भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व उम्मीदवारों के चयन में अपने ही नेताओं और कार्यकर्ताओं को चौंकाती रही है। इस उम्मीदवारी में कुछ ऐसे नाम होते हैं जो भाजपा की मुख्यधारा से अलग होते हैं, पर केंद्रीय नेतृत्व उन पर मेहरबान होती रही है। बहुत कुछ हाल के दिनों में देखने को मिला। अब चाहे एमएलसी के लिए जिन उम्मीदवारों का नाम सामने आया या कि राज्यसभा के लिए, सभी तो नहीं, लेकिन कुछ नाम तो चौंकाने वाले ही थे। कहा तो ये भी जा रहा है कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बिहार में मध्य प्रदेश की तरह दांव चली है।
एमएलसी उम्मीदवारों का चयन
शनिवार को भाजपा ने एमएलसी उम्मीदवारों की जो सूची प्रकाशित की है, वह भी चौंकाने वाले ही हैं। इस बार माना जा रहा था कि जिन भाजपा एमएलसी का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है, उन्हें नहीं भेजा जाएगा। पर अनुमान के विपरित मंगल पांडे को तीसरी बार विधान परिषद भेजने पर केंद्रीय नेतृत्व ने मुहर लगा दी। इनके बारे में कहा जा रहा था ये बंगाल के प्रभारी हैं। ये एक महत्वपूर्ण मिशन में लगे हैं। दूसरा कारण था मंगल पांडे दो बार एमएलसी बनाए जा चुके हैं। शाहनवाज हुसैन और संजय पासवान के बारे में कहा जा रहा था कि ये दोनों लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
बीजेपी नेतृत्व द्वारा घोषित दूसरा नाम लाल मोहन गुप्ता का था। यह वो नाम है जिस पर भाजपा नेताओं में भी काफी हैरानी हुई। इनके बारे में भाजपा के कई वरीय पदाधिकारी भी नहीं जानते। दरअसल लाल मोहन मुंगेर भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे हैं। इन्हें जिलाध्यक्ष तब बनाया गया था जब प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष नित्यानंद राय थे। लाल मोहन नित्यानंद राय की पसंद माना जा रहा है। वैसे वे अभी जमुई जिला भाजपा के प्रभारी हैं। ये पिछड़ी जाति तांती से आते हैं।
अनामिका सिंह या अनामिका पटेल!
भाजपा ने इस बार जिनको एमएलसी का उम्मीदवार बना है, उनमें एक नाम अनामिका सिंह का भी है। इन्हें प्रदेश भाजपा के भीतर काफी लोग जानने वाले हैं। ये भाजपा के लिए महिला प्रकोष्ठ के विभिन्न पदों को संभाल चुकी हैं। अनामिका सिंह पहली बार एमएलसी बनने जा रही हैं। पर इनको लेकर कहा जा रहा है कि पार्टी ने अनामिका सिंह को एमएलसी बनाने का निर्णय लिया है या अनामिका सिंह पटेल को। ऐसा इसलिए कि इधर से अनामिका सिंह अचानक से अपनी प्रेस विज्ञप्ति में अनामिका सिंह पटेल लिखने लगी थी। पटेल यानी कुर्मी जाती। तो क्या अनामिका कुर्मी समीकरण के कारण भेजी गईं!
राज्यसभा चुनाव में भी चौंकाया
राज्यसभा की उम्मीदवारी को लेकर भी अटकलों पर विराम लगाते केंद्रीय नेतृत्व ने चौंकाने वाले दो नामों को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया था। ये नाम भीम सिंह और धर्मशीला गुप्ता के थे। जबकि कहा यह जा रहा था कि सुशील मोदी को दूसरी बार राज्य सभा भेजा जाएगा। लेकिन लोकसभा के चुनावी विसात के मद्देनजर केंद्रीय नेतृत्व ने अतिपिछड़ा से भीम सिंह और पिछड़ा जाति से धर्म शीला गुप्ता को राज्य सभा भेजा है। भीम सिंह तो वर्ष 2015 जदयू से नाता तोड कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। धर्मशिला गुप्ता महिला मोर्चा की अध्यक्ष थीं। मेयर के चुनाव में भी ये हारकर चौथे स्थान पर रही थीं। इन्हें भाजपा नेता सुशील मोदी का विकल्प बनाना भी प्रदेश नेतृत्व को चौंका डाला था।