विपक्षी दलों में निशाना साधने के लिए BJP का एक बड़ा मुद्दा परिवारवाद है। परिवार ऐसा फैक्टर है जिसे लेकर राजनीति गरम रहती है। हाल ही में जब बिहार के पूर्व सीएम और RJD नेता लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवार को लेकर कमेंट किया था तो BJP ने ‘मोदी का परिवार’ अभियान चला दिया। सोशल मीडिया में सभी BJP नेताओं, मंत्रियों और समर्थकों ने अपने नाम के आगे ‘मोदी का परिवार’ लिख लिया।
बिहार में परिवारवाद की राजनीति
लोकसभा चुनाव में बिहार में देखें तो यहां कोई भी पार्टी परिवारवाद से अछूती नहीं है। लगभग हर पार्टी में नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट दिया गया है। कुछ पहले से राजनीति में हैं तो कुछ की इस बार राजनीति में एंट्री हो रही है। RJD नेता लालू प्रसाद यादव का पूरा परिवार ही राजनीति में है। अब उनकी बेटी रोहिणी आचार्य की भी राजनीति में एंट्री हो रही है। उन्हें RJD ने सारण लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। पिछले दिनों वह तब चर्चा में आई थीं जब उन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद को किडनी डोनेट की थी। लालू की बेटी मीसा भारती अभी राज्यसभा सांसद हैं। चर्चा है कि वह भी चुनाव लड़ सकती हैं। JDU नेता और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी भी इस बार राजनीति में एंट्री कर रही हैं। उन्हें LJP (रामविलास) ने समस्तीपुर से उम्मीदवार बनाया है। JDU और LJP दोनों ही NDA का हिस्सा है। LJP (रामविलास) चीफ चिराग पासवान खुद हाजीपुर से चुनाव लड़ रहे हैं और उन्होंने अपने बहनोई अरुण भारती को जमुई सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। अरुण भारती भी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।
RJD के कुछ और नेता भी कम नहीं
RJD नेता जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को पार्टी ने बक्सर से टिकट दिया है। वह अभी विधायक हैं और पहले कृषि मंत्री भी रहे हैं। BJP नेता रहे और वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे मुनिलाल के बेटे शिवेश राम को BJP ने सासाराम से टिकट दिया है। शिवेश राम 2010 में विधानसभा का चुनाव भी लड़े थे और जीते थे। BJP नेता सी. पी. ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर को नवादा सीट से टिकट मिला है। वह अभी राज्यसभा सांसद हैं।
JDU-BJP में भी कई नेता पुत्र सांसदी की रेस में
बिहार की सीवान सीट से JDU ने विजय लक्ष्मी कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है। वे पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा की पत्नी हैं। मधुबनी से पूर्व सांसद हुकुमदेव यादव के बेटे अशोक यादव फिर से मुधबनी से BJP उम्मीदवार बने हैं। वह अब भी सांसद हैं। शिवहर सीट से JDU ने लवली आनंद को टिकट दिया है जो पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन की पत्नी हैं। लवली खुद भी पूर्व सांसद हैं और दो बार विधायक रह चुकी हैं। पश्चिम चंपारण से BJP नेता संजय जायसवाल फिर से चुनाव लड़ रहे हैं, ये पूर्व सांसद मदन जायसवाल के बेटे हैं। वाल्मीकि नगर सीट से JDU ने सुनील कुमार को उम्मीदवार बनाया है। वह अब भी इसी सीट से सांसद हैं। उनके पिता वैद्यनाथ महतो इस सीट से सांसद थे, उनकी मौत के बाद 2020 में हुए उपचुनाव मे सुनील कुमार को टिकट दिया और वे सांसद बने।
लालू यादव को किडनी की जरूरत थी। दूसरे नंबर की बेटी रोहिणी सामने आई और अपनी एक किडनी दी। उस समय तक किसी को अंदाजा नहीं था कि रोहिणी अपने पिता की राजनीतिक विरासत बचाने के लिए चुनाव में उतरेंगी।
सोशल मीडिया पर अपने तीखे तेवरों से विरोधियों को घेरने वाली रोहिणी सारण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। मुकाबला बीजेपी के कद्दावर नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री और 4 बार के सांसद राजीव प्रताप रूडी से है। रोहिणी सिंगापुर से आकर सारण की सड़कों पर धूप और धूल के बीच लोगों से अपने लिए वोट मांग रही हैं।
रोहिणी ने राजनीति में आने का मन कब बनाया? क्या लालू की बेटी होने की वजह से टिकट मिला? दैनिक भास्कर ने उनसे ये सवाल पूछे। रोहिणी ने परिवारवाद की राजनीति के सवाल का भी जवाब दिया।