डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि उनके माता और पिता दोनों ही बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वो चाहते तो गलत तरीके से डिग्री ले सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। तेजस्वी शनिवार को संत माइकल हाई स्कूल के ऐनुअल स्पोर्ट्स डे के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब पुरानी वाली कहावत- पढ़ोगे, लिखोगे तो बनोगे नवाब और खेलोगे, कूदोगे तो बनोगे खराब। अब यह नहीं चलेगी। अब स्पोर्ट्स का जमाना है। बच्चों को मैदान में जाकर खेलना चाहिए। सिर्फ गैजेट्स में व्यस्त नहीं रहना चाहिए।
डिप्टी सीएम ने कहा- हम ये नहीं कह रहे कि पढ़ाई नहीं करनी चाहिए। पढ़ाई करनी चाहिए और डिग्री भी लेनी चाहिए। मेरे माता-पिता दोनों सीएम रहे हैं। चाहते तो डिग्री हम भी ले ही लेते, लेकिन नहीं ली। हालांकि, देश में आज कई लोगों के पास फर्जी डिग्रियां है।

देश में बड़ी समस्या बेरोजगारी है
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने कहा कि जो मेडल लाएगा, वह नौकरी पाएगा। आजकल डिग्री रहती है, लेकिन नौकरी नहीं मिलती है। हमारी सोसाइटी की बड़ी समस्या बेरोजगारी है। हमारी सरकार इसे दूर करने में लगी है।
उन्होंने कहा कि 81 खिलाड़ियों को हम अफसर बनाने जा रहे हैं। जल्द ही उन्हें हम जॉइनिंग लेटर देंगे। खेल का माहौल हर स्कूल में दिखना चाहिए। ग्रामीण इलाकों में भी ये माहौल बने। एक लाख 22 हजार शिक्षकों को एक दिन में हमारी सरकार ने नियुक्ति पत्र दिया है। पूरे देश में ऐसा किसी राज्य की सरकार में नहीं हुआ है।

विपक्ष लगातार उठाते रहे हैं सवाल
दरअसल, विरोधी लगातार तेजस्वी यादव की डिग्री और उनकी पढ़ाई को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। विपक्ष लगातार तेजस्वी को 9वीं फेल बताता रहा है। बता दें कि कुछ दिन पहले बीजेपी ने मोहन यादव को एमपी का सीएम बनाया। जिसके बाद ये कहा जाने लगा कि बीजेपी ने एक पढ़े लिखे यादव नेता को मुख्यमंत्री की कमान सौंपी है। मोहन यादव पीएचडी होल्डर हैं।