गर्मी के दिनों में उत्तर बिहार में मासूम बच्चों के बीच मौत का दूसरा नाम बना चमकी बुखार का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. देखते ही देखते ये आंकड़ा करीब दो दर्जन तक पहुंच गया है. इसके साथ ही पीलिया, डायरिया, जुकाम खांसी से भी बच्चे पीड़ित हो रहे हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है।
श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज (एसकेएमसीएच) की ओर से जारी किए गए चमकी बुखार के आंकड़ों के अनुसार 16 जनवरी को इस वर्ष चमकी बुखार का पहला केस मेडिकल कॉलेज पहुंचा था. तब से लेकर अब तक धीरे-धीरे चमकी बुखार अपना रफ्तार बढ़ा रहा है. बीते महीने की अगर बात करें तो इसकी संख्या में काफी ज्यादा इजाफा हुआ है।
जिले में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के द्वारा लोगों को चमकी बुखार के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग यह दावा भी करती है कि चमकी बुखार के आंकड़ों में बहुत ज्यादा इजाफा हुआ है. सुधार बहुत हुआ है यह हकीकत भी है. लेकिन दूसरी ओर एसकेएमसीएच के आंकड़ों के अनुसार अब तक 23 बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें चमकी बुखार के लक्षण होने पर भर्ती हुए हैं. उन सभी में से अब तक आंकड़ों के अनुसार 4 बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें एक 2 वर्ष पूर्व चमकी बुखार हुआ था. उन्हें फिर दोबारा चमकी बुखार अपनी चपेट में ले लिया है.
एसकेएमसीएच के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 23 बच्चों में शिवहर जिले से एक, बेतिया से 2, मोतिहारी के 1, सीतामढ़ी से 3 और मुजफ्फरपुर जिले के विभिन्न क्षेत्रों से 16 बच्चे चमकी बुखार पीड़ित आए हैं. जिसमें से अब तक 21 बच्चे को ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है. वहीं दो बच्चे अभी पीकू वार्ड में भर्ती हैं. जिनमें सोमारी कुमारी जो चंपारण जिले की है. वहीं दूसरा सुकेश कुमार जो मुजफ्फरपुर जिले के सकरा क्षेत्र का रहने वाला है.
AES को लेकर SKMCH तैयार’
एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी ने बताया कि 30 मार्च को औराई के रहने वाले सरफराज अस्पताल में भर्ती हुए जबकि तीन अप्रैल को अनस अस्पताल पहुंचे। दोनों बच्चे ठीक हो गए, जिन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. यू.सी. शर्मा ने बताया कि इस साल अब तक एईएस से पीड़ित छह मरीज भर्ती हुए हैं। इनमे पांच मुजफ्फरपुर के जबकि एक पूर्वी चंपारण के थे। उन्होंने बताया कि एईएस को लेकर हमलोग पूरी तरह तैयार है। इस साल हमलोग जीरो डेथ को लेकर काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी को लेकर जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि एईएस को लेकर घर घर पैंपलेट बांटे जा रहे हैं, जिससे आम लोगों को इसकी जानकारी मिले।
अभी तक चमकी बुखार के कारणों का पता नहीं
मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाके में जैसे ही गर्मी और उमस बढ़ती है, वैसे ही इस बीमारी से बच्चे ग्रसित होने लगते है। प्रतिवर्ष इस बीमारी से बच्चों की मौत होती है। मुजफ्फरपुर जिले में खासकर मीनापुर, कांटी, मुसहरी और पारू प्रखंड के कई गांवों में इस बीमारी ने लोगों को खासा परेशान किया है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर ग्रामीणों क्षेत्रों में जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है, लेकिन आजतक इस बीमारी से निजात दिलाने में सफलता नही मिली है।