कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान खत्म होते ही कई मीडिया हाउसों ने Exit Polls शुरू किए, जिनमें अब तक सात में से पांच एग्ज़िट पोल्स में कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आने का अनुमान जताया गया है. इसके अलावा जनता दल सेक्युलर (JDS) को भी इतनी सीटें मिल जाने का अनुमान जताया गया है, जिनकी बदौलत वह किंगमेकर हो सकती है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
- अब तक सात में से पांच एग्ज़िट पोल्स में कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आने का अनुमान जताया गया है. Zee News-Matrize के एग्ज़िट पोल में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिल जाने का अनुमान जताया गया है, और उन्हें 103-118 सीटें मिल सकती हैं. इसके अलावा, Times Now-ETG के एग्ज़िट पोल में भी कांग्रेस को 113 सीटें मिलने का अंदाज़ा लगाया गया है.
- दो एग्ज़िट पोल्स में BJP को स्पष्ट बहुमत मिल सकता है. News Nation-CGS के पोल के अनुसार, BJP 114 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है, और Suvarna News-Jan Ki Baat के एग्ज़िट पोल के मुताबिक, BJP को 94-117 सीटें मिल सकती हैं. सात में से तीन एग्ज़िट पोल्स के अनुसार, कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा बनने जा रही है, और किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं होगा.सभी सातों एग्ज़िट पोल्स के अनुसार, JDS को भी इतनी सीटें मिल सकती हैं कि वह किंगमेकर की भूमिका में रह सके.
- Republic TV-P MARQ के एग्ज़िट पोल के अनुसार, कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा बनेगी, और कांग्रेस को BJP के मुकाबले बढ़त हासिल हो सकती है. BJP को 85-100 सीटों और कांग्रेस को 94-108 सीटों पर जीत मिल सकती है. यहां JDS को भी 24-32 सीटें मिलने का अंदाज़ा लगाया गया है.
- TV 9 Bharatvarsh-Polstrat एग्ज़िट पोल के अनुसार भी BJP की तुलना में कांग्रेस आगे रह सकती है, इस पोल के मुताबिक, कांग्रेस बहुमत से कुछ पीछे 99-109 सीटें हासिल कर लेगी, लेकिन BJP को 88-98 सीटें मिलेंगी. इस एग्ज़िट पोल में भी JDS को 21-26 सीटें मिल जाने का अनुमान है.
- Zee News Matrize Agency के एग्ज़िट पोल के अनुसार, कांग्रेस 103-118 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है, या बहुमत भी हासिल कर सकती है. इस पोल के अनुसार, BJP को 79-94 सीटों के साथ संतोष करना पड़ेगा. JDS को यहां भी 25-33 सीटें मिल जाएंगी.
- ABP News-C Voter के एग्ज़िट पोल के मुताबिक भी कांग्रेस ही सबसे बड़ी पार्टी रहेगी, और उन्हें 81-101 सीटों पर जीत मिल सकती है. BJP को 66-86 सीटों पर ही जीत मिल सकेगी. JDS को इस पोल के अनुसार भी 20-27 सीटें मिल सकती हैं.
- Times Now-ETG के एग्ज़िट पोल के मुताबिक, BJP को 85 और कांग्रेस को 113 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है. JDS को इस पोल के मुताबिक भी 23 सीटें हासिल हो सकती हैं, जबकि अन्य के खाते में 3 सीटें जा सकती हैं.
- India TV-CNX एग्जिट पोल्स के मुताबिक, कांग्रेस को 110 से 120, भाजपा को 80 से 90 और जेडीएस को 20 से 24 सीटें मिलने का अनुमान है.
- India Today- Axis My India के एग्जिट पोल के मुताबिक, भाजपा को 62-80, कांग्रेस को 122-140, जेडीएस को 20-25 और अन्य को 0-3 सीटें मिलने का अनुमान है.
- News 24-Today’s Chanakya के एग्जिट पोल में भाजपा को 92 (Plus/Minus 11), कांग्रेस को 120 (Plus/Minus 11) और जेडीएस को 12 (Plus/Minus 7) सीटें दी गई हैं.
