आज से दीपावली उत्सव शुरू हो रहा है। धनतेरस दोपहर 12.35 के बाद शुरू होगी और अगले दिन दोपहर 2 बजे तक रहेगी। इस कारण धनतेरस की खरीदारी 10 और 11 नवबंर यानी शुक्रवार और शनिवार दोनों दिन होगी।
आज 4 राजयोग और एक 1 शुभ योग बन रहा है, इस तरह 5 शुभ योगों के कारण आज की गई खरीदारी और भी खास रहेगी। शाम को धन्वंतरि पूजा और यम दीपदान के लिए 1-1 मुहूर्त होंगे।
11 नवंबर को प्रीति और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं। इस कारण हर तरह की खरीदारी, निवेश और नई शुरुआत के लिए दोनों दिन शुभ रहेंगे।
धन्वंतरि के हाथ में सोने का कलश इसलिए सोना और बर्तन खरीदने की परंपरा
समुद्र मंथन से निकले भगवान धन्वंतरि के हाथ में अमृत कलश सोने का था इसलिए बर्तन और सोना खरीदने की परंपरा शुरू हुई। आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए बाद में चांदी और अन्य धातुओं की खरीदी होने लगी। तब से परिवार में समृद्धि की कामना से इस दिन चांदी के सिक्के, गणेश व लक्ष्मी जी की मूर्तियां और ज्वेलरी की खरीदारी की जाती है। साथ ही पीतल, कांसे, स्टील व तांबे के बर्तन भी खरीदने की परंपरा है।
समुद्र मंथन का फल, धन्वंतरि…
देवताओं और दानवों ने समुद्र मंथन किया था। जिससे लक्ष्मी, चंद्रमा और अप्सराओं के बाद तेरहवीं तिथि पर तेरहवें रत्न के रूप में धन्वंतरि निकले। उनके एक हाथ में अमृत से भरा कलश और दूसरे हाथ में औषधियां थीं, ये चौदह रत्नों में आखिरी थे। धन्वंतरि ने आयुर्वेद का ज्ञान दिया। यही वजह है कि इस दिन धन्वंतरि आयुर्वेद के देवता के रूप में पूजे जाते हैं। दीपावली का उत्सव यहीं से शुरू हुआ।
विष्णु पुराण: सेहत सबसे बड़ा धन इसलिए धन्वंतरि की पूजा
आमतौर पर लोग धनतेरस को पैसों से जोड़कर देखते हैं, लेकिन ये आरोग्य नाम के धन का पर्व है, मतलब हेल्थ इज वेल्थ। पूरे साल अच्छी सेहत के लिए इस दिन आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि को पूजा जाता है।
विष्णु पुराण में निरोगी काया को ही सबसे बड़ा धन कहा है। सेहत ही ठीक न हो तो पैसों का सुख नहीं उठाया जा सकता है, इसलिए धन्वंतरि पूजा की परंपरा शुरू हुई।
स्कंद पुराण का कहना है, धनतेरस पर यम के लिए दीपदान
स्कंद पुराण के मुताबिक, धनतेरस पर यम देव के लिए दीपदान करने से परिवार में बीमारी नहीं आती और अकाल मृत्यु का डर भी नहीं रहता। इसके लिए आटे का दीपक बनाएं। उसे सरसों या तिल के तेल से भरें।
सूरज डूबने के बाद यमराज के लिए घर के बाहर दक्षिण दिशा में रखें। ऐसा करते हुए यमराज से परिवार की लंबी उम्र की कामना करनी चाहिए।
धनतेरस पर सोने की रिकॉर्ड खरीदारी की उम्मीद, पिछले 15 वर्ष में 500 फीसद हुआ महंगा
इस साल धनतेरस (Dhanteras) में सोने की रिकार्ड खरीददारी होने की उम्मीद है. सोना मंहगा होने के बावजूद लोगों की खरीददारी क्यों बढ़ी है इसे जानने के लिए एनडीटीवी की टीम एक ज्वैलरी शॉप पर पहुंची. सोने के एक कड़े की कीमत आज की तारीख में 4 लाख 50 हजार रुपए है.लेकिन महज एक साल पहले यही कड़ा आप 3 लाख 80 हजार में खरीद सकते थे. और पांच साल पहले इसकी कीमत महज 2 लाख 40 हजार रुपए होती. सोने के कारोबारी रोहन शर्मा ने बताया कि आज की तारीख में सबसे ज्यादा रिटर्न सोने पर ही लोगों को मिल रहा है.
