भारत ही नहीं बल्कि विश्व में मेडिकल क्षेत्र में नर्सों का विशेष महत्व होता है. ताजा उदाहरण कोरोनाकाल का हमारे सामने है. जब नर्सों ने अपनी जान की बाजी लगाकर करोड़ों लोगों का जीवन बचाया. यह किसी से छिपा नहीं है. मेडिकल क्षेत्र में सालों से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली नर्सों की आज प्रोफेशनल तौर पर भी डिमांड बढ़ी है. आपको बता दें कि फ्लोरेंस नाइटिंगेल के सम्मान में उनके जन्म दिवस वर्ल्ड नर्स डे सैलिब्रेट किया जाता है. इसे प्रतिसाल 12 मई को मनाया जाता है. जिस दिन नर्सों की शान में कसीदे गढ़े जाते हैं.
क्यों मनाया जाता है नर्स दिवस?
जानकारी के मुताबिक यह दिन मॉडर्न नर्सिंग की जन्मदाता फ्लोरेंस नाइटिंगेल के सम्मान में मनाया जाता है. इस दिन विश्व भर में नर्सों के द्वारा किये गए त्याग और सेवा को याद किया जाता है. जगह-जगह नर्सों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. जब-जब विश्व में महामारी का दौर आया है तब-तब नर्सों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए लाखों लोगों के प्राणों की रक्षा की ही है. कोरोनाकाल में भी नर्सों का विशेष योगदान विश्व को मिला है. नर्स फ्रंटलाइन में खड़े होकर लोगों की जिंदगियां बचाने की कोशिश करती हैं.
ऐसे हुई थी शुरूआत
इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स ने 1974 में International Nurses Day मनाने की घोषणा की थी. इसके बाद फ्लोरेंस नाइटिंगेल के सम्मान में 12 मई को इसे मनाने की तिथि भी घोषित की गई. तभी से लगातार अंतराष्टिय नर्स दिवस धूमधाम से मनाया जाता है. साथ ही नर्सों के सम्मान में अलग-अलग तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं. कई लोग तो यहां तक मानते हैं कि जिनता योगदान चिकित्सकों का समाज सेवा करने का होता है. उससे ज्यादा नर्सों का होता है.