भारत के खिलाफ अक्सर जहर उगलने वाला लश्कर-ए-तैय्यबा का आतंकी अकरम खान उर्फ अकरम गाजी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा के बाजौर में अकरम गाजी को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया. साल 2018 से 2020 तक अकरम गाजी लश्कर-ए-तैय्यबा का भर्ती सेल का हेड भी था. वह भारत के खिलाफ चरमपंथी गतिविधियों में शामिल था. कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने में उसकी अहम भूमिका थी.
माना जा रहा है कि गाजा की हत्या उसके स्थानीय प्रतिद्वंदियों और संगठन के भीतर आंतरिक संघर्ष के चलते हुई है. पाकिस्तान की एजेंसियां गाजी की हत्या की जांच कर रही हैं. बता दें कि पिछले एक हफ्ते में भारत के दुश्मन की लगातार यह दूसरी हत्या है. तीन महीने से भी कम समय में, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी का यह तीसरा महत्वपूर्ण खात्मा है.
सितंबर में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के रावलकोट इलाके में अल कुद्दूस मस्जिद के बाहर लश्कर कमांडर रियाज अहमद की हत्या कर दी गई थी. प्रांतीय राजधानी पेशावर से लगभग 132 किमी उत्तर में खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर जिले में बाइक सवार बदमाशों ने गाजी की गोली मारकर हत्या कर दी. रिपोर्टों के अनुसार, गाजी के खात्मे को पाकिस्तानी प्रशासन द्वारा कम महत्व दिया जा रहा है, जिसने भारत के जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद के निर्यात के लिए भारी निवेश किया है.
इसका मतलब क्या है?
अकरम खान को कम से कम 2018 और 2020 की अवधि के बीच लश्कर के लिए शीर्ष भर्तीकर्ताओं में से एक बताया गया है. टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार के हवाले से सूत्रों ने कहा कि खान कई आतंकवादियों को कट्टरपंथी बनाने के लिए जिम्मेदार था, जिन्होंने भारत के जम्मू और कश्मीर में कई बार घुसपैठ की थी.