सनातन धर्म पर डीएमके नेताओं की टिप्पणियों से बढ़ते विवाद के बीच कांग्रेस के कुछ नेताओं ने शनिवार को इस विषय पर सावधानी भरा रुख अपनाने और पार्टी से बीजेपी के एजेंडे में नहीं फंसने की अपील की. सूत्रों ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित कुछ नेताओं ने कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में कहा कि पार्टी को ऐसे मुद्दों से दूर रहना चाहिए और इसमें नहीं फंसना चाहिए. सूत्रों ने बताया कि कि राहुल गांधी ने कहा कि नेताओं को सनातन धर्म विवाद में पड़ने के बजाय गरीबों और उनके मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि वे पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने कहा कि पार्टी को गरीबों के मुद्दे उठाने चाहिए, चाहे वे किसी भी जाति के हों.
सूत्रों ने बताया कि सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान, बघेल और सिंह दोनों ने कहा कि सनातन धर्म विवाद पर बोलने से पार्टी को नुकसान होगा और भाजपा को मदद मिलेगी. पार्टी की एक ब्रीफिंग में इस विषय पर पूछे जाने पर वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि भाजपा असल मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है और कांग्रेस इस विवाद में नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ‘सर्वधर्म समभाव’ में विश्वास करती है. इसके साथ ही कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को चुनावी सफलता दिलाने का भी संकल्प लिया. सीडब्ल्यूसी की बैठक में ‘इंडिया’ गठबंधन के पक्ष में प्रस्ताव पारित करने के साथ ही शनिवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि 18 सितंबर से आरंभ हो रहे संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित किया जाए.
कांग्रेस कार्य समिति में पारित प्रस्ताव में जातिगत जनगणना की मांग भी उठाई गई है और कहा गया है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण की मौजूदा अधिकतम सीमा को बढ़ाया जाए. यहां के एक पंच सितारा होटल में सीडब्ल्यूसी की कई घंटे तक चली बैठक के बाद 14 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया. जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, किसानों की समस्याओं, चीन के साथ सीमा विवाद, अडाणी समूह से जुड़े मामले तथा कई अन्य मुद्दों का उल्लेख किया गया. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर हिंसा, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों में सांप्रदायिक तनाव की हालिया घटनाओं का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि देश गंभीर आंतरिक चुनौतियों से घिरा है और बीजेपी आग में घी डालने का काम कर रही है.
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए. कार्य समिति की बैठक से पहले खरगे ने पार्टी का ध्वज फहराया. कार्य समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव में बीजेपी पर ध्रुवीकरण और विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया गया है. कांग्रेस कार्य समिति ने कहा कि ‘सरकार अचानक संसद का विशेष सत्र बुला लेती है. कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सार्वजनिक चिंता और महत्व से जुड़े 9 गंभीर मुद्दों को उठाया, जिन पर इस विशेष सत्र में चर्चा की आवश्यकता है.’