नवरात्र में आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है। महागौरी आदिशक्ति श्रीदुर्गा का अष्टम रूप हैं। ऐसी मान्यता है कि महागौरी अष्टमी तिथि पर असुरों का संहार करने के लिए प्रकट हुई थीं। पंडित प्रेम सागर पांडे ने पंचांगों के हवाले से बयाया कि आश्विन शुक्ल की दुर्गाष्टमी उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होगी जो 21 अक्टूबर की शाम 6:35 से शुरू होकर 22 अक्टूबर की शाम 5:18 तक रहेगी। महागौरी की पूजा का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:11 से सुबह 11:35 तक है। आज धृति योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है।
महागौरी का रूप
मां महागौरी का रंग अत्यंत गौर वर्ण है, इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है। पति रूप में शिव को प्राप्त करने के लिए महागौरी ने कठोर तपस्या की थी। इसी वजह से इनका शरीर काला पड़ गया लेकिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने इनके शरीर को गंगा के पवित्र जल से धोकर कांतिमय बना दिया। इनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है।
इनके सभी आभूषण और वस्त्र सफेद हैं। इसीलिए उन्हें श्वेताम्बरधरा भी कहा गया है। इनका वाहन बैल है, इसीलिए वृषारूढ़ा भी कहा गया है। इनकी 4 भुजाएं हैं। इनके ऊपर वाला दाहिना हाथ अभय मुद्रा है जबकि नीचे वाले हाथ में मां ने त्रिशूल धारण किया हुआ हैं। ऊपर वाले बांये हाथ में डमरू और नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है।
महागौरी की पूजा विधि
सबसे पहले कलश की पूजा करने के साथ मां गौरी की पूजा करें। उन्हें पीले रंग के फूल, माला, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत चढ़ाए। अष्टमी के दिन मां महागौरी को नारियल का भोग लगाएं। ऐसा करने से मनुष्य की सभी इच्छाएं पूरी होती है। इन्हें नारियल की बर्फी का भी भोग लगा सकते हैं। इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर विधिवत दुर्गा चालीसा, महागौरी मंत्र, स्तुति आदि का पाठ करने के बाद अंत में आरती कर लें।
महागौरी मंत्र
श्वेतेवृषेसमारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि: महागौरी शुभं दद्यान्त्र महादेव प्रमोददो
या देवी सर्वभूतेषुमाँगौरी रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यैनमस्तस्यैनमस्तस्यैनमो नम:
ॐ महागौरिये: नम:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अष्टमी के दिन सुबह सुबह अगमकुआं स्थित शीतला माता मंदिर शक्ति पीठ बड़ी पटनदेवी और छोटी पटनदेवी मंदिर में पूजा की। इस दौरान सीएम ने बिहार में खुशहाली की प्रार्थना की।
शीतला मंदिर के पुजारी अनिल ने बताया कि मुख्यमंत्री सुबह 8.55 मिनट पर मंदिर पहुंचे। 15 से 20 मिनट तक वो पूजा अर्चना के दौरान मंदिर में रूके। मंदिर के पुजारी के मुताबिक सीएम नीतीश कुमार पिछले 17 सालों से महाअष्टमी को शीतला मंदिर पहुंचते हैं और मां के दर्शन करते हैं।
मंदिर के पुजारी ने बताया कि सीएम ने कहा कि जनकल्याण से जुडे़ काम के लिए हमसे जो सहयोग होगा वो करने के लिए हमेशा तैयार हैं।
इस मौके पर वित्त मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद थे। सीएम नीतीश कुमार ने दुर्गा पूजा एवं दशहरा पर्व के शुभ अवसर पर प्रदेश एवं देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं भी दी हैं।
सप्तमी के दिन भी पूजा पंडालों में पहुंचे थे नीतीश कुमार
महासप्तमी के अवसर पर भी नीतीश कुमार पटना के विभिन्न पूजा-पंडालों में गए और पूजा अर्चना की। उन्होंने डाकबंगला चौराहा स्थित देवी दुर्गा पूजा पंडाल में जाकर मां दुर्गा का आशीर्वाद लिया।
