संसद का 5 दिवसीय विशेष सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। सरकार रविवार को सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक करेगी। इस दौरान उन्हें सत्र में होने वाले विधायी और दूसरे अन्य कामकाज के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसी बहाने विपक्षी दलों का मूड भी भांपा जाएगा। सत्र के लिए लिस्ट अजेंडे का एक मुख्य विषय संविधान सभा से शुरू हुई संसद की 75 वर्ष की यात्रा पर एक विशेष चर्चा है। सरकार ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के प्रावधानों वाले बिल को भी बहस के लिए लिस्ट किया है। सरकार को संसद में कुछ नए कानून या अन्य विषय पेश करने का विशेषाधिकार है जो जरूरी नहीं है कि लिस्ट अजेंडे का हिस्सा हो। महिला आरक्षण, समान नागरिक संहिता समेत तमाम मुद्दों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। संसद के विशेष सत्र में क्या होने वाला है, सरकार के टॉप लेवल पर मौजूद लोगों को ही पता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कौन सा सरप्राइज देंगे, यह देखने वाली बात होगी।
संसद का विशेष सत्र: सरकार ने क्या बताया

मोदी सरकार ने संसद के विशेष सत्र को लेकर अजेंडा साफ कर दिया है। कुछ विधेयक भी पेश किए जाएंगे।
- संसद के विशेष सत्र 2023 के दौरान, आजादी के 75 सालों (संविधान सभा से लेकर आज तक की उपलब्धियां, यादों और अनुभव) पर चर्चा होगी।
- मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक 2023
- डाकघर विधेयक 2023
- अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023
- प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023
विशेष सत्र के आखिरी तीन दिनों यानी 20, 21 और 22 सितंबर के बीच ही सरकार सदन में इन विधेयकों को चर्चा के लिए पेश कर पारित करवाने का प्रयास करेगी।
संसद का विशेष सत्र: अब कौन सा सरप्राइज देंगे मोदी

- देश के आधिकारिक नामों- India और भारत में से ‘भारत’ को तरजीह देने संबंधी निर्णय हो सकता है। यह चर्चा शुरू भी सत्ताधारी खेमे की ओर से की गई है।
- लंबे समय से अटके महिला आरक्षण विधेयक को एक बार फिर संसद में पेश किया जा सकता है।
- पिछड़ी जातियों के आरक्षण पर रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को लेकर भी फैसले की संभावना जताई जा रही है।
- जम्मू और कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने ऐसे संकेत दिए थे।
- G20 शिखर सम्मेलन की सफलता पर पीएम मोदी का धन्यवाद ज्ञापित करता प्रस्ताव पारित किया जा सकता है।
विपक्ष किन मुद्दों से सरकार को घेरने वाला है?

- जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग में हुई मुठभेड़ में सेना के कर्नल और मेजर ने सर्वोच्च बलिदान दिया। J&K पुलिस के डीएसपी ने भी जान कुर्बान कर दी। विशेष सत्र शुरू होने से कुछ दिन पहले हुए आतंकी हमले से विपक्ष को मौका मिल गया है। आम आदमी पार्टी समेत कई दलों ने कहा है कि वह आगामी विशेष सत्र में यह मुद्दा उठाएंगी।
- भारत राष्ट्र समिति (BRS) की ओर से पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा गया है कि सरकार विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित कराए।
- विपक्षी दलों के सांसद मणिपुर में जारी हिंसा पर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेंगे।
- तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने अपने नेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी का मुद्दा जोर-शोर से उठाने का प्लान बनाया है।
- हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों आई तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कांग्रेस करेगी।
- अडानी-SEBI मुद्दे पर कांग्रेस, TMC समेत कई दल सरकार को लगातार घेर रहे हैं। मॉनसून सत्र में भी खूब हंगामा हुआ था। इस बार भी मुद्दा उठेगा।
विशेष सत्र में संसद लेगी विपक्षी एकता का इम्तिहान

पीएम मोदी ने भी विपक्षी गठबंधन को ‘घमंडिया’ जैसे विशेषणों से नवाजा है। बीजेपी के नेता कहते हैं कि ‘विपक्षी गठबंधन अंतर्विरोधों से भरा हुआ है जिसमें कांग्रेस आम आदमी पार्टी से दिल्ली और पंजाब में लड़ रही है, लेफ्ट दलों से केरल में लड़ रही है, ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में लेफ्ट के बिल्कुल खिलाफ है और इसी तरह के हालात देश के कई अन्य राज्यों में भी है और गठबंधन में शामिल हर नेता प्रधानमंत्री बनने की इच्छा रखता है।’