2000 रुपये के नोट बंद होने के बाद अब इस पर सियासत शुरू हो गई है। शुक्रवार को इस फैसले के सामने आने के बाद विपक्ष ने सरकार पर जोरदार हमला बोला था। हालांकि अब एक ऐसी खबर आई है जो बताती है कि विपक्ष इस मुद्दे पर एकमत नहीं है। दरअसल, एक तरफ जहां तमाम विपक्षी दल 2000 के नोटों के बंद होने पर मोदी सरकार पर हमलावर हैं, वहीं आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और TDP नेता चंद्रबाबू नायडू ने इस फैसले का समर्थन किया है। बता दें कि रिजर्व बैंक ने कहा है कि 2000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक बदले जा सकेंगे।
समर्थन में चंद्रबाबू नायडू ने कही ये बात
2000 रुपये के नोट को बंद करने के फैसले का समर्थन करते हुए नायडू ने कहा कि इस फैसले से करप्शन पर लगाम लगेगी। बता दें कि RBI ने 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की शुक्रवार को घोषणा की थी। हालांकि इस मूल्य के नोट बैंकों में जाकर 30 सितंबर तक जमा या बदले जा सकेंगे। आरबीआई ने शाम को जारी एक बयान में कहा कि अभी चलन में मौजूद 2000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे। इसके साथ ही RBI ने बैंकों से 2,000 रुपये का नोट देने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने को कहा है। उसने बैंकों से 30 सितंबर तक ये नोट जमा करने एवं बदलने की सुविधा देने को कहा है।
कबसे बदले जा सकेंगे 2000 के नोट?
बैंकों में जाकर 23 मई से 30 सितंबर तक 2000 रुपये के नोट बदले एवं जमा किए जा सकेंगे। हालांकि एक बार में सिर्फ 20,000 रुपये मूल्य के नोट ही बदले जाएंगे। बहरहाल RBI ने यह साफ नहीं किया है कि कोई व्यक्ति अधिकतम कितने मूल्य के 2000 रुपये के नोट बैंकों में जमा कर सकता है, लेकिन उसने एक बार में अधिकतम 10 नोट ही बदले जाने की बात कही है। RBI का यह कदम नवंबर 2016 के उस अप्रत्याशित ऐलान से थोड़ा अलग है जिसमें घोषणा की आधी रात से ही 500 एवं 1000 रुपये के तत्कालीन नोट को चलन से बाहर कर दिया गया था। उसी समय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट जारी किए थे।
कही ख़ुशी कहा गम
भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 के नोट पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस नोट को बदलने की प्रक्रिया 23 मई से शुरू हो जाएगी. इसकी समय सीमा 30 सितंबर 2023 तक तय की गई है. इस दौरान 2000 के नोट का चलन भी जारी रहेगा, लेकिन आरबीआई ने निर्देश दिया है कि जिनके पास 2000 के नोट हैं वह जितना जल्द हो बैंक में जमा कर दें. बैंक 2000 के नोट को बदल देगी लेकिन अब किसी को बैंक से 2000 का नोट नहीं मिलेगा. आरबीआई के इस फैसले पर पटना के बड़े व्यवसाई वर्ग में कहीं खुशी तो कहीं गम भी दिख रहा है. हालांकि व्यवसायियों ने सरकार के इस फैसले की सराहना की है और कहा है कि यह सरकार को बहुत पहले ही कर लेना चाहिए था.
पटना के एक बड़े स्वर्ण व्यवसाई शशि शेखर रस्तोगी कहा कि प्रतिदिन टर्न ओवर करने वाले व्यवसायियों के लिए कोई खास दिक्कत नहीं है, यह बात है कि कुछ दिनों तक व्यवसाई में शिथिलता आएगी, लेकिन कुल मिलाकर सरकार की यह अच्छी पहल है.
हम लोगों ने 2016 में जब 2000 के नोट का चलन हुआ था उस वक्त भी इस नोट के चलन पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन अब यह बंद हुआ है वह देश के हित के लिए अच्छा होगा जिन लोगों ने 2000 के नोट की जमाखोरी कर रखा है उन्हें भले ही प्रॉब्लम हो सकती है आम व्यवसायियों को बहुत ज्यादा दिक्कत नहीं होगी.
चावल और दलहन के बड़े थोक व्यवसाई ने क्या कहा?
