विपक्षी दलों ने अपने मोर्चे का नाम ‘INDIA’यानी इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्लूसिव अलायन्स रखा है. बीती रात NDTV ने खबर दी थी कि विपक्ष के मोर्चे का नाम इंडिया होगा. बैठक का आज दूसरा दिन है. इस दौरान कई नेताओं ने भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि बेंगलुरु में बैठक का उद्देश्य देश, लोकतंत्र और संविधान को बचाना है. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुग खरगे ने 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले रणनीति पर चर्चा करने के लिए हो रही 26 विपक्षी दलों की बैठक में मंगलवार को कहा कि कांग्रेस की सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है.
विपक्ष के कई दलों के शीर्ष नेता मंगलवार को बेंगलुरु में औपचारिक रूप से मंत्रणा करेंगे कि कैसे अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ एक साझा कार्यक्रम तैयार किया जाए और एकजुट होकर उसे मात दी जाए. इससे पूर्व बेंगलुरु में विपक्षी दलों के नेताओं ने दो दिवसीय बैठक के पहले दिन सोमवार को रात्रिभोज के मौके पर अनौपचारिक रूप से चर्चा की थी, जहां से यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि वे 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एकजुट हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार और कुछ अन्य नेता भी मंगलवार को दूसरे दिन की बैठक में शामिल होंगे जो पहले दिन की बैठक में शामिल नहीं हो सके थे.
बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक का एजेंडा
तीन वर्किंग ग्रुप बनाए जाएंगे
पहला ग्रुप: कॉमन एजेंडा पर काम करेगा
दूसरा ग्रुप: अगस्त से चुनाव प्रचार की रूप रेखा तैयार करेगा
तीसरा ग्रुप: राज्यों में लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन का खाका तैयार करेगा
गठबंधन 2024 लोकसभा चुनाव के लिए होगा
गठबंधन विधानसभा और स्थानीय चुनाव में लागू नहीं होगा
मोर्चे का नाम, संयोजक पर भी चर्चा
दूसरे दिन की बैठक के बाद विपक्षी दलों के नेता संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से आगे की रूपरेखा पेश करेंगे. पहले दिन की बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव और कुछ अन्य नेता शामिल हुए.
पहले दिन की बैठक से पूर्व कांग्रेस ने भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा था कि अगले लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता भारत के राजनीतिक परिदृश्य के लिए परिवर्तनकारी साबित होगी तथा जो लोग अकेले दम पर विपक्षी दलों को हरा देने का दंभ भरते थे, वे इन दिनों ‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के भूत’ में नयी जान फूंकने की कोशिश में लगे हुए हैं. विपक्षी दलों की पिछली बैठक 23 जून को पटना में हुई थी.