साथ ही दुर्गा पूजा समिति खाजपुरा पंडाल, दुर्गा पूजा समिति शेखपुरा, दुर्गा आश्रम के पंडाल में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की तथा राज्य में सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की थी।
‘आशीर्वाद लेने आए हैं’, नीतीश के बाद लालू यादव भी पहुंचे डाक बंगला पूजा पंडाल, साथ में नजर आए शिवानंद तिवारी
काले टी शर्ट में माथे पर तिलक लगाए राजद सुप्रीमो लालू यादव डाक बंगला क्रॉसिंग स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में प्रार्थना करते दिखे। उन्होंने माता को पुष्पांजलि अर्पित की। उनके साथ राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी मौजूद रहे। लालू के पहुंचते ही उनसे मिलने वालों की भीड़ लग गई। लालू ने दर्शन के बाद पत्रकारों से कहा कि उन्हें माता ने बुलाया था, वे आशीर्वाद लेने के लिए यहां आए हैं।
लालू ने की पूजा
लालू यादव ने इस दौरान मंत्रोच्चार के साथ माता रानी की पूजा-अर्चना की। उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। उनके साथ लगातार राजद नेता शिवानंद तिवारी बने रहे। लालू यादव के डाक बंगला पहुंचते ही मीडिया के लोग आ गए। वहीं आम लोग उनके साथ सेल्फी लेने के लिए उतावले दिखे। काले टी शर्ट में लालू यादव मुस्कुरा कर लोगों से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ सोफे पर शिवानंद तिवारी भी बैठे हुए थे।
VIDEO | RJD chief Lalu Prasad Yadav visited the Dak Bungalow Crossing's Durga Puja pandal in Patna earlier today.
"Mata had called me," he said after offering prayers at the pandal. pic.twitter.com/fphsr9nSc4
— Press Trust of India (@PTI_News) October 21, 2023
नीतीश भी पहुंचे पंडाल
इससे पूर्व डाक बंगला क्रॉसिंग स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने सहयोगी मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ पहुंचे थे। उन्हें वहां पूजा समिति की ओर से अंग वस्त्र प्रदान किया गया। नीतीश कुमार और विजय चौधरी को पूजा समिति के लोगों की ओर से सम्मानित किया गया। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद भी पूजा पंडाल में पहुंचे थे।
माननीय मुख्यमंत्री @NitishKumar ने महाअष्टमी पूजा के अवसर पर छोटी पटनदेवी में पूजा अर्चना की l#शारदीय_नवरात्रि#पटनदेवी pic.twitter.com/GMSHmbwwo0
— IPRD Bihar (@IPRD_Bihar) October 22, 2023
माननीय मुख्यमंत्री @NitishKumar ने महाअष्टमी पूजा के अवसर पर बड़ी पटनदेवी में पूजा अर्चना की l#शारदीय_नवरात्रि#पटनदेवी pic.twitter.com/Q8C2cbH4Tz
— IPRD Bihar (@IPRD_Bihar) October 22, 2023
पट खुलते ही दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़
शारदीय नवरात्रि के सप्तमी को पट खुलते ही देवी के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सीएम नीतीश कुमार माता दुर्गा के दर्शन के लिए डाकबंगला चौराहे पर पूजा पंडाल में पहुंचे। जहां उन्होंने देवी मां के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
मुख्यमंत्री ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि दुर्गा पूजा एवं दशहरा का पर्व हर्ष एवं उल्लास का पर्व है। दशहरा को विजय पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। यह हमारे जीवन में संयम एवं आत्मिक बल का संचरण करने वाला पर्व है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों से आह्वान किया कि वे दुर्गा पूजा एवं दशहरा पर्व को पारस्परिक सद्भाव, आपसी भाईचारा एवं शांतिपूर्ण तरीके से हर्ष उल्लास के साथ मिल जुलकर मनाएं।
