राजधानी में सरकार बैठती है। कानून का राज भी यहीं से तय होता है, लेकिन जब राजधानी ही खूनी हो जाए तो सिस्टम पर सवाल उठना लाजमी है। बिहार की राजधानी पटना में कुछ ऐसा ही हो रहा है। 30 दिन में 30 मर्डर से सरकार पर सवाल खड़े हो गए हैं। पटना के साथ राज्य के अन्य जिलों में भी अपराधी बेलगाम होते दिख रहे हैं। वहीं, विपक्ष राज्य में लॉ एंड को लेकर हमलावर है।
नीतीश कुमार बैक पर तो आरजेडी पूरी तरह से फ्रंट पर है। बीजेपी और एनडीए की सहयोगी दल अब इसे जंगलराज पार्ट-2 बोल रही है।
क्राइम-1: श्मशान घाट पर युवक को गोलियों से भून डाला
30 जुलाई को खांजेकला थाना क्षेत्र के श्मशान घाट पर बदमाशों ने संतोष चौधरी को गोलियों से भून डाला। बदमाशों ने कहा भैया आगे मत बढ़िए खतरा है, इसके बाद ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे। शूटर्स का निशाना इतना सटीक था कि संतोष की मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि, उसे हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
क्राइम-2:निगम पार्षद के पति को दिनदहाड़े मारी 8 गोली
31 जुलाई की सुबह राजधानी का पॉश इलाका गोलियों से दहल गया। दो बाइक सवार बदमाशों ने सुबह साढ़े 10 बजे नीलेश मुखिया पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। 8 राउंड फायरिंग के बाद शूटर्स फरार हो गए। इस घटना में निगम पार्षद के पति गंभीर रूप से घायल हो गए। पाटलिपुत्र कॉलोनी जैसे पॉश इलाके में हुई वारदात ने कानून व्यवस्था की पोल खोल दी।
क्राइम-3:व्यापारी को 6 गोलियां मारी
1 अगस्त की रात बाइक सवार बदमाशों ने खांजेकला थाना क्षेत्र के महाराज घाट पर गल्ला व्यापारी को मौत के घाट उतार दिया। बदमाशों ने ताबड़तोड़ 6 गोलियां मारी, जिससे गल्ला कारोबारी मनीष कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। घटना को अंजाम देने के बाद शूटर्स फरार हो गए।
अब सुनिए डीजीपी ने जॉइनिंग के समय क्या कहा था…
अप्रैल 2023 में जब राजविंदर सिंह भट्टी को बिहार पुलिस का मुखिया बनाया गया तो कानून के राज के दावों की चर्चा होने लगी। सरकार और पुलिस महकमा के साथ मीडिया में भी भट्टी छाए रहे। खौफ तो तब और हो गया, जब डीजीपी आरएस भट्टी ने पुलिस अफसरों के साथ पहली मीटिंग में अपराध रोकने का अपना सिंपल फॉर्मूला बताया। कहा, अगर अपराधी बैठा होगा तो कुछ खुराफात सोचेगा। अगर आप अपराधियों को नहीं दौड़ाओगे तो वह आपको दौड़ाएगा।
अपराध से हांफ रहे बिहार में राज्य पुलिस के मुखिया के ऐसे दावों से आम जनता में सुरक्षा की उम्मीद जगी थी। वह पुलिस की हनक का इंतजार करते रहे, लेकिन कई मौकों पर बिहार पुलिस ने आम जनता की उम्मीदों को भी ठंडा कर दिया।
अब SSP की भी सुन लीजिए
पटना के SSP राजीव मिश्रा ने अपराध के बढ़ते ग्राफ पर सफाई पेश की है। अपराध के आंकड़ों के साथ क्राइम कंट्रोल के भी दावे किए हैं। एसएसपी का दावा है कि जुलाई में हुई 30 हत्याकांडों में अब तक 60 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अपराध पर अंकुश लगाने को लेकर दावे तो करते हैं, लेकिन अपराधी उनके हर दावे की पोल खोल रहे हैं।
पटना में हर माह लगभग 600 वाहनों की चोरी होती है। ऐसा SSP राजीव मिश्रा बताते हैं, लेकिन इसके साथ ये भी दावा करते हैं कि जुलाई में वाहन चोरी की घटनाएं काबू में रही हैं। ऐसा दावा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि जुलाई माह में 421 वाहनों की चोरी हुई है।
एसएसपी के आंकड़ों के मुताबिक, एक दिन में पटना में 14 गाड़ियां चोरी हुई। SSP का कहना है कि इतनी चोरी का कारण कहीं भी बाइक लगा देना है। आप कहीं भी बाइक लगाते हैं, उसी समय आसपास मौजूद चोरों का गिरोह सक्रिय हो जाता है। पुलिस की तत्परता की वजह से चोरी की घटनाओं में कमी आ रही है।
एसएसपी ऐसा दावा कर खुद की पीठ थपथपा रहे हों, लेकिन यह आंकड़ा भी कम नहीं है। यह पुलिस का रिकॉर्ड बोल रहा है, लेकिन शिकायतें पुलिस के केस रजिस्टर्ड नहीं करने की भी आती हैं।
पटना पुलिस की लापरवाही पार्षद ने बताई
पटना के 22 बी की वार्ड पार्षद सुचित्रा सिंह ने पटना पुलिस की लापरवाही की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि हमारे पति पर हुई फायरिंग की घटना में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। आरोप लगाया कि लगातार पुलिस से किसी अनहोनी की आशंका जताते हुए गार्ड की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने खामोश रही।
