प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार मिलने पर पीएम मोदी ने कहा कि यह उनके लिए एक यादगार पल है। उन्होंने इस पुरस्कार राशि को नमामि गंगे परियोजना को दान करने का फैसला लिया है। पीएम मोदी ने कहा-‘मैं यह पुरस्कार देश के 140 करोड़ लोगों को समर्पित करता हूं।’
इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि ‘व्यवस्था निर्माण से संस्था निर्माण’, ‘व्यवस्था निर्माण से व्यक्ति निर्माण’, ‘व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण’ की दृष्टि राष्ट्र निर्माण के लिए एक रोडमैप की तरह काम करती है। भारत आज इस रोडमैप का पूरी निष्ठा से पालन कर रहा है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन मे कहा कि भारत की आज़ादी में लोकमान्य तिलक की भूमिका, उनके योगदान को चंद घटनाओं और शब्दों में समेटा नहीं जा सकता है। उन्होंने उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि आज विश्वास में सरप्लस दिखाई देता है। पिछले 9 वर्षों में बड़े बदलाव हुए हैं। आज देश हर क्षेत्र में अपने लोगों पर भरोसा कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आज भारत आत्मनिर्भर हो रहा है। पहले छोटे छोटे कामों के लिए लोगों को परेशान होना पड़ता था। उन्होंने कहा कि अब देश में सकारात्मक माहौल तैयार हो रहा है। विश्व आज भारत को भविष्य के रुप में देख रहा है।
पीएम मोदी को मिलने जा रहे इस पुरस्कार की शुरुआत 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा की गई थी. यह प्रतिष्ठित पुरस्कार ट्रस्ट द्वारा प्रतिवर्ष लोकमान्य तिलक की पुण्य तिथि के अवसर पर प्रदान किया जाता है. मालूम हो कि लोकमान्य तिलक 20वीं सदी की शुरुआत में भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख व्यक्ति थे.
क्यों मिल रहा है यह पुरस्कार
बाल गंगाधर तिलक भारतीय स्वशासन (स्वराज्य) के प्रबल समर्थक थे और उन्होंने जनता को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. ट्रस्ट का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके असाधारण नेतृत्व और नागरिकों के बीच देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों की मान्यता में इस पुरस्कार के 41वें प्राप्तकर्ता के रूप में चुना गया है, जिसमें एक स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र शामिल है.
ट्रस्ट में कौन
संस्था के अध्यक्ष लोकमान्य के पड़पोते (प्रपौत्र) दीपक तिलक हैं. तिलक परंपरागत रूप से कांग्रेस समर्थक रहे. लोकमान्य को वह व्यक्ति माना जाता है जो कांग्रेस को जनता तक ले गए. दीपक तिलक के पिता जयंतराव तिलक, जिन्होंने हिंदू महासभा से शुरुआत की, 1950 के दशक में कांग्रेस में चले गए और राज्यसभा सांसद और महाराष्ट्र राज्य विधान परिषद के अध्यक्ष बने.
इन हस्तियों को पहले दिया जा चुका है यह सम्मान
पीएम मोदी से पहले यह पुरस्कार पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा और प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह को भी दिया जा चुका है. इसके अलावा मशहूर व्यवसायी एन. आर. नारायणमूर्ति तथा ‘मेट्रो मैन’ ई. श्रीधरन को भी यह पुरस्कार दिया जा चुका है.
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज महाराष्ट्र के पुणे का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री सुबह लगभग 11 बजे दगडूशेठ मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना करेंगे। सुबह 11:45 बजे, उन्हें लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसके बाद दोपहर 12:45 बजे, प्रधानमंत्री मेट्रो ट्रेनों को झंडी दिखाएंगे और विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
प्रधानमंत्री पुणे मेट्रो के पहले चरण के दो गलियारों के पूर्ण हो चुके खंडों पर सेवाओं के उद्घाटन के अवसर पर मेट्रो ट्रेनों को झंडी दिखाएंगे। ये खंड फुगेवाड़ी स्टेशन से सिविल कोर्ट स्टेशन और गरवारे कॉलेज स्टेशन से रूबी हॉल क्लिनिक स्टेशन तक हैं। प्रधानमंत्री ने 2016 में इस परियोजना की आधारशिला भी रखी थी। नए खंड पुणे शहर के महत्वपूर्ण स्थानों जैसे शिवाजी नगर, सिविल कोर्ट, पुणे नगर निगम कार्यालय, पुणे आरटीओ और पुणे रेलवे स्टेशन को जोड़ेंगे। यह उद्घाटन देश भर में नागरिकों को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल मास रैपिड शहरी परिवहन प्रणाली प्रदान करने के प्रधानमंत्री के विज़न को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस रूट पर कुछ मेट्रो स्टेशनों की रूपरेखा छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर बनाई गई है। छत्रपति संभाजी उद्यान मेट्रो स्टेशन और डेक्कन जिमखाना मेट्रो स्टेशनों की एक अनूठी रूपरेखा है जो छत्रपति शिवाजी महाराज के सैनिकों द्वारा पहने जाने वाले हेडगियर से मिलती-जुलती है, जिसे “मावला पगाड़ी” भी कहा जाता है। शिवाजी नगर भूमिगत मेट्रो स्टेशन की एक विशिष्ट रूपरेखा है जो छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा निर्मित किलों की याद दिलाती है।
एक और अनूठी विशेषता यह है कि सिविल कोर्ट मेट्रो स्टेशन देश के सबसे गहरे मेट्रो स्टेशनों में से एक है, जिसमें 33.1 मीटर का सबसे गहरा बिंदु है। स्टेशन की छत को इस तरह से बनाया गया है कि सीधी धूप प्लेटफॉर्म पर पड़े।
प्रधानमंत्री पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम (पीसीएमसी) के तहत अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन करेंगे। लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से विकसित, यह बिजली का उत्पादन करने के लिए सालाना लगभग 2.5 लाख मीट्रिक टन अपशिष्ट का उपयोग करेगा।
सभी के लिए आवास अर्जित करने के मिशन की दिशा में आगे बढ़ते हुए, प्रधानमंत्री पीसीएमसी द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित 1280 से अधिक घरों को सुपुर्द करेंगे। वह पुणे नगर निगम द्वारा निर्मित 2650 से अधिक पीएमएवाई घरों को भी सुपुर्द करेंगे। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री पीसीएमसी द्वारा निर्मित किए जाने वाले लगभग 1190 पीएमएवाई घरों और पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित 6400 से अधिक घरों की आधारशिला भी रखेंगे।
प्रधानमंत्री को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा इस पुरस्कार का गठन किया गया था। यह पुरस्कार उन लोगों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए काम किया है और जिनके योगदान को केवल उल्लेखनीय और असाधारण के रूप में देखा जा सकता है। यह प्रत्येक वर्ष 1 अगस्त को लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि पर प्रदान किया जाता है।