मुजफ्फरपुर के बालिका गृह कांड का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। यह कांड भले ही 2018 में सामने आया लेकिन स्वयंसेवी संस्था सेवा संकल्प एवं विकास समिति द्वारा संचालित इस बालिका गृह में बच्चियों को फर्जी हाथों में सौंपने का खेल काफी पहले से चल रहा था। सीबीआई की ताजा एफआईआर (29 जुलाई) इसका प्रमाण है। सीबीआई ने स्वयंसेवी संस्था पर एक नाबालिग लड़की के कथित अपहरण के मामले में यह मुकदमा दर्ज किया है।
जांच में पता चला है कि एक नाबालिग जो शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग थी उसे उसके पिता राजकुमार पासवान को 10 नवंबर 2015 को सौंपा गया था। राजकुमार पासवान का पता झारखंड के हजारीबाग के बड़कागांव प्रखंड की अंबाजीत पंचायत के सुकुल खपिया गांव दर्ज था। रानी को सीतामढ़ी की चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के 10 नवंबर 2015 के आदेश के आधार पर सौंपा गया था। जांच में नाबालिग के पिता राजकुमार पासवान और उसकी पत्नी शीतला के मतदाता पहचान पत्र फर्जी निकले।
राजकुमार पासवान और उसकी पत्नी की पहचान करने वाला नथुनी मुखिया भी एक काल्पनिक व्यक्ति निकला। जिस पंचायत और गांव का मुखिया नथुनी को बताया गया, उस पंचायत में नथुनी नाम से कभी कोई मुखिया नहीं रहा। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि नाबालिग को बाल कल्याण समिति के जिस आदेश पर 10 नवंबर 2015 को रिहा किया गया, उस आदेश पर सीडब्ल्यूसी की चेयरपर्सन मानसी समादार और सदस्य रेणु कुमारी सिंह ने भी हस्ताक्षर नहीं किए थे। यह आदेश ही फर्जी था।
सीबीआई ने बालिका गृह कांड को खुला रखा है
बालिका गृह कांड में मुजफ्फरपुर के महिला थाने में पॉक्सो एक्ट के तहत 31 मई 2018 को कांड दर्ज किया गया था। सीबीआई ने 28 जुलाई 2018 को केस दर्ज किया। 18 दिसंबर 2018 को मुजफ्फरपुर के पॉक्सो कोर्ट में चार्जशीट फाइल की। सेवा संकल्प एवं विकास समिति के मालिक ब्रजेश ठाकुर सहित 21 को अभियुक्त बनाया था। सीबीआई ने कुछ बिंदुओं को लेकर आगे के अनुसंधान को भी सीआरपीसी की धारा 173(8) के तहत खुला रखा था। नया केस इसी के तहत दर्ज हुआ।
23 मार्च को राज्य सरकार ने की थी अनुशंसा
राज्य सरकार ने 23 मार्च 2023 को सीबीआई जांच की अनुशंसा की थी। केन्द्र सरकार ने 18 जुलाई को इसकी अधिसूचना जारी कर दी और सीबीआई पटना ने शनिवार 29 जुलाई को मामला दर्ज कर लिया।
डीएसपी नीलम करेंगी जांच
नाबालिग के लापता होने के मामले की जांच करेगी। सीबीआई ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह के अज्ञात कर्मियों व अन्य अज्ञात के मामला दर्ज किया है। जांच सीबीआई की डीएसपी नीलम कुमारी को सौंपी गई है।