संसद के शीतकालीन सत्र में आज भी हंगामा देखा गया. अनियंत्रित हंगामे को देखते हुए लोकसभा स्पीकर ने 33 सांसदों को निलंबित कर दिया है. इन सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पेश किया था. संसद की कार्यवाही बाधित करने के लिए विपक्ष के कुल 33 सांसदों को सस्पेंड किया गया. इनमें से 30 सांसदों को सदन के पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंड किया गया है, जबकि बाकी तीन सांसदों (जयकुमार, विजय वसंत और अब्दुल खालिक) को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया. इन तीन सांसदों पर स्पीकर के कक्ष के सामने जाकर नारेबाजी करने का आरोप है.
स्पीकर की ओर से जिन सांसदों को निलंबित किया है, उनमें कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का नाम भी है. अधीर रंजन समेत 30 सांसदों को पूरे शीत सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. इसके साथ कांग्रेस और टीएमसी सहित कई विरोधी पार्टियों के सांसद भी हैं. दयानिधि मारन और सौगत रॉय को निलंबित किया गया है. आज निलंबित किए गए सांसदों के नाम इस प्रकार हैं.
सस्पेंड किए सांसदों की लिस्ट
निलंबित सांसदों की लिस्ट इस प्रकार है. कल्याण बनर्जी, ए राजा, दयानिधि मारन, अपरूप पोदार, प्रसून बनर्जी, ईटी मोहमद बशीर, जी सेल्वल्म, अन्नादुरई, टी सुमति, अधीर रंजन चौधरी, के नावस्कमी, के रविरस्वामी, प्रेम चंद्रन, शताब्दी रॉय, सौगात रॉय, प्रतिभा मंडल, असीथ कुमार, कौशलेंद्र कुमार, एंटो एंटोनी, पल्ली मणिकम, काकोली घोष, सुनील मंडल, के मुरली धारन और अमर सिंह.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने साधा निशाना
विपक्षी सांसदों के सस्पेंड होने पर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने X (पहले ट्विटर) किया, “पहले, घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया. फिर मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है. 47 सांसदों को निलंबित करके निरंकुश मोदी सरकार ने सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंकने की कोशिश कर रही है. एक विपक्ष के साथ -संसद के बिना, मोदी सरकार अब महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को कुचल सकती है, किसी भी असहमति को बिना किसी बहस के कुचल सकती है.
सांसदों के हंगामे के चलते किया गया निलंबित
बता दें कि 14 दिसंबर को कुल 14 सांसदों को निलंबित किया गया था. इनमें 13 लोकसभा और 1 राज्यसभा सांसद थे. इन सभी सांसदों को पूरे शीत सत्र के लिए निलंबित किया गया था. दरअसल, 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में चूक के बाद विपक्षी संसदों की ओर से लगातार हंगामे के चलते इन सांसदों को सस्पेंड किया गया है.