आज यानी सोमवार को संसद के मॉनसून सत्र का 9वां दिन है. संसद के दोनों सदनों में मणिपुर को लेकर विपक्ष का हंगामा जारी है। सोमवार को स्पीकर ने नियम 176 के तहत मणिपुर पर चर्चा की मंजूरी दे दी, लेकिन विपक्ष 276 के तहत चर्चा की मांग पर अड़े थे। ऐसे में दोनों सदनों में कार्यवाही नहीं हो पाई। हालांकि विपक्ष के हंगामे के बीच ही लोकसभा में सिनेमैटोग्राफ (अमेंडमेंट) बिल, 2023 पारित हो गया। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में दिल्ली सविस बिल पेश कर दिया है। कांग्रेस ने इसका जोरदार विरोध किया है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संविधान से संसद को अधिकार दिया है। संसद को दिल्ली के लिए कानून बनाने का अधिकार दिया है। उन्होंने कहा कि संविधान के तहत संसद दिल्ली के लिए कोई भी कानून बना सकता है। संसद के नियमों के आधार भी कोई आधार नहीं बनता है इसलिए इस बिल को संसद में पेश करने की अनुमति दी जाए।
लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित
देश में इन दिनों मानसून सत्र चल रहा है और मंगलवार (1 अगस्त) को लोकसभा में दिल्ली सर्विसेस बिल पेश किया जाएगा. यह बिल राजधानी दिल्ली में ग्रुप ए के अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग और डिपॉर्टमेंट एलाकेशन का काम करेगा. ऐसे में सदन में एक बार फिर हंगामा होने के आसार हैं। इससे पहले सोमवार को भी संसद में गतिरोध बना रहा। विपक्ष ने इस मामले पर प्रधानमंत्री से वक्तव्य की मांग को लेकर भारी हंगामा किया और दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। आज संसद में लाए जानेवाले दिल्ली अध्यादेश बिल का विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ने विरोध करने का फैसला लिया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज लोकसभा में दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़ा विधेयक ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक-2023 ‘ को पेश करेंगे। 1 अगस्त को लोकसभा में होने वाले कामकाज की बिजनेस लिस्ट में इस विधेयक को शामिल किया गया है। वहीं इससे पहले यह बिल सोमवार 31 जुलाई को पेश किया जाना था, लेकिन किन्हीं वजहों से सरकार ने इसे पेश नहीं किया था।
दिल्ली अध्यादेश बिल को संसद में पेश किए जाने से पहले मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को उपराज्यपाल वी के सक्सेना से भेंट की। राजनिवास में दोनों के बीच यह बैठक आधे घंटे से अधिक चली।
इस अध्यादेश को लेकर दिल्ली विधानसभा में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि वह और उनकी पार्टी साथ में अन्य विपक्षी दलों के पास राज्यसभा में पर्याप्त संख्या बल है लिहाजा वह वहां से यह बिल पास नहीं होने देंगे. सिंह ने कहा कि यह बिल असंवैधानिक है क्योंकि इस बिल से दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री के अधिकार छीने जा रहे हैं.
अविश्वास प्रस्ताव लंबित तो फिर क्यों लाया गया यह बिल’
संजय सिंह ने कहा कि अभी जब संदन में अविश्वास प्रस्ताव लंबित है लेकिन बावजूद इसके ऐसा अविश्वास प्रस्ताव लाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ. संजय सिंह ने कहा कि लोकसभा में भले ही हमारे पास संख्या बल नहीं हो लेकिन राज्यसभा में संख्या बल है और हम इस बिल को गिराएंगे.
लोकसभा में आज की कार्यवाही को संशोधित करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह सदन में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक पेश करेंगे और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय दिल्ली से जुड़े अध्यादेश के स्थान पर तत्काल इस विधेयक को लाने के कारणों को स्पष्ट करते हुए सदन में अपनी बात रखेंगे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी इस बिल का कड़ा विरोध कर रही है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी इस अध्यादेश के विरुद्ध हैं. केंद्र सरकार का यह अध्यादेश 19 मई को लाया गया था. इससे एक हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को सेवा से जुड़े मामलों का नियंत्रण दिया था हालांकि उसे पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से जुड़े विषय नहीं दिये गए थे.
आप सांसद राघव चड्ढा ने दिल्ली सेवा बिल को लोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली का जो अध्यादेश लाया जा रहा है इससे ज्यादा गैर लोकतांत्रिक और असंवैधानिक कोई बिल लाया गया है. कभी भी भारत के संविधान के अंदर ऐसा बिल नही लाया गया है. यह दिल्ली के डेमोक्रेसी को बाबूक्रेसी में तब्दील कर देगा.