उन्होंने पप्पू और धप्पू को आरोपित बनाते हुए कहा कि मुझे इंसाफ चाहिए। पति गुहार लगाते रहे, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठी रही। पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करती हैं तो वह जनता के साथ सड़क पर उतरेंगी।
राजधानी के साथ पूरा बिहार भी अशांत
राजधानी पटना के साथ राज्य के अन्य जिले भी अशांत हैं। लूट और हत्या के साथ डकैती की घटना ने आम लोगों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लूट और डकैती की कई बड़ी घटनाओं ने पिछली कई घटनाओं का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
अब प्रदेश में लूट और हत्या की बड़ी वारदातें देखिए…
बदमाशों के निशाने पर बैंक
एक अगस्त को बदमाशों ने हाजीपुर के लालगंज थाना क्षेत्र में एक्सिस बैंक से लाखों रुपए लूट लिए। दो बाइक से आए चार बदमाशों ने सुबह बैंक खुलते ही डकैती की घटना को अंजाम दिया। बिहार में बैंक लूट की घटनाएं ताबड़तोड़ हो रही हैं, जिससे बैंक की सुरक्षा पर सवाल है।
हाजीपुर से पहले मुजफ्फरपुर में बदमाशों ने उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक से बड़ी लूट की थी। जुलाई में नालंदा में दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक से 14 लाख की लूट हुई थी। बदमाशों ने 22 जून को शिवहर में बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा से दिन दहाड़े 7 मिनट में 27 लाख रुपए लूटकर फरार हो गए।
इसी तरह मोतिहारी में आईसीआईसीआई बैंक से बदमाशों ने 18.71 लाख रुपए दिन दहाड़े लूट लिए थे। बिहार में लगातार बैंक में हो रही लूट से आम इंसान भी बैंक जाने से डरने लगे हैं। हर घटना में बदमाशों ने बैंक में मौजूद लोगों का मोबाइल छीन लिया था। विरोध करने पर गोली भी मारी जा सकती है। ग्राहकों को बैंक से बड़े लेन देन में सुरक्षा की चिंता रहती है।
प्रॉपर्टी डीलर को गोलियों से भून डाला
मुजफ्फरपुर में 21 जुलाई को बदमाशों ने प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही और तीन गार्डों को गोलियों से भून डाला। बदमाशों ने इस घटना में अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था। बिहार एसटीएफ ने हत्याकांड के मास्टरमाइंड मंटू शर्मा को पकड़ा तो बड़ा खुलासा हुआ। पुलिस ने शूटर गोविंद को भी तमिलनाडु के रामेश्वेरम से गिरफ्तार कर लिया। घटना से साफ हो गया कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।
कटिहार में महिला सिपाही का मर्डर
बदमाशों में पुलिस का कितना खौफ है, इसका अंदाजा महिला सिपाही की हत्या से लगाया जा सकता है। बदमाशों ने 9 फरवरी 2023 को कटिहार में तैनात महिला सिपाही प्रभा भारती के सिर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। 21 साल की महिला सिपाही कटिहार पुलिस लाइन में तैनात थी। पुलिस ने मामले को प्रेम प्रसंग बताया था। महिला सिपाही की हत्या के बाद उसके परिवार वाले आज भी दहशत में हैं। वह भी जान को लेकर खतरे की आशंका जता चुके हैं।
प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग के बीच एक मर्डर
कटिहार में बिजली के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने फायरिंग कर दी। इस घटना में एक सोनू नाम के युवक की मौत हो गई। पुलिस ने शुरू में तो घटना के लिए पुलिस की फायरिंग को जिम्मेदार बताया था, लेकिन बाद में एसपी और डीएम ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर CCTV फुटेज जारी किया और घटना में एक युवक द्वारा फायरिंग करते हुए दिखाया गया। पुलिस ने दावा किया कि प्रदर्शन के दौरान भीड़ में शामिल उपद्रवी ने घटना को अंजाम दिया था। यह घटना आज भी सवालों में है।
पूरा एनडीए अब जंगराज पार्ट-2 की बात कह रहा
मौजूदा समय में महागठबंधन की सरकार है। राजद की नीतीश सरकार में साझेदारी है। विपक्षी दल इसलिए भी सरकार को घेरते हैं, क्योंकि जंगलराज का नारा देकर ही नीतीश कुमार बिहार की सत्ता में आए थे। इस कारण विपक्ष जंगलराज से भी खतरनाक नीतीश राज का नारा दे रहे हैं। अपराध के ग्राफ पर राजनीतिक पार्टियों के बीच बयानों का दौर तेज हो गया है।