वहीं चावल और दलहन के बड़े थोक व्यवसाई फिटिंग शाह का कहना है कि खदान सामानों में प्रतिदिन आय- व्यय होते हैं. बड़ी राशि को एकाउंट से ट्रांसफर भी किया जाता है, इसलिए बहुत ज्यादा परेशानी नहीं है. छोटे लेवल के काम में कुछ परेशानी शुरू दौर में होगी, लेकिन जो पक्का काम कर रहे हैं उनके लिए कोई दिक्कत नहीं है. सरकार ने 2000 के नोट बंद करने का निर्णय लिया या सराहनीय कदम है. यह निर्णय बहुत पहले लेना चाहिए था खैर जो भी हुआ बहुत अच्छा हुआ. इससे काला धन रखने वाले पर नकेल भी कसा जा सकता है.
सरिया फैक्ट्री के मालिक विनय सिंह ने कहा कि 2000 के नोट के प्रतिबंध पर सरकार का फैसला सही है लेकिन नोट बदलने की राशि की सीमा मात्र 20, 000 किया गया है यह बहुत कम है. क्योंकि हम लोग के व्यवसाय में 20,000 बहुत कम राशि होती है और नोट ज्यादा आते हैं. अभी आरबीआई ने 2000 के नोट के चलन को बरकरार रखा है ,ऐसे में हम ग्राहकों से नहीं लेने की बात भी नहीं कर सकते हैं. सिर्फ सरकार को नोट बदली का राशि बढ़ाना चाहिए, बाकी सभी फैसले अच्छे हैं. बहुत बड़ा एमाउंट तो कैश में मिलता भी नहीं है.
पटना के पेट्रोल पंप और ईंट व्यवसाई विजय यादव ने कहा कि सरकार ने जो फैसला लिया है वह बिल्कुल सही है. 2000 की नोट का चलन ही गलत था. हम लोग व्यवसायियों ने उस वक्त भी आग्रह किया था कि इस नोट का चलन नहीं किया जाए, लेकिन अब बंद हुआ है तो वह सराहनीय कदम है. परंतु अभी हम लोग को परेशानी झेलना पड़ेगा. अभी कोई भी ग्राहक दो हजार की नोट को लेकर आएंगे तो हमें तो लेना ही पड़ेगा.
अब उसे बदली करने में सरकार ने जो सीमा निर्धारित किया है वह कम है और निश्चित तौर पर आज से 2000 के नोट की संख्या में बढ़ोतरी होगी और सरकार ने 1 दिन में मात्र 10 नोट ही बदलने का निर्धारित किया है. कुछ दिनों तक तो परेशानी वासियों को उठाना पड़ेगा.
बिहार में राजनीति शुरू
लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने ट्वीट कर लिखा है ”आने वाली पीढ़ियां यह सोचकर आश्चर्य करेंगी कि पृथ्वी पर साधारण सा कागज का एक ऐसा अनूठा नोट भी आया था जिसे आने से भी भ्रष्टाचार मिटा था और जाने से भी” ‘जय हो अंध भक्तों”
2000 के नोट पर पाबंदी पर क्या बोले यूजर्स?
आरजेडी के ट्वीट पर यूजर्स भी 2000 के नोट पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधने लगे. एक यूजर्स ने 2000 के नोट पर प्रतिबंध को कर्नाटक चुनाव से जोड़कर बताया है और लिखा है ”कर्नाटक चुनाव ने मोदीजी को सिखा दिया है कि हमेशा ब्लैक मनी आपको चुनाव नहीं जीता सकती है जो उत्तर प्रदेश का चुनाव जीतने के लिए नोटबंदी के नाम पर हथकंडा चल गया वह एपिसोड कर्नाटक में बीजेपी को धूल चटाने के साथ पूरी तरह समाप्त हो गया.”
एक यूजर्स ने लिखा है ”नतमस्तक मीडिया के लिए 2000 का नोट लाना मास्टर स्ट्रोक था और अब उसे बंद करना भी मास्टर स्ट्रोक होगा,अगर मोदीजी 2000 के सारे नोट के गद्दे बनवा देते या यूं ही जलवा देते तो भी वह मास्टर स्ट्रोक ही कहलाता.”
2018 के बाद से नहीं हुई थी 2000 के नोट की छपाई
भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 के नोट पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा है कि 89 प्रतिशत 2000 के नोट मार्च 2017 तक के छपे हुए हैं. वित्तीय वर्ष 2018-19 में 2000 के नोट को छापा गया. उसके बाद इस नोट की छपाई नहीं हुई है. इसलिए नोट के इस्तेमाल करने योग्य 4 से 5 साल की अवधि को पूरा कर लिया है. रिजर्व बैंक ने 30 सितंबर तक सभी नोट को वापस लेने के लिए क्षेत्रीय आरबीआई शाखा एवं सभी बैंकों को निर्देश दे दिया है, लेकिन 1016 में नोटबंदी के समय में भी जमकर राजनीति हुई थी और अब 2000 के नोट को बंद होने पर भी राजनीति का होना लाजिम है.