते हुए कहा, ‘ये कांग्रेस का घोषणापत्र कह रहा है कि वे माताओं बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर उस संपत्ति को बांट देंगे। उनको बांटेगे जिनके बारे में मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।’ पीएम मोदी ने कहा, ‘पहले जब उनकी सरकार थी, तब कहा था की देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठी करके किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे’ ‘घुसपैठियों को बांटेंगे। आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? क्या आपको ये मंजूर है?’
कांग्रेस के घोषणा पत्र में क्या
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में आर्थिक असमानताओं के मुद्दे पर प्रकाश डाला गया है। पार्टी ने यह भी कहा है कि इसमें किसी से कुछ लेकर बांटने की बात नहीं कही गई है। ‘व्यापक सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना’ का समर्थन किया गया है। कांग्रेस ने दावा किया था कि राहुल गांधी ने सात अप्रैल 2024 को हैदराबाद में देश की संपत्ति के ‘पुनर्वितरण’ का वादा नहीं किया था। उनके शब्दों को ‘गलत तरीके से पेश’ किया गया। राहुल गांधी ने कथित तौर देश की संपत्ति के अधिक न्यायसंगत वितरण के लिए एक सर्वेक्षण कराने की आवश्यकता के बारे में बात की थी।
घोषणा पत्र में कहीं भी हिंदू मुसलमान लिखा हो तो दिखा दें
पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने अपनी पोस्ट में कहा, “प्रधानमंत्री को चुनौती है कि हमारे घोषणा पत्र में कहीं भी हिंदू मुसलमान लिखा हो तो दिखा दें। इस तरह का हल्कापन आपकी मानसिकता में और आपके राजनीतिक संस्कारों में है। हमने तो युवाओं, महिलाओं, किसानों, आदिवासियों, मध्यम वर्ग और श्रमिकों को न्याय की बात कही है। आपको इससे भी आपत्ति है?”