आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने बुधवार को दावा किया है कि उनके करीबियों और स्टॉफ के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीमें छापेमारी कर रही हैं. सांसद संजय सिंह इस वक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के साथ दूसरे दलों के नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली से बाहर गए हुए हैं.
ताजा मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने दिल्ली शराब नीति मामले में कथित घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में आज बुधवार को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह के करीबियों के परिसरों समेत कई जगहों पर नए सिरे से तलाशी ली।
इसे लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने बताया कि उनके सहयोगी अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा के परिसरों पर ईडी की टीम छापेमारी कर रही है।
ईडी की कार्रवाई को लेकर आप नेता ने प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा, “मोदी की दादागिरी चरम पर है। मैं मोदी की तानाशाही के खिलाफ लड़ रहा हूं। ईडी की फर्जी जांच को पूरे देश के सामने उजागर किया। ईडी ने मुझसे गलती मानी। जब कुछ नही मिला तो आज मेरे सहयोगियों अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा के घर ईडी ने छापा मारा है। सर्वेश के पिता कैंसर से पीड़ित हैं ये जुल्म की इंतेहा है। चाहे जितना जुल्म करो, लड़ाई जारी रहेगी।”
संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मोदी की दादागिरी चरम पर है. मैं मोदी की तानाशाही के खिलाफ लड़ रहा हूं. ED की फर्जी जांच को पूरे देश के सामने उजागर किया. ED ने मुझसे गलती मानी. जब कुछ नही मिला तो आज मेरे सहयोगियों अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा के घर ED ने छापा मारा है. सर्वेश के पिता कैंसर से पीड़ित हैं, ये जुर्म की इंतेहा है. चाहे जितना जुर्म करो लड़ाई जारी रहेगी.’
ईडी से जुड़े सूत्रों ने तब बताया था कि एजेंसी ने 20 अप्रैल को अदालत में एक आवेदन दाखिल किया था, जिसमें आरोपपत्र में संजय सिंह के नाम से संबंधित ‘‘टंकण संबंधी/लिपिकीय’’ त्रुटि ठीक करने की मांग की गई है. एजेंसी के सूत्रों ने बताया था कि आरोपपत्र में सिंह का नाम चार बार आया है, जिसमें से एक संदर्भ गलत था क्योंकि उनका नाम राहुल सिंह के स्थान पर ‘‘अनजाने में’’ टंकित हो गया. मामला अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण एवं कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है.
दिल्ली के उपराज्यपाल ने मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सिफारिश की थी। इसके बाद ईडी ने भी पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था. ईडी और सीबीआई का आरोप है कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के तहत शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए सांठगांठ करने का मौका दिया गया और कुछ कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी. हालांकि, ‘आप’ ने इन आरोपों का खंडन किया है.