पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार संबंध बहाल करने पर विचार कर रहा है। पाकिस्तान ने अगस्त 2019 में जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद भारत के साथ व्यापार को एकतरफा तरीके से रोक दिया था।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा- पाकिस्तान का व्यापारिक समुदाय भारत के साथ व्यापार बहाल करना चाहता है। इस संबंध में पाकिस्तान सरकार मामले से जुड़े सभी लोगों से एडवाइस लेगी और सभी प्रस्तावों की समीक्षा के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
आर्टिकल 370 हटने के बाद और खराब हुए भारत-पाक संबंध
भारत की केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया था। इस आर्टिकल के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया था। इसे खत्म करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहद खराब हो गए थे।
उस वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान थे। उन्होंने कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल नहीं किया जाएगा, तब तक भारत से कोई बातचीत नहीं होगी।
इधर, भारत ने भी कहा था कि जब तक आतंकियों पर कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक बातचीत का सवाल ही नहीं। तब से 4 चार साल बाद तक 5 अगस्त के दिन पाकिस्तान देशभर में भारत के खिलाफ धरने-प्रदर्शन कराता है।
आर्टिकल 370 हटाने का फैसला बरकरार
11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सरकार के फैसले को बरकरार रखा था। SC ने कहा था कि आर्टिकल 370 अस्थायी था। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। राष्ट्रपति को यहां के फैसले लेने का पूरा अधिकार है। इसके साथ ही राज्य में सितंबर 2024 तक चुनाव कराने का आदेश भी दिया गया।
केयरटेकर PM ने कहा था- कश्मीर हमारी नसों में
14 दिसंबर 2023 को पाकिस्तान के केयरटेकर PM अनवार-उल-हक काकड़ ने कहा था- आर्टिकल 370 पर भारत के सुप्रीम कोर्ट का फैसला राजनीति से प्रेरित है। हम कश्मीर के लोगों के लिए नैतिक, राजनीतिक और डिप्लोमैटिक सपोर्ट जारी रखेंगे। घरेलू कानून और न्यायिक फैसलों के जरिए भारत अपने फर्ज से छुटकारा नहीं पा सकता।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में लेजिस्लेटिव असेंबली के स्पेशल सेशन को संबोधित करते हुए काकड़ ने कहा था- कश्मीर पाकिस्तान की नसों में हैं। पाकिस्तान शब्द ही कश्मीर के बिना अधूरा है। पाकिस्तान और कश्मीर के लोगों में एक खास रिश्ता है। राजनीति से अलग हटकर पूरा पाकिस्तान इस बात का समर्थन करता है कि कश्मीरियों के पास अपने फैसले लेने का हक है।
पाकिस्तान में आर्थिक स्थिति कमजोर
पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस समय 8 बिलियन डॉलर है, जो करीब डेढ़ महीने तक के सामानों के आयात जितना है। देश के पास कम से कम 3 महीने के सामान के आयात जितना पैसा होना चाहिए।
2024 में पाकिस्तान की GDP महज 2.1% की दर से बढ़ने की संभावना है। विकास की ये दर कमजोर सरकार आने पर और नीचे जा सकती है। फिलहाल एक डॉलर की कीमत 276 पाकिस्तानी रुपए के बराबर है।
घटते विदेशी मुद्रा भंडार के बीच पाकिस्तान को अगले 2 महीने में 1 बिलियन डॉलर, यानी 8.30 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चुकाना है। एक तरफ उस पर कर्ज तोड़ने का दबाव है, तो वहीं दूसरी ओर 12 अप्रैल 2024 को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF से उसे 3 बिलियन डॉलर कर्ज मिलने की समय सीमा भी खत्म हो रही है। अगर कर्ज नहीं मिला तो मुल्क दिवालिया घोषित हो सकता है।