संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने (कैश फॉर क्वेरी) के मामले की जांच कर रही एथिक्स कमेटी शुक्रवार (10 नवंबर) को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
इसके बाद यह रिपोर्ट 4 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के विंटर सेशन में लोकसभा में पेश की जाएगी। इसमें महुआ के निष्कासन की सिफारिश को लेकर वोटिंग हो सकती है।
BJP सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता में कमेटी ने गुरुवार (9 नवंबर) को बैठक की और 479 पन्नों की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। कमेटी के किसी सांसद के खिलाफ की गई यह पहली कार्रवाई है।
सोनकर के मुताबिक, महुआ को 6:4 के बहुमत से आईडी लॉगइन आईडी और पासवर्ड दूसरों के साथ साझा करने के ‘अनैतिक आचरण’ का दोषी पाया गया है। कमेटी के 10 में से 6 मेंबर्स ने महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने के पक्ष में वोट दिया था।
4 मेंबर्स ने विपक्ष में वोट डाला था। कमेटी के जिन 4 सदस्यों ने महुआ के निष्कासन का विरोध किया था, उन्होंने रिपोर्ट को पूर्वाग्रह से ग्रस्त और गलत बताया। उन्होंने कहा था कि दर्शन हीरानंदानी को पैनल के सामने पेश होने का मौका नहीं दिया गया। दर्शन सिर्फ हलफनामा ही दाखिल कर पाए हैं।
कमेटी की कांग्रेस सदस्य ने महुआ के निष्कासन के लिए वोट डाला
बीजेपी सांसद और कमेटी मेंबर अपराजिता सारंगी ने कहा- कांग्रेस सांसद प्रनीत कौर ने सच का साथ दिया। मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं। कोई भी सही सोच वाला व्यक्ति महुआ मोइत्रा का समर्थन नहीं करेगा।
एथिक्स कमेटी में रिपोर्ट में क्या-क्या है…
- महुआ मोइत्रा का अकाउंट जुलाई 2019 से अप्रैल 2023 के बीच UAE से 47 बार ऑपरेट हुआ था। इस दौरान 2019 से सितंबर 2023 के बीच वह सिर्फ चार बार यूएई गई थीं। सूत्रों ने बताया कि एक ही IP एड्रेस से किसी ने 47 बार लॉग इन किया है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि महुआ मोइत्रा द्वारा पूछे गए 61 सवालों में से 50 सवाल बिजनेमसमैन दर्शन हीरानंदानी की पसंद के थे। दर्शन हीरानंदानी विदेश में रहते हैं, आचार समिति ने बताया है कि पासवर्ड शेयर करने से गुप्त जानकारी विदेशी एजेंसियों के हाथ लग सकती है।
- एथिक्स कमेटी के हवाले से सूत्रों ने बताया कि संसदीय लॉगिन शेयर करने का मतलब बाहरी लोगों को ऐसे कई संवेदनशील दस्तावेज मिल सकते हैं जो सांसदों के साथ पहले से शेयर किए जाते हैं।
- समिति ने बताया जम्मू और कश्मीर परिसीमन विधेयक, 2019, ट्रिपल तलाक समेत करीब 20 विधेयक पब्लिक डोमेन में आने से पहले ही सांसदों के साथ शेयर किए गए थे। समिति ने कहा कि ऐसे दस्तावेजों के संभावित लीक से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
एथिक्स कमेटी ने कठोर सिफारिश की- बीएसपी सांसद दानिश अली
बसपा सांसद और एथिक्स कमेटी के मेंबर दानिश अली ने कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर और भाजपा सदस्यों पर कार्यवाही को लीक करने और नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया। दानिश ने यह भी कहा कि कमेटी ने महुआ को लेकर कठोर सिफारिश की है।
उधर, महुआ मामले में टीएमसी के दूरी बनाने पर सीपीएम ने कहा कि ममता बनर्जी और उनकी पार्टी को इस मामले में बात करने में शर्म आ रही है। सीपीएम नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि महुआ मामले के सामने आने के कई दिन बाद अभिषेक बनर्जी ने बयान क्यों दिया? असल में महुआ अडाणी और नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलती हैं तो टीएमसी उन पर (महुआ मोइत्रा) कोई कमेंट नहीं करती।
अभिषेक ने 9 नवंबर को कहा- महुआ अपनी जंग खुद लड़ने की काबिलियत रखती हैं। वो पॉलिटिक्स का शिकार हुई हैं। बिना कुछ साबित हुए किसी के खिलाफ कार्रवाई कैसे की जा सकती है। केंद्र सरकार मुझे भी पिछले चार साल से परेशान कर रही है। ये भाजपा की आदत हो गई है।
18 साल पहले भी सांसदों के निष्कासन का मामला सामने आया था
12 दिसंबर 2005 में राज्य 11 सांसदों का सवाल के बदले पैसे मामले में निष्कासन का मामला सामने आया था। इसकी सिफारिश राज्यसभा एथिक्स कमेटी ने की थी। 23 दिसंबर को इन सांसदों को निष्कासित कर दिया गया था।
महुआ का आरोप- अडाणी के पास पहुंचे गोपनीय दस्तावे
उधर एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट लीक होने पर महुआ मोइत्रा ने लोकसभा स्पीकर बिड़ला को लेटर लिखकर शिकायत दर्ज कराई। महुआ ने कहा कि एक प्राइवेट न्यूज चैनल ने कमेटी की रिपोर्ट पब्लिश कर दी। यह लोकसभा के नियमों का उल्लंघन है। सबसे हैरानी की बात है जिस चैनल में यह खबर चल रही वो अडाणी ग्रुप का है।
मेरे खिलाफ उसी बिजनेसमैन पर पैसे के बदले सवाल पूछने का आरोप लगा है। वही बिजनेसमैन एथिक्स कमेटी के गोपनीय दस्तावेजों को एक्सेस कर रहा है।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया कि महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपी की जांच अब CBI कर सकती है। निशिकांत दुबे ने बुधवार 8 नवंबर को X पर लिखा- लोकपाल ने आज मेरी शिकायत पर आरोपी सांसद महुआ जी के राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने के मामले में CBI इन्क्वायरी का आदेश दिया है।