अगर आंकड़ों को देखे तो पता चलता है कि सोना निवेश के लिहाज से भी अच्छा साबित हो रहा है. 2008 में 10 ग्राम सोने की कीमत 11925 रुपये थी. जो 2013 में 30510 तक पहुंच गया. 2018 में 31510 वाला सोना 2022 में 50062 तक पहुंच गया था. जबकि 2023 में यह 62000 हजार के आसपास बना हुआ है.यही वजह है कि सोना मंहगा होने के बावजूद लोगों के बीच डिमांड नहीं घटी है.
22 कैरेट सोने की खरीदारी महिलाओं की पहली पसंद
सोना खरीदने पहुंची मोनिका ने बताया कि देखिए पहली बात महिलाओं को सोना पहनना अच्छा लगता है फिर सोना के दाम बढ़ने से निवेश के लिए भी अच्छा रहता है. सबसे ज्यादा मांग महिलाओं के बीच temple jwellery की रहती है 22 कैरेट का सोना इसलिए महिलाएं पसंद करती है क्योंकि 24 कैरेट के केवल ब्रिक्स आप रख सकते हैं. लेकिन 22 कैरेट के गहने आप यूज में ला सकते हैं. यही वजह है कि घर हो या अन्तराष्ट्रीय बाजार जिसके पास जितना सोना उतनी ही उसकी अर्थव्यवस्था मजबूत मानी जाती है।
धनतेरस पर बर्तन खरीदने के पीछे क्या है मान्यता, जान लेंगे तो जरूर लाएंगे इन्हें घर
दिवाली (diwali 2023) हिंदू धर्म के सबसे विशेष त्योहारों में से एक है. और दिवाली से ठीक पहले धनतेरस (dhanteras 2023) मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन बाजार से नई धातुओं को खरीदना शुभ होता है. धनतेरस के दिन बाजारों में सोने, चांदी, झाड़ू बर्तन जैसे धातुओं की भरमार लग जाती है. आप भी धनतेरस में कुछ ना कुछ तो जरूर खरीदते होंगे. लेकिन यहां आप जानेंगे कि धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने के पीछे का कारण क्या है. आखिर क्यों धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना (best thing to buy on dhanteras) शुभ माना जाता है. मान्यता ये भी है कि बर्तन खरीदने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है तो चलिए जानें क्या है इसके पीछे का कारण.
पौराणिक कथा के मुताबिक कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर समुद्र मंथन हो रहा था और इसी दिन भगवान धन्वंतरि कलश लेकर प्रकट हुए थे. भगवान धन्वंतरि के हाथों में पीतल का कलश था इसलिए इस दिन पीतल के बर्तन खरीदने की परंपरा है.
मान्यता है कि अगर धनतेरस के दिन आप किसी भी वस्तु की खरीदारी करते हैं तो आपको उसमें 13 गुना ज्यादा वृद्धि होती है. इसलिए कई लोग इस दिन सोना, चांदी, बर्तन और झाड़ू खरीदते हैं. यहां तक की लोगों के द्वारा चांदी के लक्ष्मी- गणेश और चांदी के सिक्के भी घर लाए जाते हैं ताकि घर में बरकत बनी रहे और मां लक्ष्मी की कृपा बरसती रहे.
जहां धनतेरस के दिन खरीदारी करना शुभ माना जाता है, वहीं कुछ चीजें ऐसी भी है जिसे खरीदने से बचना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार धनतेरस के दिन स्टील और प्लास्टिक के बर्तन नहीं खरीदने चाहिए. इसे खरीदना अशुभ माना जाता है. एल्यूमीनियम भी दुर्भाग्य का प्रतीक होता है. ध्यान रहे धनतेरस के दिन आप कोई भी धारदार चीज ना खरीदे इससे घर की शांति भंग हो सकती है.