मून मिशन चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अब सोलर मिशन में भी धीरे-धीरे सफलता की ओर बढ़ रही है. इसरो द्वारा सूर्य पर भेजा गया आदित्य-एल1 तेजी से सूरज की तरफ बढ़ रहा है, जो इसरो के साथ-साथ पूरे देश को गौरवन्वित करने वाला है. इसरो ने आदित्य-एल1 को लेकर हाल ही में एक बड़ा अपडेट दिया है, जिससे हर भारतीय की खुशी बढ़ सकती है. पूरी दुनिया की नजर अब चंद्रयान-3 के बाद इसरो के सोलर मिशन पर टिकी हुई है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को कहा कि ‘आदित्य-एल1’ अंतरिक्ष यान पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बाहर निकलकर धरती से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है. राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि अब यह सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु 1 (एल1) की ओर अपना मार्ग तय कर रहा है.
इसरो ने कहा, “यह लगातार दूसरी बार है कि इसरो पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र के बाहर एक अंतरिक्ष यान भेजा. इससे पहले मंगल ऑर्बिटर मिशन को भेजा गया था.” वहीं यह लगातार पांचवीं बार है जब इसरो ने किसी वस्तु को किसी अन्य खगोलीय पिंड या अंतरिक्ष में स्थान की ओर सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया है.. इसने अपने अंतरिक्ष यान को तीन बार चंद्रमा की ओर और एक बार मंगल पर भेजा है.
इसरो ने देश के पहले सूर्य मिशन के तहत ‘आदित्य एल1’ यान को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी)-सी57 के जरिये दो सितंबर को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था. ‘आदित्य एल1’ सात पेलोड लेकर गया है, जिनमें से चार सूर्य के प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और शेष तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापेंगे.
इसरो ने 2 सितंबर को ही अंतरिक्ष में लैग्रेंज बिंदु एल1 के लिए ‘आदित्य एल1’ के लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास ‘हेलो’ कक्षा में स्थापित होने की उम्मीद है, जिसे सूर्य के सबसे करीब माना जाता है. यह सूर्य के चारों ओर उसी सापेक्ष स्थिति में चक्कर लगाएगा और इसलिए यह लगातार सूर्य को देख सकता है.