वहीं, बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और आरजेडी के नेता शिवानंद तिवारी भी डाकबंगला चौराहा पूजा पंडाल पहुंचकर माता के दर्शन किए।
अलग-अलग थीम पर पंडाल बनाए गए
पटना में इस बार भी अलग-अलग थीम पर पंडाल बनाए गए हैं। डाक बंगला का पंडाल और प्रतिमा हर बार आकर्षण का केंद्र रहता है। पूरे पटना में सबसे पहले डाकबंगला चौराहा स्थित मां दुर्गा का पट खुलता है। इसके बाद पटना में अन्य जगहों पर पट खुलता है। पट खुलने के बाद लोगों में काफी उत्साह है। मां दुर्गा के प्रति अलग तरह की आस्था देखने को मिल रही है।
वहीं, बोरिंग रोड चौराहा पर भी पट खुल गया है। यहां पर पंडाल के रूप में वृंदावन के प्रेम मंदिर को दिखाया गया है।इधर, गोलघर के पास केदारनाथ मंदिर के तर्ज पर बने पंडाल की खूबसूरती देखते ही बन रही है।
राजस्थान के सरस्वती मंदिर पर बना डाकबंगला चौराहा के पंडाल
डाकबंगला चौराहे पर दुर्गा पूजा में राजस्थान की प्रसिद्ध सरस्वती मंदिर पर आधारित पंडाल को बनाया गया है। यह पंडाल 80 फीट ऊंची और 55 फीट चौड़ी है। इसके निर्माण में सनपैक, बेल फल, आमरा, बैगमफल, झाउफल, महोगनी फल एवं कलर फुल फाइवर इत्यादि से बनाया गया है। इस बंगाल के कारीगरों ने बनाया है। वहीं, कोलकाता के आर्ट कॉलेज के कलाकार के द्वारा पंडाल के बाहर और अंदर डिजाइन किया गया है।
हरिद्वार-ऋषिकेश की मिट्टी और जल से बनी मां की प्रतिमा
नवयुवक संघ श्री दूर्गा पूजा समिति ट्रस्ट डाकबंगला रोड, पटना के अध्यक्ष संजीव प्रसाद टोनी ने बताया कि डाक बंगला चौराहे पर मां की मूर्ति का निर्माण बनारस, हरिद्वार, ऋषिकेश और कोलकता के हुगली नदी के मिट्टी और जल से किया गया है। मां के साज का समान नौहटी (पं बंगाल) और बनारस से मंगवाया गया है। इसके साथ ही माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों को छोटी कन्याओं के माध्यम से ब्रह्माकुमारी द्वारा राजकीय कन्या उच्च विद्यालय के पास दिखाया जा रहा है जो काफी मनमोहक होगी और धार्मिक संगीत का केन्द्र होगा।
डाक बंगला चौराहे पर लगी चार भव्य एलइडी लाइट गेट
डाक बंगला चौराहे के पास दुर्गा पंडाल के अलावा अलग-अलग थीम पर लाइटों से सजावट की गई है। यहां कोलकाता का विक्टोरिया पैलेस, मथुरा का वृंदावन हाई टेंपल, लंदन का बिग बैंग टावर और क्लॉक टावर को दिखाया गया है। डाक बंगला चौराहे से लेकर कोतवाली थाना तक चार भव्य एलइडी गेट बनाए गए हैं, जिसकी ऊंचाई 57 फीट और चौड़ाई 35 फीट है।
बोरिंग रोड चौराहा पर प्रेम मंदिर की तर्ज पर बना पंडाल
बोरिंग रोड चौराहा पर वृंदावन के प्रेम मंदिर की तर्ज पर पूजा पंडाल बनाया गया है। पश्चिम बंगाल के मधुपुर जिले के कारीगरों ने इस पंडाल का निर्माण किया है। इस पंडाल का निर्माण साढ़े 3200 वर्ग फीट में किया गया है।
इसकी ऊंचाई 65 फीट और चौड़ाई 50 फिट है। बोरिंग रोड चौराहा पूजा पंडाल समिति के अध्यक्ष उमेश सिंह चंद्रवंशी ने बताया कि मां दुर्गा की प्रतिमा के पीछे चंद्रमा के आकार का बैकग्राउंड बनाए है। नीचे में लक्ष्मी, सरस्वती का रूप बनाया गया है।
11 लाख का खर्च
प्रेम मंदिर के थीम पर पंडाल तैयार करने के लिए बांस के फ्रेम पर थर्मोकोल का इस्तेमाल किया गया है। पंडाल के चारों ओर लगभग 1 किलोमीटर में लाइट की व्यवस्था की गई है। अध्यक्ष ने बताया कि प्रतिमा, पंडाल और लाइटिंग सभी चीजों को लेकर लगभग 11 लाख रुपए का खर्च आया है। लाइट में 8, पंडाल में 7 और मूर्ति में 6 कारीगरों ने काम किया है। अध्यक्ष ने कहा कि इस साल 7 से 8 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ सकती है।