बिहार विधानमंडल के नेता प्रतिपक्ष ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष कर कहा कि उनसे जब अपना गृह जिला नहीं संभल रहा तो प्रदेश और देश क्या बचाएंगेॽ नालंदा में हाल के दिनों में हुई हत्याओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जियर गांव में अविनाश कुमार की हत्या माफियाओं द्वारा बेरहमी से कर दी गई‚ लेकिन एसपी नहीं गए। प्रह्लाद बीघा में किशोर चौधरी की पीट–पीट कर हत्या कर दी गई लेकिन अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई। वैशाली में भजन बजाने के कारण एक मंदिर के पुजारी को पीट पीटकर मार डाला गया।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री सिन्हा ने साफ लहजे में कहा कि जब से महागठबंधन की सरकार बनी है प्रदेश में करीब ५००० लोगों की हत्या हुई है‚ इनमें अधिकांश हत्या बालू‚ शराब और जमीन माफिया के द्वारा की गई है। उन्होंने कहा कि मैं कल खुद वैशाली जिले जाउगा और सतपुरा शिव मंदिर के पुजारी राम नारायण गिरी के परिजनों से मुलाकात करूंगा‚ जिनकी भजन बजाने के कारण लोगों ने पीट–पीटकर हत्या कर दी। श्री सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विपक्षी एकता के कार्यों में व्यस्त रहने के कारण बिहार को अराजकता में झोंक दिया है। नीतीश कुमार अब रबर स्टांप की तरह हो गए हैं और इनकी पहचान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की राह के लिए होने लगी। श्री सिन्हा ने विपक्षी एकता की बैठक पर तंज कसते हुए कहा कि सभी भ्रष्टाचारी एक हो रहे हैं। महागठबंधन में जितनी पार्टियां हैं वह डरी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सामंतशाही‚ तानाशाही‚ भ्रष्टाचारी पार्टी नहीं है। जब से महागठबंधन की सरकार बनी है प्रदेश में करीब ५००० लोगों की हत्या हुई है , अधिकतर हत्या बालू‚ शराब और जमीन माफिया ने की है, गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के मूल्यांकन के बाद मिलता है नेशनल क्वालिटी एश्यूरेंस स्टैंड़र्ड़्स प्रमाणीकरण , स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी होने वाली नेशनल क्वालिटी एश्यूरेंस स्टैंड़र्ड़्स प्रमाणीकरण कई चरणों में पूरी होती है। इस प्रक्रिया के प्रारंभ में प्रत्येक अस्पताल अपने यहां मौजूद स्वास्थ्य सेवाओं और आधारभूत संरचनाओं का मूल्यांकन स्वयं करते हैं और इसकी रिपोर्ट राज्य को भेजते हैं। इसके बाद उस स्वास्थ्य केंद्र का पीयर असेसमेंट किया जाता है जिसमें दूसरे जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम उस अस्पताल का निर्धारित मानकों के आधार पर मूल्यांकन कार्य करती है। यहां से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद राज्य स्तरीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा पुनः उस अस्पताल का मूल्यांकन किया जाता है। इस मूल्यांकन में सफलता हासिल करने वाले अस्पताल को राज्य स्तरीय एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन मिलता है। इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा अस्पताल का मूल्यांकन कर अंतिम रूप देते हुए राष्ट्रीय स्तर पर एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। इसके बाद ही अस्पताल को स्पेशल फंड मिल पाता है। इस राशि का उपयोग मरीजों की सेवाएं बढाने‚ अस्पतालों में सुविधाएं और साफ–सफाई और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए किया जाता है।