ईरान-इजराइल में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने अपनी सेना इजराइल भेजी है। ‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका का एयरक्राफ्ट कैरियर USS ड्वाइट आइजनहावर लाल सागर के रास्ते इजराइल पहुंच रहा है। ये ईरान की तरफ से दागी जाने वाली मिसाइल और ड्रोन को रोकने में सक्षम है।
न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, एक अमेरिकी डिफेंस अधिकारी ने कहा, ‘हम जंग को बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही अमेरिकी बलों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए हम मिडिल-ईस्ट में अतिरिक्त सेना भेज रहे हैं।’
इधर, भारत समेत 5 देशों- अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और फ्रांस ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें नागरिकों को ईरान और इजराइल न जाने की सलाह दी गई है।
दरअसल, 1 अप्रैल को इजराइल ने सीरिया में ईरानी एंबेसी के पास एयरस्ट्राइक की थी। इसमें ईरान के दो टॉप आर्मी कमांडर्स समेत 13 लोग मारे गए थे। इसके बाद ईरान ने बदला लेने के लिए इजराइल पर अटैक करने की धमकी दी थी।
ईरान-इजराइल से भारतीयों को बचाने की तैयारी
ईरान में लगभग 4,000 भारतीय रहते हैं। वहीं, इजराइल में 18,500 प्रवासी भारतीय रहते हैं। न्यूज एजेंसी PTI ने बताया कि भारत दोनों देशों से भारतीयों को बचाकर वापस देश लाने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा वहां भारतीयों के लिए सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं।
ऑस्ट्रिया ने ईरान जाने वाली फ्लाइट्स कैंसल कीं
यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया ने ईरान जाने वाली सभी फ्लाइट्स 6 दिनों के लिए कैंसल कर दी हैं। ऑस्ट्रियन एयरलाइंस ने कहा कि मिडिल-ईस्ट में बढ़ते तनाव के बीच विएना से तेहरान जाने वाली सभी फ्लाइट्स को 18 अप्रैल तक के लिए कैंसल कर दिया गया है।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी इंटेलिजेंस से जुड़े लोगों का कहना है कि ईरान में ड्रोन और क्रूज मिसाइलों का मूवमेंट देखा गया है। एक व्यक्ति ने कहा कि ईरान को 100 से ज्यादा क्रूज मिसाइलें तैयार करते हुए देखा गया है।
माना जा रहा है कि ईरान अपनी सीमा के अंदर से इजराइल पर हमला करेगा। हालांकि, यह साफ नहीं है कि ईरान अपनी जमीन से ही हमला करने के लिए मिसाइलें तैनात कर रहा है या इजराइली-अमेरिकी हमले से बचने के लिए तैयारी कर रहा है।
2 दिन में इजराइल पर हमला कर सकता है ईरान
अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) ने दावा किया है कि ईरान अगले दो दिन में इजराइल पर हमला कर सकता है। WSJ ने शुक्रवार को अमेरिकी इंटेलिजेंस के हवाले से ये जानकारी दी।
WSJ ने रिपोर्ट में ईरानी अधिकारी के हवाले से बताया कि ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई से हमले का प्लान साझा किया गया है। वो इसके मुमकिन असर का आकलन कर रहे हैं।
हालांकि, अधिकारी ने ये भी कहा है कि अभी फैसला फाइनल नहीं किया है। वहीं, इजराइल अपने उत्तर और पश्चिम दोनों हिस्सों में ईरान के हमले से निपटने की तैयारी कर रहा है।
ईरान ने अमेरिका को बीच में न पड़ने की हिदायत दी थी
6 अप्रैल को इजराइल से बदला लेने की तैयारी कर रहे ईरान ने अमेरिका को चेतावनी दी थी कि वो इजराइल और उनके मसले के बीच न आए। ईरानी राष्ट्रपति के ‘डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ’ मोहम्मद जमशीदी ने अमेरिका से कहा था, “इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू के जाल में न फंसें। अगर आप चाहते हैं कि हमले में आपको नुकसान न हो तो मामले से दूर रहें।”
जमशीदी ने बताया अमेरिका ने उनकी चेतावनी पर कहा था कि उनके ठिकानों पर हमले नहीं होने चाहिए। तब CNN ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा था, ‘ईरान की चेतावनी को लेकर अमेरिकी सेना हाई अलर्ट पर है।’
ईरान का हमला रोकने के लिए अमेरिका ने चीन-सऊदी से मदद मांगी
12 अप्रैल को अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सऊदी अरब, चीन, तुर्किये और कई यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों से फोन पर बात की। ब्लिंकन ने सभी देशों से ईरान को हमला न करने के लिए मनाने को कहा। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा- विवाद को बढ़ावा देना किसी के भी हित में नहीं है।
पूरे मिडिल ईस्ट में जंग फैल सकती है
ईरान और इजराइल के बीच दुश्मनी जगजाहिर है, हालांकि दोनों देश कभी सीधेतौर पर एक-दूसरे से टकराने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। ईरान ने हमेश हमास और हिजबुल्लाह जैसे संगठनों का सहारा लिया। वहीं, इजराइल सीधे तौर पर ईरानी ठिकानों पर हमला करता है। अब अगर ईरान सीधेतौर पर इजराइल को निशाना बनाता है तो सबसे बड़ा खतरा इस बात का है कि पूरे मिडिल ईस्ट में यह जंग फैल जाएगी और इसके नतीजे खतरनाक होंगे।
गाजा जंग में फंसे इराक और सीरिया
सीरिया में 1 अप्रैल को जैसे ही ईरान के दूतावास पर हमला हुआ तो सबसे पहले बयान अमेरिका का आया। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में उनका हाथ नहीं है। दरअसल, गाजा में इजराइल और हमास के बीच जंग शुरू होने के बाद अमेरिका और इजराइल की तरफ से इराक और सीरिया में कई ईरानी ठिकानों पर हमले हुए हैं।
बदले में ईरान ने अमेरिका और इजराइली ठिकानों को निशाना बनाया है। इसके चलते इराक ने सभी देशों से अपील कि है कि वो उनके मुल्क को अपनी दुश्मनी की भेंट न चढ़ाएं। इराक ने अमेरिका से कहा कि वो उनके देश से अपने सारे सैनिक निकाल ले। इसे लेकर इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल सुदानी 15 अप्रैल को अमेरिका का दौरा करेंगे। सुदानी और बाइडेन से मुलाकात में इराक से अमेरिकी सैनिक निकालने का पूरा प्लान तैयार किया जाएगा।