लोकसभा चुनाव 2024 में बस चंद महीने बाकी हैं। उससे पूर्व सियासी दलों की तैयारी चरम पर है। एनडीए हो या फिर महागठबंधन। वादों का पिटारा खुल चुका है। बिहार के मुख्यमंत्री भी कुछ इसी राह पर चलते हुए युवाओं को 20 लाख नौकरी देने की बात कह रहे हैं। नीतीश कुमार को पता है कि महागठबंधन में राजद है। विधानसभा की नैया पार लग जाएगी। उन्हें ये भी पता है कि उनकी असली परीक्षा लोकसभा में होगी। लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी आक्रामक है। उधर, नीतीश कुमार को पता है कि तेजस्वी यादव 10 लाख रोजगार देने की बात कहकर पिछले विधानसभा चुनाव में लहर लूट ले गए थे। सियासी जानकारों की मानें तो नीतीश कुमार को सरकारी नौकरी का वादा एक आजमाया हुआ फॉर्म्युला लगता है। इस बार वे कुछ यहीं करने जा रहे हैं।
अगले साल युवाओं को नौकरी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राज्य में महागठबंधन सरकार अगले साल तक राज्य के युवाओं को 20 लाख नौकरी और रोजगार के अवसर प्रदान करने का अपना लक्ष्य हासिल कर लेगी। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में सभा को संबोधित करते हुए नीतीश ने बकायदा ऐलान किया कि हम लोगों ने 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार का अवसर देने का वादा किया था। अभी तक 150563 लोगों को सरकारी नौकरी मिल चुकी है तथा पांच लाख लोगों को रोजगार का अवसर प्राप्त हो चुका है। नीतीश कुमार यहीं नहीं रूके, उन्होंने कहा कि दो लाख 86 हजार 461 सरकारी पदों पर नियुक्ति का मामला प्रक्रियाधीन है, तथा तीन लाख 62 हजार 104 नए पदों का सृजन किया गया है।
बेरोजगारों को 20 लाख नौकरी
मुख्यमंत्री आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रोजगार के मुद्दे पर सरकार को आगे करना चाहते हैं। जानकार मानते हैं कि पीएम मोदी के दो करोड़ रोजगार देने के वादे को एक बार फिर जेडीयू लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाएगी। उसके पहले अगले साल नीतीश कुमार युवाओं को 20 लाख रोजगार देने का पक्का वादा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमलोगों का लक्ष्य है कि अगले वर्ष तक 10 लाख लोगों को नौकरी और 10 लाख को रोजगार भी मिल जाए। मुख्यमंत्री ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमलोग अपने काम में लगे हुए हैं पर दिल्ली वाला तो केवल अपना प्रचार करता है जी। मीडिया पर कब्जा है… केवल अपने प्रचार में लगा रहता है, काम थोड़े ही करता है।
बेरोजगारों को प्रभावित करने की कवायद
नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में मौजूद मीडियाकर्मियों को नसीहत देते हुए कई बातें कही। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब एक बार 2024 के बाद देश को मुक्ति मिल जाएगी, तब आजाद रहेगा और जो देखिएगा उसको ठीक ढंग से पहले की तरह छापिएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य के समग्र विकास के लिए कई उपाय किए हैं। हम यह भी जानते हैं कि महिलाओं के बिना समाज का सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता। इसलिए मैंने प्रदेश में बालिकाओं को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने को सदैव सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, हमने राज्य में महिलाओं के लिए कम से कम 30 फीसदी नौकरियां आरक्षित करना भी सुनिश्चित किया। देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में पुलिस बल में महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है।
केंद्र को टारगेट पर लेकर बोल रहे नीतीश
कुछ लोग कहते हैं कि नीतीश कुमार ने 15 अगस्त के दिन गांधी मैदान से सीधे लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज कर दिया। उनकी बातें आप ध्यान से सुनिए। उन्होंने जो भी कहा वो नरेंद्र मोदी को टारगेट करके कहा। उन्होंने जो भी घोषणा की केंद्र सरकार से खुद को बेहतर साबित करने के लिए की। उन्होंने राज्य के युवाओं को ऐसे ही 20 लाख रोजगार देने का वादा नहीं किया है। नीतीश कुमार ने आगे कहा कि महिलाएं राज्य में कानून और व्यवस्था के कर्तव्य में बहुत अच्छा काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति बनाए रखना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना भी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। राज्य सरकार ने कई जिलों में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल खोले हैं। दरभंगा पर बोलते हुए सीएम ने यहां तक कहा कि दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निर्माण का सवाल है, हमने केंद्र से मौजूदा दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (डीएमसीएच) को इसमें परिवर्तित करने का अनुरोध किया था।