आज का युग तकनीकी यानी टेक्नोलॉजी का युग है. टेक्नोलॉजी के बेस पर ही किसी भी देश की तरक्की भी निर्भर करती है. रक्षा क्षेत्र हो या अर्थ जगत टेक्नोलॉजी का प्रभाव साफ देखने को मिल रहा है. आधुनिक टेक्नोलॉजी का ही अगला रूप है आर्टिफिशइयल इंटेलिजेंस ( एआई ) माना जा रहा है कि आने वाला समय एआई का होने वाला है. देश के हर सेक्टर में हाई टेक्नोलॉजी से लैस ह्यूमन रोबोट बिल्कुल आज के इंसान की तरह, बल्कि कई मामलों में इंसान से बेहतर काम को अंजाम देते नजर आएंगे. हालांकि अमेरिका, जापान, चीन और जर्मनी आदि देशों में तो एआई की सेवाएं चलन में आ गई हैं और भारत में इसके उदाहरण देखने को मिलने लगे हैं.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की आमद ने लोगों के सामने नौकरी का संकट
लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की आमद ने लोगों के सामने नौकरी का संकट खड़ा कर दिया है. अकेले भारत की ही बात करें तो एआई की वजह स लगभग 74 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी जाने का डर सता रहा है. भारत में किए गए एक सर्वे के आधार पर पता चला है कि तीन चौथाई से ज्यादा लोग एआई की वजह से नौकरी जाने की गहरी चिंता में हैं. माइक्रोसॉफ्ट की एक रिपोर्ट में बताया गया कि 90 प्रतिशत भारतीय नियोक्ताओं ने बताया कि नए नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों के एआई डवलपमेंट के लिए नए स्किल्स सीखने की जरूरत होगी. माइक्रोसॉफ्ट वर्क ट्रेंड इंडेक्स 2023 रिपोर्ट के अनुसार यह रिसर्च 31 देशों के 31 हजार लोगों पर किया गया, जिसमें से 1000 भारतीयों को भी शामिल किया गया. रिसर्च में सामने आया कि 74 प्रतिशत भारतीय कर्मचारियों का मानना है कि उनको डर है कि कहीं एआई उनकी जगह न ले ले.
एआई की नेक्स्ट जेनरेशन प्रोडक्टिविटी वृद्धि के नए मार्ग खोलेगा
इंडिया में माइक्रोसॉफ्ट चीफ मॉर्डन वर्क भास्कर बसु कहते हैं कि एआई की नेक्स्ट जेनरेशन प्रोडक्टिविटी वृद्धि के नए मार्ग खोलेगा. एआई के इस्तेमाल से काम कहीं ज्यादा सरल हो जाएगा. जिससे काम का भार झेल रहे लोगों को राहत मिलेगी.