महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (8 अप्रैल) को सुनवाई होगी। उद्धव ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट को असली शिवसेना और उनके विधायकों को योग्य बताने वाले महाराष्ट्र के स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले को चैलेंज किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 7 मार्च को पिछली सुनवाई में स्पीकर के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि क्या आपका फैसला हमारे मई 2023 के फैसले के खिलाफ नहीं है? दरअसल, मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा में विधायकों की संख्या के आधार पर विवाद का फैसला करने से रोक दिया था।
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने स्पीकर को उद्धव की याचिका से संबंधित सभी दस्तावेज जमा करने के आदेश दिए थे। साथ ही शिंदे गुट से 1 अप्रैल तक जवाब मांगा था।
शिंदे ने जून 2022 में उद्धव से की थी बगावत
शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे ने पार्टी के अन्य 39 विधायकों के साथ जून 2022 में उद्धव से बगावत की थी। शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई और खुद मुख्यमंत्री बन गए।
इसके बाद शिंदे ने शिवसेना पर अपना दावा कर दिया। उद्धव गुट का आरोप है कि शिंदे ने असंवैधानिक रूप से सत्ता हथिया ली और सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। दोनों गुटों ने एक-दूसरे के सभी 54 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग को लेकर 34 याचिकाएं लगाई थी।
राहुल नार्वेकर ने 10 जनवरी को शिंदे गुट को असली शिवसेना बताया था। साथ ही शिंदे गुट के 40 और उद्धव गुट के 14 विधायकों को अयोग्य करने की मांग को लेकर सभी याचिकाएं खारिज की थी।
राहुल नार्वेकर के फैसले की 3 अहम बातें…
- जून 2022 में जब पार्टी विभाजित हुई तो शिंदे गुट को शिवसेना के कुल 54 विधायकों में से 37 का समर्थन प्राप्त था। इसलिए वह ही असली शिवसेना है।
- शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटाने का फैसला उद्धव का था, पार्टी का नहीं। शिवसेना संविधान के अनुसार वे अकेले किसी को पार्टी से नहीं निकाल सकते।
- शिंदे गुट की तरफ से उद्धव गुट के 14 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग खारिज। शिंदे गुट ने केवल आरोप लगाए, उनके समर्थन में सबूत नहीं दिए।
चुनाव आयोग ने भी शिंदे गुट को असली शिवसेना माना स्पीकर के फैसले के बाद चुनाव आयोग ने भी 16 फरवरी 2023 को एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना बताया था। साथ ही शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और चिह्न (तीर-कमान) को इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। उद्धव गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर राहुल नार्वेकर को इस पर फैसला करने को कहा था।