जानें बीजेपी और जेडीएस से क्या हुई गलती
1- 2024 के पहले एक बड़ा राज्य जीत रही है कांग्रेस
—–
2- कांग्रेस का प्लस प्वाइंट रीजनल लीडर, लोकल मुद्दे
—-
3- बीएस येदियुरप्पा को हटाना बीजेपी को पड़ा महंगा
—–
4- दक्षिण में प्रियंका से प्रचार वाला प्रयोग हुआ पास
——
5- मुस्लिम वोट PFI, बजरंग बली के मुद्दे पर एकजुट हुआ
——-
6- कांग्रेस ने जेडीएस के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाई
——–
7- मल्लिकार्जुन खरगे को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का फायदा
———-
8- मोदी विरोधी मोर्चा में कांग्रेस का प्रभाव बढ़ेगा
————
9- कर्नाटक से कांग्रेस के लिए खुला साउथ का ब्लॉक रोड
————
10- कम मार्जिन से बहुमत…इसलिए सीएम चुनना कांग्रेस के लिए चैलेंज
कर्नाटक EXIT पोल के 10 बड़े मैसेज-
– कांग्रेस के खाते में पहला बड़ा राज्य आ रहा है। 2024 से पहले कर्नाटक जीत से कांग्रेस का मनोबल थोड़ा बढ़ेगा
– कांग्रेस के पास अगर रीज़नल लीडर्स हुए और लोकल इश्यूज़ पर अगर उसने लोकसभा का चुनाव लड़ा तो कांग्रेस टफ फाइट दे सकती है।
– येदियुरप्पा को हटाना बीजेपी को महंगा पड़ा। येदियुरप्पा को पहले हटाया गया, फिर स्टार कैंपेनर बनाया गया लेकिन येदियुरप्पा सीएम कैंडिडेट नहीं थे। सिद्धरामैया और डीके शिवकुमार सीएम प्रोबेबल की तरह सामने आए, जिसका फायदा कांग्रेस को मिला।
– राहुल गांधी से ज़्यादा प्रियंका गांधी ने प्रचार किया। प्रियंका ने 35 रैलियां और रोड शो किए। दक्षिण के राज्यों में कांग्रेस ने प्रियंका को उतारकर नया प्रयोग किया और उनको इंदिरा गांधी से जोड़कर प्रेजेंट किया, इसका फायदा मिला।
– मुस्लिम वोट PFI और बजरंग बली के मुद्दे पर एकजुट हुआ और एकमुश्त मुस्लिम वोट कांग्रेस को मिला। जेडीएस से मुस्लिम वोट छिटका और कांग्रेस को शुद्ध फायदा हुआ। मुस्लिम वोट को एकजुट करने का यह कांग्रेस का फॉर्मूला था जो क्लिक कर गया।
– मल्लिकार्जुन खरगे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद उनका गृह राज्य कर्नाटक कांग्रेस के पास आ गया। दलित वोटर का भी कांग्रेस की तरफ बस थोड़ा सा झुकाव हुआ है।
– मोदी विरोधी सारे नेता कर्नाटक चुनाव का ही इंतज़ार कर रहे थे। कर्नाटक के नतीजे के बाद बाकी विपक्षी पार्टियां कांग्रेस से हाथ मिलाने की कोशिश कर सकती हैं लेकिन अभी याद रखना होगा कि इसी साल तीन बड़े हिंदी भाषी राज्यों के चुनाव बाकी हैं- ये हैं राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़।
– दक्षिण भारत में बीजेपी के लिए बड़ा झटका है क्योंकि कर्नाटक को उसके लिए दक्षिण का द्वार कहा जाता है और उस द्वार पर रोड ब्लॉक आ गया है। इसी साल दक्षिण के एक और राज्य तेलंगाना में चुनाव है। तेलंगाना के चुनाव में बीजेपी को पहले से ज़्यादा मेहनत करनी होगी।
– कांग्रेस सरकार बना सकती है लेकिन मार्जिन बहुत कम होगा। इसलिए कांग्रेस आलाकमान को अगले 5 साल बहुत संभल कर चलना होगा। सबसे पहले तो मुख्यमंत्री सही से चुनना होगा। अगर यहां मुख्यमंत्री बनाने में कांग्रेस ने गलती की तो वही होगा जो मध्य प्रदेश और राजस्थान में दिख चुका है। एक राज्य में सरकार गिर गई और दूसरे राज्य में कांग्रेस की धुकधुकी बढ़ी रहती है..
– बीजेपी को हर राज्य में कद्दावर रीज़नल लीडर प्रोजेक्ट करना पड़ेगा। बसवराज बोम्मई का कद सिद्धरामैया की तुलना में कम दिख रहा है। एंटी इमकम्बैंसी हावी दिख रहा है। पूरा चुनाव स्टेट गवर्नमेंट के परफॉर्मेंस पर हुआ। स्टेट गवर्नमेंट में मज़बूत लीडरशिप नहीं हुई तो हर राज्य में यूपी जैसा रिज़ल्ट नहीं दोहराया जा सकता।