कर्नाटक में बुधवार को विधानसभा की सभी २२४ सीटों पर मतदान संपन्न होने के तुरंत बात जारी अधिकतर एग्जिट पोल में कांग्रेस को बढ़øत मिलने का अनुमान लगाया गया है। कुछे एग्जिट पोल में कांग्रेस बहुमत के करीब दिखाई दे रही है। इसका मतलब है कि पिछले तीन दशक से सूबे में हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा जारी रहेगी। अगले साल यानी २०२४ में लोक सभा चुनाव होंगे और इस साल के अंत में चार प्रमुख राज्यों मध्य प्रदेश‚ छत्तीसगढ़‚ राजस्थान और तेलंगाना के विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव विश्लेषक कर्नाटक के चुनाव परिणामों को आगामी लोक सभा और विधानसभाओं के चुनाव का संकेतक मान रहे हैं। इसलिए दोनों राष्ट्रीय पार्टियां कांग्रेस और भाजपा ने कर्नाटक के चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। कांग्रेस के पास प्रदेश में सिद्धारमैया जैसा कद्दावर नेता है जबकि भाजपा के पास अब येदियुरप्पा जैसा कोई बड़़ा और लोकप्रिय चेहरा नहीं है। इसीलिए शुरुûआत के दिनों में पिछड़़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आक्रामक चुनाव प्रचार करना पड़़ा। कहा जा सकता है कि कर्नाटक में प्रधानमंत्री मोदी ही भाजपा का चेहरा थे। वास्तव में यहां भाजपा और कांग्रेस दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर है। कर्नाटक में कांग्रेस का जनाधार बहुत मजबूत था। १९८९ में उसे १७८‚ १९९ में १३२ और २०१३ में १२२ सीटें मिली थीं। जाहिर है कांग्रेस यहां अपना खोया हुआ जनाधार पाना चाहती है। २०१८ के चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। भाजपा सबसे बड़़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। लेकिन उसका वोट प्रतिशत (३९) कांग्रेस (४२) से कम था। इस चुनाव में एग्जिट पोल के आंकड़़ों के मुताबिक भाजपा को ३६ फीसद‚ जनता दल (एस) को १६ और कांग्रेस को ४२ फीसद वोट मिलने का अनुमान बताया गया है। यदि सर्वेक्षण में ०३ फीसद की गलती की गुंजाइश मान ली जाए तो पोल का अनुमान धराशायी हो सकते हैं। इसलिए कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा की आशंका भी व्यक्त की जा रही हैं। अगर कांग्रेस या भाजपा‚ दोनों को स्पष्ट जनादेश नहीं मिलता है तो जद (एस) किंगमेकर की भूमिका में आ सकता है। एग्जिट पोल के अनुमान कई बार गलत भी साबित हुए हैं। इसलिए ११३ का जादुई आंकड़़ा किसके पास होगा‚ यह जानने के लिए १३ मई तक इंतजार करना होगा।
चुनाव सर्वेक्षण: हकीकत, भ्रम और वोटर की भूमिका
देश में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव ने मीडिया और जनता को एक नई दिशा में सोचने और मतदान...