भारतीय विदेश मंत्री आज संयुक्त राष्ट्र महासभा UNGA में अपना संबोधन देने जा रहे हैं। उनका संबोधन कई मायनों में बड़ा अहम रहेगा, जिस पर दुनिया की नजर है। वे ऐसे समय अपना वक्तव्य दे रहे हैं जब खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडा के पीएम ने भारत सरकार के विरोध में बयान दिया। वहीं कनाडा की कंट्रोवर्सी के बीच पाकिस्तान ने भी मौके का फायदा उठाकर भारत की इंटेलिजेंस एजेंसी ‘रॉ’ के बारे में अनर्गल बोला। आज विदेश मंत्री जयशंकर इन सब बातों पर करारा जवाब देंगे। उनके वक्तव्य पर दुनियाकी नजर है।
पाकिस्तान ने भी उगला था भारत क खिलाफ जहर
इससे पहले ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने के ‘विश्वसनीय आरोप’ हैं। अमेरिका ने भी कनाडा के सुर में सुर मिलाते हुए भारत से जांच में सहयोग की मांग की है। यही नहीं पाकिस्तान ने इस मौके पर भारत के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में जमकर जहर उगला था। विदेश मंत्री जयशंकर के इस भाषण पर अब दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। भारत अभी इंतजार कर रहा है कि कनाडा कानूनी सबूत मुहैया कराए जिसमें वह दावा कर रहा है कि भारत का निज्जर हत्याकांड से संबंध है। वह भी तब जब ट्रूडो की सिख राजनीति उन्हें इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में नहीं जाने देगी। भारत अभी देखेगा कि कनाडा जो भी साक्ष्य देता है, वह कानूनी प्रक्रिया में कहीं टिक पाएगा या नहीं।
दरअसल, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो को खालिस्तान समर्थकों की पार्टी समर्थन दे रही है। इसलिए वे खालिस्तानियों के समर्थन और भारत के विरोध में बिना साक्ष्य के बयान दे रहे हैं। कनाडा की राजनीति में सिख वोट बहुत महत्व रखते हैं। यही वजह है कि साल 2015 में कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने पीएम मोदी से अनुरोध किया था कि वह ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में स्थित गुरुद्वारे में दौरा करने के लिए अनुरोध किया था।
अमेरिका को भी संदेश देंगे जयशंकर
इस बीच कनाडा ने भारत के लिए अपनी ट्रेवल एडवाइजरी जारी की है और कनाडा के लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा है। माना जा रहा है कि कनाडा के इन बेबुनियाद आरोपों पर विदेश मंत्री जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में करारा जवाब देंगे। जयशंकर के भाषण में न केवल कनाडा और पाकिस्तान के लिए बल्कि अमेरिका के लिए भी बड़ा संदेश हो सकता है। अब तक कई बार जयशंकर पश्चिमी देशों के आरोपों की धज्जियां उड़ा चुके हैं। अमेरिका को भी परोक्ष रूप से जयशंकर आईना दिखा सकते हैं। इस भाषण के बाद जयशंकर वॉशिंगटन जाएंगे और वहां पर बाइडन प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
विदेशमंत्री डॉ. एस जयशंकर और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने अफगानिस्तान, म्यांमा और अन्य वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की
विदेशमंत्री डॉ. एस जयशंकर और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने अफगानिस्तान, म्यांमा और अन्य वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की। न्यूयॉर्क यात्रा पर पहुंचे विदेश मंत्री डॉ. एस जयंशकर ने कल संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस से संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मुलाकात की। उन्होंने भारत की जी20 अध्यक्षता के परिणामों की उनके द्वारा की गई सराहना का स्वागत किया। विदेश मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में होने वाले विचार-विमर्श में भी उससे लाभ होगा। दोनों नेता बहुपक्षवाद को दुबारा मूर्त रूप देने और विकासशील तथा अल्पविकसित देशों को महत्वपूर्ण मुद्दों पर अहमियत देने के संबंध में भी सहमत हुए।
डॉक्टर जयंशकर ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस से भी मुलाकात की दोनों नेताओं ने इस बात पर चर्चा की, कि भारत की जी20 अध्यक्षता ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के एजेंडे को मजबूत करने में किस तरह योगदान दिया है। डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि इस संबंध में भारत और संयुक्त राष्ट्र पिछले एक वर्ष से अधिक समय से मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में सुधार की संयुक्त राष्ट्र महासचिव की प्रतिबद्धता की भी सराहना की।
श्री जयशंकर ने मेडागास्कर के विदेश मंत्री से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने विकास पर साझेदारी, मोटे अनाज और चावल के उत्पादन, डिजिटल सेवाओं और रक्षा क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की।
विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के प्रशासक एकहिम स्टेनर के साथ भी बैठक की। उन्होंने भारत की जी20 अध्यक्षता के अंतर्गत की गई पहलों से संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के जुड़ने की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम मिलकर विश्व के अन्य देशों के लाभ के लिए भारत की सफलता की कहानियों को आगे बढा सकते हैं।